World Cup: जब 45 मिनट की कॉल ने बदल दिया था रिटायरमेंट का फैसला, जानें किसकी बात मान रुके थे सचिन तेंदुलकर
मास्टर ब्लास्टर ने बताया कि विश्व कप (World Cup) के बाद वह 90 प्रतिशत तक संन्यास लेने का मन बना चुके थे लेकिन उसी समय उनके भाई ने उन्हें वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज विवियन रिचर्डस से बात करने की सलाह दी.
नई दिल्ली:
क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने रिटायरमेंट को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. इंडिया टुडे की ओर से आयोजित सलाम क्रिकेट कार्यक्रम में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने शिरकत की और बताया कि 2007 विश्व कप (World Cup) में मिली शर्मनाक हार के बाद वह रिटायरमेंट लेना चाहते थे. बता दें कि 2007 के विश्व कप (World Cup) में भारतीय टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी, जिसके बाद सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की कड़ी आलोचना भी हुई थी. इस विश्व कप (World Cup) में सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने 3 मैच खेलकर महज 64 रन बनाए थे, साथ ही उसे ग्रुप स्टेज में बांग्लादेश और श्रीलंका के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
मास्टर ब्लास्टर ने बताया कि विश्व कप (World Cup) के बाद वह 90 प्रतिशत तक संन्यास लेने का मन बना चुके थे लेकिन उसी समय उनके भाई ने उन्हें वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज विवियन रिचर्डस से बात करने की सलाह दी.
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सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कहा, 'मुझे लगा कि बस अब हो गया. उस समय भारतीय क्रिकेट में बहुत कुछ हो रहा था और टीम का माहौल भी अच्छा नहीं था. हमें कुछ बदलाव की जरूरत थी और मुझे लगता है कि अगर वह बदलाव नहीं होते तो मैं क्रिकेट खेलना छोड़ देता. मैंने 90 प्रतिशत संन्यास लेने का मन बना लिया था. मगर मेरे भाई ने कहा कि 2011 विश्व कप (World Cup) का फाइनल मुंबई में है, क्या आप कल्पना कर सकते हो कि खूबसूरत ट्रॉफी अपने हाथों में लिए हुए हो.'
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने खुलासा किया कि इसके बाद उन्होंने 45 मिनट विवियन रिचर्डस से फोन पर बात की और उसके बाद संन्यास लेने का फैसला बदल दिया.
मास्टर ब्लास्टर ने आगे कहा, 'इसके बाद मैं अपने फार्महाउस चला गया, जहां मुझे अपने हीरो सर विव का फोन आया. उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे पता है कि आपमें अभी काफी क्रिकेट बाकी है. हमारी करीब 45 मिनट फोन पर बातचीत हुई और वह काफी शानदार थी क्योंकि आपके बल्लेबाजी हीरो का फोन आया था. यह काफी मायने रखता है. वह ऐसा पल था, जिसने मेरे लिए चीजें बदल दी और इसके बाद से मेरे प्रदर्शन में भी काफी सुधार हुआ.'
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बता दें कि इसके बाद सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने 2011 का विश्व कप (World Cup) भारत को जिताकर न सिर्फ देश का सपना पूरा किया बल्कि घरेलू दर्शकों के बीच वानखेड़े स्टेडियम में विश्व कप (World Cup) ट्रॉफी को अपने हाथों में उठाकर अपने बचपन का सपना पूरा किया.
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