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विश्व विजेता कप्तान कपिल देव ने कही बड़ी बात, बोले चार ओवर तक गेंदबाजी में ही... 

भारत को सबसे पहले अपनी कप्तानी में वन डे विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव इस बात से दुखी हैं कि आज के क्रिकेट खिलाड़ियों में उस तरह की स्टेमिना नहीं है, जैसी पहले हुआ करती थी.

Updated on: 02 Jul 2021, 08:28 AM

नई दिल्ली :

भारत को सबसे पहले अपनी कप्तानी में वन डे विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव इस बात से दुखी हैं कि आज के क्रिकेट खिलाड़ियों में उस तरह की स्टेमिना नहीं है, जैसी पहले हुआ करती थी. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव ने कहा है कि आज के जमाने के गेंदबाजों को चार ओवर तक गेंदबाजी करने के बाद थकते हुए देखना दुखद है. कपिल ने इंडिया टुडे से कहा कि आज का क्रिकेट बेसिक है, आपको या तो बल्लेबाजी करनी है या गेंदबाजी करनी है. हमारे समय में आपको सब करना होता था. क्रिकेट अब बदल गया है. उन्होंने कहा कि कई बार मुझे यह देखकर दुख होता है कि खिलाड़ी महज चार ओवर तक गेंदबाजी करने के बाद थक जाते हैं. मैंने सुना है कि इन्हें तीन या चार ओवर से ज्यादा गेंदबाजी नहीं करने दिया जाता है.

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कपिल देव ने कहा कि मुझे याद है हमारे समय में हम लोग यह नहीं कह पाते थे कि यह सही है और यह गलत है. अगर आखिरी बल्लेबाजी भी बल्लेबाजी करने आता था तो हमें कम से कम 10 ओवर फेंकने पड़ते थे. आज के दौर में इनके लिए यह चार ओवर काफी होते हैं जिससे हमारे जमाने के खिलाड़ियों को काफी अजीब लगता है. ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या फिटनेस के कारण गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं और वह सिर्फ बल्लेबाजी करते हैं.

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कपिल देव ने ही साल 1983 में अपनी कप्तानी में वन डे विश्व कप जिताया था. साल 1983 की टीम में कई ऑलराउंडर थे. जोे बल्लेबाजी ओर गेंदबाजी दोनों में अपनी टीम के लिए बड़ा योगदान दिया करते थे. खुद कप्तान कपिल देव ऑलराउंडर रहे हैं, वे कप्तानी के साथ ही तेज गेंदबाजी करते थे और निचले क्रम पर बल्लेबाजी भी किया करते थे. जब भारत ने विश्व प जीता था, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि ये टीम विश्व कप जीत सकती है. लेकिन कपिल देव की टीम ने विश्व कप जीता और इतिहास रच दिया. भारत अब तक दो  ही बार विश्व कप जीत सका है. पहले कपिल देव की कप्तानी में और उसके बाद साल 2011 में एमएस धोनी की कप्तानी में. इसके बार हर बार टीम इंडिया को निराशा ही हाथ लगी है.