इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के बीते 11 संस्करणों की शुरुआत में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर हमेशा खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में उतरती है, लेकिन अभी तक उसके हिस्से एक भी खिताब नहीं आया है. टीम तीन बार 2009, 2011 और 2016 में फाइनल में पहुंची है लेकिन खिताब नहीं जीत सकी. इसके अलावा दो बार प्लेऑफ में भी पहुंची लेकिन आगे नहीं जा सकी. विश्व टी-20 में जितने बड़े नाम हैं उनमें से अधिकतर बेंगलोर के साथ रह चुके हैं. चाहे वो क्रिस गेल हों, ब्रेंडन मैक्कलम हों या अब्राहम डिविलियर्स. गेल और मैक्कलम इस सीजन टीम के साथ नहीं. बड़े नामों के बाद भी खिताब बेंगलोर से दूर ही रही है. इस टीम की बल्लेबाजी हमेशा से इसकी ताकत रही है. कप्तान विराट कोहली लगातार रन करते हैं और डिविलियर्स उनका हर सीजन बखूबी साथ देते हैं. फिर भी बेंगलोर को अंत में खिताब से दूर ही रहना पड़ता है. इस साल जब बेंगलोर उतरेगी तो पूरी कोशिश करेगी की खितब का सूखा खत्म करे.
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इसके लिए टीम को अपनी गेंदबाजी मजबूत करनी होगी साथ ही बल्लेबाजी और गेंदबाजी में संतुलन बनाने पर भी ध्यान देना होगा. बल्लेबाजी में हालांकि इस बार टीम के पास कोहली और डिविलियर्स को छोड़कर कोई और बड़ा बल्लेबाज नहीं है. टीम ने वेस्टइंडीज के शिमरोन हेटमायेर को 4.20 करोड़ रुपये में और दक्षिण अफ्रीका के हेनरिक क्लासेन को टीम में शामिल किया है जो असरदार साबित हो सकते हैं. इन चारों के बाद बल्लेबाजी का जिम्मा हरफनमौला खिलाड़ियों पर होगा. बेंगलोर ने इस सीजन मुंबई के हरफनमौला खिलाड़ी शुभम दुबे का पांच करोड़ रुपये में अपने साथ जोड़ा है. वहीं टीम के पास इंग्लैंड के मोइन अली, कोलिन डी ग्रांडहोम, मार्कस स्टोइनिस के रूप में अच्छे हरफनमौला खिलाड़ी हैं. इन सभी को बल्ले से अहम योगदान देना होगा.
गेंदबाजी में टीम में अधिकतर वही चेहरे हैं जो बीते सीजन में थे. इनमें सबसे बड़ा नाम लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल का है जो सीमित ओवरों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार धूम मचा रहे हैं. चहल ने बीते सीजन भी अच्छा किया था. दूसरे छोर पर साथ देने के लिए चहल के साथ वॉशिंगटन सुंदर और मोइन अली है. दोनों ऑफ स्पिनर हैं और बेंगलोर के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं. तेज गेंदबाजी में भी टीम के पास टिम साउदी जैसा अनुभवी और उमेश यादव, नाथन कल्टर नाइल जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाज है. अगर यह तीनों अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन कर पाते हैं बेंगलोर के खिलाफ रन करना मुश्किल होगा. मोहम्मद सिराज, नवदीप सैनी और कुलवंत खेजरोलिया के रूप में टीम के पास अच्छे विकल्प हैं. सिराज पहले भी आईपीएल में प्रभावशाली साबित हुए हैं.
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कोहली को टीम में वो संतुलन बनाना होगा जो अभी तक नदारद रहा है. जहां बल्लेबाज और गेंदबाज एक दूसरे का साथ दें और टीम को जीत दिलाएं. हमेशा की तरह बेंगलोर इस बार भी मजबूत लग रही है लेकिन लीग का अंत होने के बाद ही असल रूप में पता चलेगा कि टीम अपनी कमियों को पूरा कर पाई या नहीं. टीम ने अच्छे परिणाम लाने के लिए कोचिंग स्टाफ में बदलाव भी किए हैं और भारत को 2011 में विश्व कप दिलाने वाले कोच गैरी कर्स्टन को अपना मुख्य कोच नियुक्त किया है. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि टीम नए सिरे से शुरुआत कर नई इबारत लिखे.
टीम: विराट कोहली (कप्तान), अब्राहम डिविलियर्स, मिलिंद कुमार, हिम्मत सिंह, शिमरोन हेटमायेर, पार्थिव पटेल, हेनरिक क्लासेन, मोइन अली, कोलिन डी ग्रांडहोम, मार्कस स्टोइनिस, प्रयास रे बर्मन, अक्षदीप नाथ, गुरकीरत सिंह, शिवम दुबे, युजवेंद्र चहल, वॉशिंगटन सुंदर, पवन नेगी, कुलवंत खेजरोलिया, उमेश यादव, नवदीप सैनी, नाथन कल्टर नाइल, मोहम्मद सिराज, टिम साउदी.
Source : IANS