World Cup, ENG vs IND: ''बल्लेबाजी के लिए विजय शंकर की जगह हार्दिक पांड्या को नंबर-4 पर उतारना चाहिए''
मोहम्मद शमी ने दो मैचों में आठ विकेट लिए हैं, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि वह प्राथमिक तौर पर अंतिम-11 में क्यों नहीं थे?
नई दिल्ली:
ऐजबेस्टन में तेज गेंदबाजों के लिए परिस्थतियों काफी नाटकीय है. इंग्लैंड ने यहां 2015 में खेले गए मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ नौ विकेट के नुकसान पर 408 रन बनाए थे. हालांकि अभी जारी आईसीसी विश्व कप में यहां दो मैच खेले गए हैं, लेकिन स्कोर 250 से ज्यादा नहीं रहा है और तेज गेंदबाजों ने यहां अपना जलवा दिखाया है. इसी बीच रविवार को भारत और इंग्लैंड का मुकाबला खेला जाना है और इस मैच में मौसम को लेकर भविष्यवाणी यह है कि यहां 50-50 रहेगा यानी बारिश की संभावना भी उतनी ही है जितनी धूप निकलने की.
यहां का तापमान 21 डिग्री सेल्सियस है. दूसरी पारी की अपेक्षा पहली पारी में बादल ज्यादा छाए रहेंगे. बादल होना और तापमान का ज्यादा न होने का मतलब है कि इंग्लैंड में स्विंग मिलेगी, लेकिन सफेद कुकाबुरा गेंद अपनी फ्लैट सीम के साथ ज्यादा स्विंग नहीं करेगी. इसलिए बल्लेबाजों को सतर्क रहना होगा, लेकिन ज्यादा चिंता नहीं करनी होगी. साथ ही भारत अगर नंबर-4 पर हार्दिक पांड्या को आजमाता है तो वह इंग्लैंड के खिलाफ अच्छा कर सकता है. वह किसी तरह के दबाव में नहीं हैं और अपना स्वाभाविक खेल खेल सकते हैं.
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अतिरिक्त समय मिलने के कारण पांड्या विपक्षी टीम से मैच छीन सकते हैं. भारत की इंग्लैंड समर में दो कलाई के स्पिनरों के साथ खेलन की रणनीति वाकई हटकर है, क्योंकि यहां उंगली के स्पिनरों को तरजीह दी जाती है. कुलदीप यादव सिर्फ बल्लेबाजों को छका नहीं रहे हैं, बल्कि गुगली भी अच्छी कर रहे हैं. क्या वो अपनी रोंगवन नॉकआउट दौर के लिए बचा कर रख रहे हैं? मोहम्मद शमी के आने से एक बात साबित हो गई है कि पहले हाफ में तेज गेंदबाज कारगर साबित हो रहे हैं.
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मोहम्मद शमी ने दो मैचों में आठ विकेट लिए हैं, जिससे यह सवाल खड़ा हो गया है कि वह प्राथमिक तौर पर अंतिम-11 में क्यों नहीं थे? तीन तेज गेंदबाजों के साथ खेलना सही होता. लेकिन तापमान बढ़ रहा है और विकेट सूख रहे हैं, ऐसे में बिना किसी शक के दो स्पिनरों के साथ खेलना सही है. भारत को हालांकि रवींद्र जडेजा के विकल्प को नहीं भूलना चाहिए. इंग्लैंड के पास भी तीन बेहतरीन तेज गेंदबाज- क्रिस वोक्स, जोफ्रा आर्चर और मार्क वुड हैं. ये तीनों शानदार खेल रहे हैं, लेकिन सफलता का फल अभी तक पूरी तरह से इन्हें मिला नहीं है.
भारत को इससे सावधान रहना चाहिए. उनके शीर्ष-6 बल्लेबाजों का रिकार्ड शानदार है, लेकिन वह हर हाल में मैच जीतने की स्थिति का दबाव महसूस कर सकते हैं. (ये लेख आशीष रे द्वारा लिखा गया है. रे एक सीनियर क्रिकेट लेखक हैं और पूर्व में ब्रॉडकास्टर भी रह चुके हैं. वह 'क्रिकेट वर्ल्ड कप: द इंडियन चैलेंज' किताब के लेखक भी हैं).
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