जिस चीज का आगाज होता है उसे अंजाम तक भी पहुंचना होता है। आईपीएल 2018 भी अब अपने आखिरी दौर में पहुंच गया है।
आईपीएल के 11वें सीजन में कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। अब खिताबी मुकाबले में 2 बार की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स का मुकाबला 2016 की विजेता टीम सनराजर्स हैदराबाद से है।
जहां सीएसके के प्रशंसकों को धोनी एंड कंपनी से एक और खिताबी जीत की उम्मीद होगी तो वहीं हैदराबाद की ऑरेंज आर्मी भी हर हाल में अपनी टीम को जीतते देखना चाहेगी।
आईपीएल फाइनल की बात करें तो सीएसके इससे पहले 6 बार फाइनल में पहुंच चुकी है लेकिन सिर्फ 2 बार ही खिताब जीतने में कामयाब हो पाई है जबकि 4 बार उसे फाइनल में हार का सामना करना पड़ा है।
वहीं दूसरी तरफ सनराइजर्स हैदराबाद का फाइनल में जीतने का रिकॉर्ड 100 प्रतिशत है। उसने अब से पहले सिर्फ एक बार (2016) में आईपीएल के फाइनल में प्रवेश कर जीत दर्ज की है।
सीजन 11 का मुकाबला इसलिए भी रोमांचक होगा क्योंकि दोनों ही टीमों के कप्तान पूरे सीजन में बेहतरीन फार्म में रहे हैं।
सीएसके के कप्तान एम एस धोनी ने 15 मैच में 455 रन बनाए हैं तो वहीं हैदराबाद के कप्तान केन विलियमसन ने 16 मैच में 688 रन बनाकर इस सीजन में अभी तक लीडिंग रन स्कोरर बने हुए हैं।
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दोनों कप्तानों के फॉर्म में होने की वजह से यह मुकाबला बेहद रोमांचक होगा। दोनों ही अपनी टीम के लिए 'कैप्टन लीडिंग फ्रॉम द फ्रंट' की भूमिका निभाना चाहेंगे।
आईपीएल 2018 में दोनों ही टीमों में बेहद संतुलन नजर आया है हालांकि हैदराबाद की टीम ने अब तक सबसे बेहतरीन गेंदबाजी का प्रदर्शन किया है।
टीम के गेंदबाज लगातार इतनी बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं कि टीम मैनेजमेंट को लगातार सोचना पड़ रहा है कि किसे टीम में जगह दें और किसे नहीं।
भुवनेश्वर कुमार, सिद्धार्थ कौल, बेसिल थंपी और स्टार खिलाड़ी राशिद खान वह नाम है जो किसी भी टीम के खिलाफ न सिर्फ इस सीजन में सधी हुई गेंदबाजी कराया है बल्कि लगातार अंतराल पर विकेट भी लिए हैं।
इन गेंदबाजों ने इतनी बेहतरीन गेंदबाजी की है कि क्रिस ज़ॉर्डन और मोहम्मद नवी जैसे गेंदबाजों को अभी प्रयाप्त मौके नहीं मिले हैं।
टीम को मजबूती देने के लिए हैदराबाद के पास शकीब अल हसन जैसा ऑलराउंडर भी है। शकीब ने अब तक इस सीजन में 14 विकेट लिए हैं और 216 रन भी बनाए हैं। शकीब फाइनल में भी हैदराबाद के लिए 'तुरुप का इक्का' साबित हो सकते हैं।
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केन विलियमसन के अलावा अगर सलामी बल्लेबाज शिखर धवन का बल्ला आज चल जाए और साथ में मनीष पांडे भी अपनी भूमिका बखूबी निभाए तो हैदराबाद की टीम चेन्नई को तीसरे खिताब से दूर रखने में कामयाब हो जाएगी।
वहीं कप्तान धोनी के मैजिक से हर कोई वाकिफ है। धोनी क्रिकेट में जीत के पर्याय बन चुके हैं। 2 साल बाद भी उनकी कप्तानी में पुरानी चमक देखने को मिल रही है।
जिस वक्त आईपीएल 2018 में खिलाड़ियों की नीलामी हुई थी उसके बाद से चेन्नई की टीम को 'बूढ़ों की आर्मी' तक कहा गया था। इसका कारण टीम में मौजूद खिलाड़ियों की उम्र थी। इमरान ताहिर 38 साल, हरभजन सिंह 37 साल, शेन वाटसन 36 साल, कप्तान धोनी 36 साल, डावान ब्रावो 34 साल फाफ डूप्लेसी 33 साल के हैं।
मुंबई इंडियंस की टीम का हिस्सा रहे अंबाती रायडू इस बार चेन्नई की टीम में हैं और बल्ले से आग उगल रहे हैं। उन्होंने 15 मैच में 586 रन बना लिए हैं। आज भी उनका बल्ला चला तो चेन्नई के लिए जीत की राह आसान होगी। हालांकि पिछले दो मैचों में गेंदबाजो ने उनके बल्ले को शांत करके रखा हुआ है।
अंबाती रायडू, शेन वाट्सन, सुरेश रैना और कप्तान धोनी की जैसे विस्फोटक बल्लेबाज चेन्नई के पास है तो वहीं रवींद्र जडेजा और ब्रावो जैसे ऑल राउंडर खिलाड़ी भी मौजूद हैं जो किसी भी मैच का रुख पलटने का दम खम रखते हैं।
लुंगी नगदी, दीपक चहर जैसे तेज गेंदबाज टीम को मजबूती देते आए हैं वह इस आईपीएल के खिताबी मुकाबले में चेन्नई की गेंदबाजी की रीढ़ साबित हो सकते हैं।
दोनों ही टीमें हर लिहाज से बराबर है। रविवार को शाम 7 बजे खेले जाने वाले इस खिताबी मुकाबले को कोई भी टीम जीते पर दर्शकों के लिए रोमांच भरपूर होगा इसकी गारंटी है।
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Source : Sankalp Thakur