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World Cup Final: अपने पहले विश्व खिताब के लिए मैदान पर भूखे शेरों की तरह उतरेंगे इंग्लैंड और न्यूजीलैंड

गेंदबाजी में तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स और जोफ्रा आर्चर की अगुवाई में गेंदबाजों ने धारदार गेंदबाजी करके विरोधियों पर लगातार दबाव बनाया है. मेजबान होने के नाते इंग्लैंड को उसकी घरेलू परिस्थितियों का फायदा मिल सकता है.

Updated on: 13 Jul 2019, 02:47 PM

लंदन:

क्रिकेट का 'मक्का' कहे जाने वाला ऐतिहासिक लॉर्डस मैदान विश्व क्रिकेट को एक नया चैंपियन देने के लिए तैयार है. यह नया चैंपियन मेजबान इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में से कोई एक हो सकता है, जिन्हें रविवार को यहां एक-दूसरे के खिलाफ आईसीसी विश्व कप-2019 का फाइनल खेलना है. इंग्लैंड की टीम 27 साल बाद फाइनल में पहुंची है. उसका यह चौथा फाइनल है. वह इससे पहले तीन बार फाइनल खेल चुकी है, लेकिन एक बार भी खिताब नहीं जीत पाई है. इस बार हालांकि उसे मेजबान होने के नाते खिताब का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है. इंग्लैंड ने मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को आठ विकेट से करारी मात देकर फाइनल में कदम रखा है.

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वहीं, किस्मत के सहारे सेमीफाइनल में पहुंची न्यूजीलैंड की टीम ने खिताब की दावेदार माने जाने वाली भारत को रोमांचक मुकाबले में 18 रनों से हराकर दूसरी बार फाइनल में अपना स्थान पक्का किया है. कीवी टीम को 2015 के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इयॉन मॉर्गन की कप्तानी वाली इंग्लैंड लीग चरण में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया से हारने के बाद पूरी तरह बदल गई है. इंग्लैंड के पहले तीन बल्लेबाज अब तक मैच विजेता साबित हो रहे हैं और इन तीनों ने टीम के लिए अब तक 1471 रन बनाए हैं. इसके अलावा अनुभवी बल्लेबाज जो रूट भी शानदार फॉर्म में चल रहे हैं, जिनके नाम इस विश्व कप में अब तक 549 रन दर्ज हैं. वनडे में न्यूजीलैंड के खिलाफ रूट के नाम 925 रन हैं जो इंग्लैंड के लिए रिकॉर्ड है.

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गेंदबाजी में तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स और जोफ्रा आर्चर की अगुवाई में गेंदबाजों ने धारदार गेंदबाजी करके विरोधियों पर लगातार दबाव बनाया है. मेजबान होने के नाते इंग्लैंड को उसकी घरेलू परिस्थितियों का फायदा मिल सकता है, लेकिन कीवी कोच गैरी स्टीड यह पहले ही कह चुके हैं उनकी टीम छुपा रुस्तम साबित हो सकती है. न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर दिखा दिया है कि अनिश्चिताओं के इस खेल में कुछ भी असंभव नहीं है. हालांकि टीम की सलामी जोड़ी के लगातार असफल होने की वजह से कप्तान केन विलियमसन और रॉस टेलर के कंधों पर रन बनाने की अतिरिक्त जि़म्मेदारी आ गई है. विलियमसन नौ मैचों में अब तक 548 रन बना चुके हैं जबकि टेलर के खाते में इतने ही मैचों में 335 रन हैं.

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पिछले विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज मार्टिन गप्टिल ने इस बार निराश किया है. गप्टिल अब अपने खराब फॉर्म को भुलाकर फाइनल में यादगार पारी खेलना चाहेंगे ताकि उनकी टीम पहली बार विश्व चैंपियन बनने के सपने को पूरा कर सके. गेंदबाजी में लॉकी फर्ग्यूसन (18 विकेट) और मैट हैनरी (13 विकेट) की धारदार गेंदबाजी के अलावा ट्रेंट बोल्ट (17 विकेट) के अनुशासन की वजह से ही न्यूजीलैंड ने लगातार विरोधी टीम की बल्लेबाजी को ध्वस्त करके मैच का रूख अपनी तरफ पलटा है. हालांकि हालिया फॉर्म, लीग चरण का प्रदर्शन और घरेलू मैदान होने की वजह से इंग्लैंड का पलड़ा थोड़ा भारी लगता है लेकिन एक टीम के तौर पर न्यूजीलैंड को बड़े मुकाबलों में हल्के में नहीं लिया जा सकता है और यही कारण है कि मेजबान इंग्लैंड को फाइनल में न्यूजीलैंड से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है.

टीमें-
इंग्लैंड: इयॉन मॉर्गन (कप्तान), मोइन अली, जोफ्रा आर्चर, जॉनी बेयरस्टो (विकेटकीपर), जॉस बटलर, टॉम कर्रन, लियाम डॉसन, लियाम प्लंकेट, आदिल राशिद, जो रूट, बेन स्टोक्स, जेम्स विंस, क्रिस वोक्स और मार्क वुड.

न्यूजीलैंड: केन विलियमसन (कप्तान), टॉम ब्लंडल, ट्रेंट बोल्ट, कॉलिन डि ग्रैंडहोम, लॉकी फर्ग्यूसन, मार्टिन गप्टिल, टॉम लेथम, कॉलिन मनरो, जिमी नीशम, हैनरी निकोल्स, मिचेल सैंटनर, ईश सोढी, टिम साउदी और रॉस टेलर.