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साल 2020 क्रिकेट : तमाम दर्द के बावजूद जाते-जाते जीत की राह दे गया 2020

साल 2020 जब आया था तब उम्मीद थी कि अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप को जीतकर भारत इसे यादगार बनाएगा, लेकिन कोरना वायरस का साया ऐसा छाया कि विश्व कप स्थगित हो गया.

Updated on: 31 Dec 2020, 06:48 PM

नई दिल्ली :

साल 2020 जब आया था तब उम्मीद थी कि अक्टूबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप को जीतकर भारत इसे यादगार बनाएगा, लेकिन कोरना वायरस का साया ऐसा छाया कि विश्व कप स्थगित हो गया. कोविड-19 ने अधिकतर समय क्रिकेट नहीं होने दी और इसी बीमारी के कारण यह साल भूलने वाला रहा. सिर्फ यही नहीं, क्रिकेट के दीवानों को कोविड-19 के अलावा भी कई बुरी खबरों मिली, ऐसी खबरें जो प्रशंसकों को बीमारी से ज्यादा परेशान कर गईं उनमें से एक थी टीम इंडिया के पूर्व धोनी के संन्यास की खबर, डीन जोंस, बापू नादकर्णी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का निधन और साल के आखिरी महीने में भारत का टेस्ट इतिहास में एक पारी में सबसे कम स्कोर पर ढेर होना. 

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साल का अंत हालांकि भारत ने जिस तरह से किया है उसने अगले साल के लिए एक सकारात्मक सोच टीम में जरूर डाली होगी जो 2020 की कड़वी यादों को भूला अगले साल में एक शानदार जीत हासिल करते हुए कदम रख रही है. 2020 के जाते-जाते बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में भारत ने जिस तरह से जीत हासिल की है उसने इस साल के अंत को एक तरह से सुखद बनाया है. भारत ने साल की शुरुआत तो दो सीरीज जीत के साथ की थी. घर में खेली गई तीन मैचों की टी-20 सीरीज में श्रीलंका को 2-1 से हराया था और फिर वनडे सीरीज में आस्ट्रेलिया को 2-1 से मात दी. यहां से टीम न्यूजीलैंड गई. भारत के लिए न्यूजीलैंड दौरा अच्छा नहीं रहा. टी-20 सीरीज में न्यूजीलैंड को 5-0 से हराया, लेकिन वनडे सीरीज 0-3 से हार गई. टेस्ट में भारत को बेहद निराशा हाथ लगी. दो मैचों की टेस्ट सीरीज में न्यूजीलैंड के सामने कोहली की सेना संघर्ष करती दिखी.
न्यूजीलैंड दौरे को पीछे छोड़ भारत का ध्यान घर में दक्षिण अफ्रीका के साथ खेली जाने वाली वनडे सीरीज पर था, लेकिन कोविड़ के बढ़ते कहर ने इस सीरीज को रद्द करवा दिया. मार्च में यह सीरीज होनी थी और यह वो समय था जब धीरे-धीरे वायरस पैर पसार रहा था. किसी को भी अंदाजा नहीं था कि हालात इतने मुश्किल होने वाले हैं कि घर से बाहर निकलना खतरा होगा. 25 मार्च को भारतीय सरकार ने तालाबंदी की घोषणा कर दी और इसी खबर के साथ यह बात पक्की हो गई कि 28 मार्च से शुरू होने वाला आईपीएल इस बार तय कार्यक्रम पर नहीं होगा.

