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जिम्बॉब्वे ने श्रीलंका को हराकर रचा इतिहास, 8 साल बाद अपने घर में जीता वनडे सीरीज

इससे पहले 2009 में जिम्बॉब्वे ने केन्या को अपने घर में 5-0 से हराकर सीरीज जीती थी। यही नहीं, जिम्बॉब्वे की टीम ने 16 साल बाद आईसीसी के किसी पूर्ण सदस्य से कोई सीरीज जीती है।

Updated on: 10 Jul 2017, 07:27 PM

highlights

  • 2009 के बाद जिम्बॉब्वे ने अपने घर में जीता कोई सीरीज, आखिरी बार केन्या को दी थी मात
  • 2001 के बाद पहली बार आईसीसी के किसी पूर्ण सदस्य टीम से जिम्बॉब्वे ने जीता सीरीज
  • श्रीलंका के खिलाफ पांच मैचों की सीरीज जिम्बॉब्वे ने 3-2 से की अपने नाम

नई दिल्ली:

जिम्बॉब्वे ने आखिरी मैच में श्रीलंका को तीन विकेट से हराते हुए पांच वनडे मैचों की सीरीज 3-2 से जीतकर इतिहास रच दिया है। जिम्बॉब्वे ने करीब आठ साल बाद अपने ही घर में कोई सीरीज अपने नाम की है। इससे पहले 2009 में जिम्बॉब्वे ने केन्या को अपने घर में 5-0 से हराकर सीरीज जीती थी।

यही नहीं, जिम्बॉब्वे टीम ने 16 साल बाद आईसीसी के किसी पूर्ण सदस्य से कोई सीरीज जीती है। 2001 में जिम्बॉब्वे ने बांग्लादेश को हराया था। इससे पहले उसने न्यूजीलैंड को 2-1 से मात दी थी।

बहरहाल, टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनते हुए जिम्बाब्वे ने मेजबान टीम को 50 ओवरों में आठ विकेट पर 203 रन के स्कोर पर रोक दिया और इसके बाद हैमिल्टन मसाकाद्जा (73) की बेहतरीन पारी के दम पर 38.1 ओवरों में सात विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया।

पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका अच्छी शुरुआत नहीं कर पाई और उसने 31 रनों पर ही अपने तीन विकेट खो दिए। सलामी बल्लेबाज दानुष्का गुणाथिलका (52) एक छोर पर खड़े रहे लेकिन दूसरे छोर पर लगातार विकेट गिरते रहे।

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कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (24) ने उनके साथ चौथे विकेट के लिए 47 रन जोड़े। गुणाथिलका ने इसके बाद असेला गुणारत्ने (नाबाद 59) के साथ पांचवें विकेट के लिए 41 रनों की साझेदारी की।

इस बीच 119 के कुल स्कोर पर गुणाथिलका पवेलियन लौट गए और गुणरत्ने अकेले संघर्ष करते रहे। अंत में उन्होंने दुशमंथा चामिरा (18) के साथ टीम को 200 का आकंड़ा पार कराया।

इस छोटे से लक्ष्य को हासिल करना भी जिम्बाब्वे के लिए आसान नहीं रहा। उसे मसाकाद्जा और सोलोमोन मिरे (43) ने अच्छी शुरुआत तो दी, लेकिन मध्य क्रम में कुछ विकेट लगातार गिर जाने के कारण एक समय टीम संकट में नजर आने लगी थी।

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मिरे और मसाकाद्जा ने पहले विकेट के लिए 92 रन जोड़े। पहला विकेट मिरे का गिरा जबकि मसाकाद्जा 137 के कुल स्कोर पर दूसरे विकेट के तौर पर पवेलियन लौटे।

ताईसाई मुसाकांड (37) ने इस दौरान एक छोर पकड़े रखा और मध्यक्रम की असफलता को छुपा लिया। अंत में सिकंदर रजा ने नाबाद 27 रनों की पारी खेल जिम्बाब्वे को ऐतिहासिक जीत दिलाई। कप्तान ग्रीम क्रेमर भी 11 रन बनाकर नाबाद रहे।

बताते चलें कि जिम्बाब्वे ने पहला मैच जीतकर सीरीज की अच्छी शुरुआत की थी। वहीं श्रीलंका ने लगातार दो मैच जीतते हुए 2-1 से बढ़त ले ली थी, लेकिन अंतिम के दोनों मैचों में जिम्बाब्वे ने शानदार प्रदर्शन किया और लगातार दो जीत हासिल करते हुए सीरीज पर कब्जा जमाया।

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