आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 (ICC World Cup 2019) के 14वें मैच में आज यानी सुपर संडे को टीम इंडिया का मुकाबला विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के साथ अबसे कुछ ही देर में होगा. टूर्नामेंट में यह भारत का दूसरा, जबकि ऑस्ट्रेलिया का तीसरा मैच है. वैसे तो विश्व कप में अब तक 11 बार ऑस्ट्रेलिया और भारत में भिड़ंत हो चुकी है. भारत केवल 3 और ऑस्ट्रेलिया को 8 मैचों में जीत मिली है. इन 11 मैचों में 2 ऐसे रहे जिसे सदियों तक याद रखा जाएगा. ये वो मुकाबले हैं जब भारत को ऑस्ट्रेलिया ने 1 रन से मात देकर करोड़ों हिंदुस्तानियों का दिल तोड़ दिया था.
1992: गाबा में 1 रन से हारी टीम इंडिया
1992 में विश्व कप का आयोजन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने संयुक्त रूप से किया था. बारिश के खलल के साथ ही भारतीय पारी की शुरुआत हुई. भारत को 50 ओवर में 238 रन का लक्ष्य मिला था. बाद में इसे 47 ओवर में 236 का कर दिया. मोहम्मद अजहरूददीन (Mohammed Azharuddin)ने 93 और Sanjay Manjrekar ने 42 बाल में 47 रन बनाए. दोनों के रन आउट होने के बाद भारतीय पारी लड़खड़ा गई.
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अंतिम गेंद पर 4 रन की जरूरत थी. जवागल श्रीनाथ ने टाम मूडी की गेंद को लांग ऑन पर ऊंचा खेला लेकिन ताकत कम लगा और गेंद स्टीव वाग के हाथ में आते आते रह गई. इधर श्रीनाथ और वेंकटपति राजू 2 रन ले चुके थे, 3 रन के लिए वेंकटपति राजू ने दौड़ लगाई लेकिन विकेट कीपर डेविड बून ने गिल्लियां बिखेर दी. एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 1 रन से मात दे दी.
1987: पहली बार 1 रन से हुआ विश्व कप में फ़ैसला
अक्तूबर-नवंबर 1987 में पहली बार इंग्लैंड से बाहर विश्व कप आयोजन हुआ. रिलायंस वर्ल्ड कप के नाम से खेले गये इस विश्व कप का भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से आयोजन किया. टूर्नामेंट का तीसरा ही मैच था. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चेन्नई में खेला गया मैच कौन भूल सकता है. वह मुक़ाबला दिल थाम कर देखने वाला था.
टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव ने टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाज़ी के लिए न्योता दिया. ऑस्ट्रेलिया ने डेविड बून और ज्योफ़ मार्श की शतकीय साझेदारी की बदौलत 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 270 रन बना डाले.
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इसके जवाब में भारत ने भी सधी हुई बल्लेबाज़ी की और एक वक्त के श्रीकांत के 70 और नवजोत सिद्धू के 73 रनों की बदौलत दो विकेट के नुकसान पर 207 रन बना लिये थे, लेकिन सिद्धू के आउट होते ही भारतीय पारी में तू चल मैं आता हूं का सिलसिला चल निकला और पूरी टीम ऑस्ट्रेलिया के 270 रनों से महज एक रन दूर 269 पर ऑल आउट हो गई. रनों के लिहाज से यह पहली बार था कि विश्व कप में किसी मैच का फ़ैसला महज 1 रन के अंतर से हुआ था. हालांकि, इस मुक़ाबले से पहले वनडे क्रिकेट में तीन बार 1 रन से फ़ैसला हो चुका था.