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आईपीएल पर काले बादल मंडरा रहे थे. लग रहा था कि इस बार क्रिकेट कैलेंडर आईपीएल के बिना ही खत्म होगा क्योंकि स्थिति दिन ब दिन मुश्किल हो रही थी. सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई के लिए यह काफी मुश्किल था क्योंकि आईपीएल का न होना रेवेन्यू के लिहाज से बोर्ड को बहुत बड़ा झटका था. आईपीएल के साथ-साथ अक्टूबर में आस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप पर भी काले बादल छा गए. इन दो टूर्नामेंट्स के बीच बीसीसीआई, आईसीसी और क्रिकेट आस्ट्रेलिया झूलती रही. क्रिकेट आस्ट्रेलिया के लिए कोविड-19 के रहते 16 देशों की मेजबानी करना मुश्किल था और सभी इस बात को समझ भी रहे थे. अंतत: यह खबर भी आ गई की टी-20 विश्व कप को स्थगित किया जा रहा है और यह टूर्नामेंट 2022 में खेला जाएगा क्योंकि 2021 में पहले से ही एक टी-20 विश्व कप की मेजबानी भारत के पास है.

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इस साल टी-20 विश्व कप के स्थगित होने पर भारतीय बोर्ड ने आईपीएल की विंडो तलाशी और फैसला किया गया कि 20 सितंबर से 10 नवंबर के बीच आईपीएल के 13वें सीजन का आयोजन कराया जाएगा. हां, यह आयोजन भारत में नहीं हुआ बल्कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इसकी मेजबानी की. आईपीएल के टीमों के रवाना होने से पहले हिन्दुस्तान के प्रशंसकों को एक ऐसी खबर मिली जिसकी उम्मीद इस साल तो प्रशंसक नहीं कर रहे थे. भारत के दो बार के विश्व विजेता कप्तान एमएस धोनी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया. एमएस धोनी ने 15 अगस्त को शाम को 7:26 बजे अपने इंस्टाग्राम पर एक छोटा का पोस्ट लिख अपने करियर की समाप्ति की घोषणा कर दी. धोनी ने इस बार भी वही किया जिसके लिए वो जाने-जाते है-हैरान करना. चुपचाप से उन्होंने अपने अंदाज में अपना फैसला दुनिया के सामने रख दिया. महेंद्र सिंह धोनी आखिरी बार 2019 विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले थे. इसके बाद वह आराम के चलते टीम से बाहर चल रहे थे. उनके टी-20 विश्व कप में खेलने की उम्मीद थी लेकिन कोविड-19 के कारण वह भी स्थगित हो गया था. धोनी के प्रशंसकों को अपने पसंदीदा खिलाड़ी से आईपीएल में वही प्रदर्शन की उम्मीद थी जिसके लिए चेन्नई सुपर किंग्स का यह कप्तान जाना जाता है. कप्तान धोनी अपनी टीम को इस सीजन वो सफलता नहीं दिला पाए और टीम पहली बार आईपीएल के प्लेऑफ में जाने से चूक गई. सवाल तो यह भी उठे थे कि धोनी का यह आखिरी आईपीएल होगा लेकिन एक मैच में टॉस के समय पूछे गए इस सवाल पर धोनी के छोटे से जवाब-'डेफिनेटली नॉट' (बिल्कुल नहीं) ने यह साफ कर दिया कि धोनी 2021 में भी चेन्नई के लिए खेलते नजर आएंगे.

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आईपीएल ने लोगों के चेहरे पर मुस्कान दी थी और लंबे अरसे बाद वह घर में टीवी के सामने बैठकर क्रिकेट देख रहे थे. इसी बीच एक ऐसी खबर भी आई जिसने सभी को एक बार फिर निराश कर दिया। आस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज डीन जोंस का अचानक मुंबई के होटल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. डीन जोंस आईपीएल कॉमेंट्री टीम का हिस्सा थे.  क्रिकेट इस बीच इससे आगे बढ़ी. मुंबई इंडियंस ने लगातार दूसरा और अपना कुल पांचवां आईपीएल खिताब जीता. भारत के आस्ट्रेलियाई दौरे का ऐलान हो गया. भारत के लिए यह दौरा ऐतिहासिक था क्योंकि 2018-19 के दौरे पर भारत ने 71 साल बाद टेस्ट सीरीज जीत इतिहास रचा था. इस बार भी कोहली की टीम से काफी उम्मीदें थीं. दौरे की शुरुआत तीन मैचों की वनडे सीरीज से हुई जिसमें भारत को मात मिली. इस सीरीज का हिसाब भारत ने टी-20 सीरीज जीत कर किया. अब सभी की नजरें चार टेस्ट मैचों की सीरीज पर थीं। सीरीज से पहले ही कोहली ने बता दिया था कि वह पहले टेस्ट मैच के बाद भारत लौटेंगे क्योंकि वह अपने पहले बच्चे के जन्म के समय अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ रहना चाहते हैं.

