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IPL 2020 Big Update : 15 अप्रैल से होगा आईपीएल तो बदल जाएगा पूरा खेल, जानिए हर डिटेल

संभावना है कि टूर्नामेंट में अब पूर्व योजना की तुलना में ज्यादा ‘डबल हेडर’ हों और कम से कम पांच वैकल्पिक स्थल तैयार रखे जा रहे हैं, क्योंकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली राज्य सरकारों ने खेलों के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

Updated on: 14 Mar 2020, 08:33 AM

New Delhi:

बीसीसीआई ने शुक्रवार को कोविड-19 (Kovid -19) महामारी के दबाव में झुकते हुए 29 मार्च से शुरू होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल 2020 (IPL 2020) को 15 अप्रैल तक निलंबित कर दिया. बीसीसीआई (BCCI) ने सचिव जय शाह ने बयान में कहा, भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण उत्पन्न हुए हालात के खिलाफ ऐहतियाती कदम के तहत आईपीएल 2020 (Indian Premier League 2020) को 15 अप्रैल 2020 तक निलंबित करने का फैसला किया है. इससे पहले दिल्ली सरकार ने कहा था कि स्वास्थ्य संकट के कारण राजधानी में किसी भी खेल गतिविधि को अनुमति नहीं दी जाएगी और इसके बाद बीसीसीआई ने यह फैसला लिया. दिल्ली आईपीएल की फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स का घरेलू शहर है. बीसीसीआई के बयान ने स्पष्ट कर दिया है कि यह ‘निलंबन’ है ‘स्थगित करना नहीं’ जिसका मतलब है कि इस पर कोई स्पष्टता नहीं है कि यह टूर्नामेंट 15 अप्रैल से शुरू होगा या नहीं. अगर यह 15 अप्रैल से भी शुरू होता है तो इसको दर्शकों के बिना के खाली स्टेडियम में कराए जाने की उम्मीद है.

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भारत में अब तक कोरोना वायरस से पीड़ित 75 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और कर्नाटक में गुरुवार को इस बीमारी से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. दुनिया भर में इससे 5000 के करीब लोगों की मौत हो चुकी है. बीसीसीआई इस साल के चरण के लिए शनिवार को मुंबई में होने वाली आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में तमाम गतिविधियों पर चर्चा करेगा. जय शाह ने बयान में कहा, बीसीसीआई अपने सभी शेयरधारकों और आम लोगों के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित और संवेदनशील है और प्रशंसकों सहित आईपीएल से जुड़े सभी लोगों के लिए सुरक्षित क्रिकेटिया अनुभव सुनिश्चित करने को सभी जरूरी कदम उठा रहा है.

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बोर्ड ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए वह केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करेगा. उन्होंने इसमें कहा, बीसीसीआई इस संबंध में खेल मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और सभी अन्य संबंधित केंद्र और राज्य सरकार विभागों के साथ मिलकर काम करेगा. ऐसी भी संभावना है कि टूर्नामेंट में अब पूर्व योजना की तुलना में ज्यादा ‘डबल हेडर’ (एक दिन में दो मुकाबले) हों और कम से कम पांच वैकल्पिक स्थल तैयार रखे जा रहे हैं, क्योंकि महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली राज्य सरकारों ने खेलों के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, केवल एकमात्र विकल्प बचा था कि जब तक (15 अप्रैल) वीजा प्रतिबंध नहीं हट जाता, तब तक इसे स्थगित कर दिया जाए. सभी फ्रेंचाइजी ने स्पष्ट कर दिया है कि विदेशी खिलाड़ियों के बिना आईपीएल कराने का कोई मतलब नहीं.

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उसने कहा, वैसे भी विदेशी खिलाड़ी व्यावसायिक वीजा के तहत आएंगे जो छूट दी जानी वाली श्रेणी में शामिल नहीं है. दूसरा कारण यह है कि तीन राज्य सरकारों ने आईपीएल मैच नहीं कराने का फैसला किया है. इसलिए साजो सामान संबंधित मुद्दों का निपटारा किया जाना है. अधिकारी ने कहा, हमें ऐसा करने के लिए कुछ समय चाहिए. आईपीएल को पहले 29 मार्च से शुरू होकर 24 मई को खत्म होना था और इस तरह से टूर्नामेंट 56 दिन तक चलता. अगर बीसीसीआई टूर्नामेंट को 15 अप्रैल से शुरू कर पाता है तो यह 40 दिन तक चलेगा क्योंकि अन्य अंतरराष्ट्रीय टीमों के आईसीसी भविष्य दौरा कार्यक्रम (FTP) को देखते हुए इसे इससे ज्यादा आगे तक खींचना संभव नहीं होगा. अधिकारी ने कहा, या तो प्रत्येक टीम के दो बार प्रत्येक टीम से भिड़ने के प्रारूप में थोड़ा बदलाव किया जाए या फिर हम जितने संभव हो, उतने ‘डबल हेडर’ मैच कराएं. इस साल फैसला किया गया था कि केवल पांच ही डबल हेडर खेल जाएंगे लेकिन अब चीजें काफी बदल गई हैं.

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फ्रेंचाइजी के मालिक भी उम्मीद कर रहे हैं कि अगर आईपीएल 15 अप्रैल से शुरू होता है तो जिन राज्य सरकारों ने मैचों के लिए अनुमति देने से इनकार किया है, वे स्थिति सुधरने पर इनके लिये हरी झंडी दे दें. बीसीसीआई सूत्र ने कहा, राज्य सरकार जरूरी हिस्सा हैं क्योंकि वे सुरक्षा (पुलिस) मुहैया कराते हैं और उसकी विभिन्न शाखाएं भी बीसीसीआई के साथ मिलकर काम करती हैं, अगर दिल्ली (दिल्ली कैपिटल्स), बेंगलुरु (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर) और महाराष्ट्र (मुंबई इंडियंस) मैचों की मेजबानी के खिलाफ फैसला करती हैं तो कुछ तटस्थ स्थल होंगे जो तैयार होंगे. इन फ्रेंचाइजी के लिए कुछ तटस्थ स्थल जो तैयार रखे जाएंगे, उनमें लखनऊ, राजकोट, इंदौर, रायपुर, विशाखापत्तनम होंगे. पुणे इस समय स्थलों की सूची से बाहर है, क्योंकि वहां कम से कम 10 कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिले हैं. इसके अलावा भी कुछ जरूरी मुद्दे हैं जिसमें फ्रेंचाइजी को मेजबान संघ को देने वाली फीस है जिस पर भी फिर से बातचीत की जरूरत होगी.

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बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, फ्रेंचाइजी को मेजबान संघों को 50 लाख रूपये देने थे, जो पहले के 30 लाख रूपये से ज्यादा था. निश्चित रूप से अगर वे इतनी प्रायोजन राशि कमा नहीं पाएंगे तो वे इस पर दोबारा चर्चा करना चाहेंगे. अगर मैच दर्शकों के बिना कराए जाते हैं और खिलाड़ियों के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक से फ्रेंचाइजी को काफी प्रायोजन राशि और गेट से मिलने वाली राशि का नुकसान होगा. स्टार स्पोर्ट्स ने प्रसारण अधिकारों के लिए पांच साल के लिए 16,347 करोड़ रुपये (प्रत्येक वर्ष करीब 5500 करोड़ रुपये) दिए थे और अगर आईपीएल के दिनों की संख्या कम होती है तो वह भी बीसीसीआई से इस पर फिर से चर्चा करना चाहेगा. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भारत में कई खेल प्रतियोगिताएं कोरोना वायरस के कारण स्थगित या रद हो चुकी हैं.