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एडिलेड से टेस्ट सीरीज की शुरुआत हुई. भारत ने डे-नाइट टेस्ट मैच के शुरुआती दो दिन अपना दबदबा दिखाया और आस्ट्रेलिया को दबाव में रखा. कप्तान ने पहली पारी में 74 रन बनाए, लेकिन शतक पूरा नहीं कर पाए. मैच के तीसरे दिन वो हुआ जिसने सभी को हैरान को दिया. मैच के तीसरे दिन भारत अपनी दूसरी पारी में महज 36 रनों पर ढेर हो गई जो उसका टेस्ट की एक पारी में अभी तक का सबसे कम स्कोर है. इस मैच को भारत हार भी गई. दूसरी पारी में कोहली भी नहीं चले, न रहाणे चले, न पुजारा का बल्ला चला. टेस्ट की हार के बाद कोहली स्वदेश लौट गए और इसी के साथ यह दूसरा ऐसा साल रहा जब कोहली ने एक भी शतक नहीं जमाया हो. इससे पहले कोहली ने 2008 मे जब पदार्पण किया था जब वह उस साल एक भी शतक नहीं जमा पाए थे. एडिलेड में 36 रनों पर ढेर होने के बाद भारत की चौतरफा आलोचना हो रही थी. कई दिग्गजों ने भारत को सीरीज से नकार दिया था और कहा था कि चूंकि कोहली जा चुके हैं इसलिए अब भारतीय टीम की वापसी मुमकिन नहीं. कोहली की जगह अजिंक्य रहाणे को टीम की कप्तानी करनी थी और उन्हीं पर टीम का दारोमदार थाण् स्वभाव से शांत रहाणे ने 26 दिसंबर से खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच में जिस तरह की बल्लेबाजी और कप्तानी की उसने सभी को प्रभावित किया. इतना ही नहीं भारत ने इस मैच में आस्ट्रेलिया को मात दे पंडितों की भविष्यवाणियों को धता बता दिया और साल का अंत एक ऐसी जीत के साथ किया जिसे भारत के क्रिकेट इतिहास में सबसे शानदार जीतों में रखा जाएगा.

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वहीं भारत की महिला क्रिकेट टीम की बात करें तो साल की शुरुआत टीम ने जितनी क्रिकेट खेली उतनी ही खेल पाई क्योंकि कोविड के बाद अभी तक टीम को मैदान पर वापसी करनी है. भारत ने मार्च में आस्ट्रेलिया में खेले गए टी-20 विश्व कप में हिस्सा लिया और फाइनल तक का सफर तय किया. हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली टीम हालांकि फाइनल नहीं जीत पाई. उसे मेजबान आस्ट्रेलिया ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर खेले गए फाइनल में मात दी. यह मैच ऐतिहासिक रहा क्योंकि इस मैच में 86, 174 दर्शक मैच देखने पहुंचे थे। इससे पहले किसी भी महिला क्रिकेट टीम के मैच में इतने दर्शक नहीं पहुंचे थे. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नहीं लेकिन भारतीय महिला खिलाड़ियों ने आईपीएल के प्लेऑफ के दौरान महिला टी-20 चैलेंज में शिरकत जरूर की. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो कोविड-19 के बीच जुलाई में इंग्लैंड ने बायो सिक्योर बबल में वेस्टइंडीज टीम की मेजबानी की. इसी सीरीज से क्रिकेट की वापसी संभव हो सकी. इसके बाद वह पाकिस्तान और आस्ट्रेलिया की मेजबानी इंग्लैंड ने की.