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कौन बनेगा टीम इंडिया का कोच, सभी छह दावेदारों के बारे में जानें

भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच चुनने के लिए प्रशासकों की समिति सीओए (COA) की ओर से नियुक्त क्रिकेट सलाहकार समिति सीएसी (CAC)) ने छह उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है.

Updated on: 14 Aug 2019, 12:09 PM

नई दिल्‍ली:

भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य कोच चुनने के लिए प्रशासकों की समिति सीओए (COA) की ओर से नियुक्त क्रिकेट सलाहकार समिति सीएसी (CAC)) ने छह उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. CAC की ओर से जारी इस लिस्ट में मौजूदा हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का नाम भी शामिल है. सीओए ने कोच की नियुक्ति के लिए तीन सदस्यीय CAC की नियुक्ति की है, जिसमें पूर्व कप्तान कपिल देव, अंशुमान गायकवाड और शांता रंगास्वामी शामिल हैं. जल्‍द ही इन सभी दावेदारों का इंटरव्‍यू होगा और उसके बाद टीम के कोच की खोज पूरी हो जाएगी. इसमें अब महज एक से दो दिन का समय और लग सकता है. आएइ हम आपको बताते हैं कि यह छह दावेदार कौन हैं और इनकी खासियत क्‍या है.

रवि शास्‍त्री : रविशंकर का जन्‍म 27 मई 1962 में मुंबई में हुआ था. शास्‍त्री ही इस वक्‍त टीम के कोच हैं, वे भारत के लिए खेल चुके हैं, उन्‍होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में छह गेंदों पर छह छक्‍के मारे थे. रवि शास्‍त्री ने बतौर क्रिकेट खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 1981 से 1992 तक टेस्ट क्रिकेट और एक दिवसीय अंतरराष्‍ट्रीय मैच खेले हैं. शास्‍त्री अपने क्रिकेट करियर में धीमी गति के गेंदबाज और बल्लेबाज की भूमिका निभाई है. इन्हें एक ऑलराउंडर के तौर पर जाना जाता था. रवि शास्त्री 15 जुलाई 2017 से भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के पद पर हैं. शास्‍त्री की उम्र 57 साल हो चुकी है, वे कप्‍तान विराट कोहली की भी पहली पसंद हैं.

टॉम मूडी : टॉम मूडी आस्‍ट्रेलिया के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं. उन्‍होंने आस्‍ट्रेलिया के लिए साल 1989 से 1992 तक टेस्‍ट और साल 1987 से 1999 तक क्रिकेट खेला. मूडी ने इससे पहले साल 2005 में भी टीम इंडिया का कोच बनने के लिए दावेदारी की थी. वे श्रीलंकाई टीम के भी कोच रहे हैं. साल 2007 में उन्‍हीं की कोचिंग के दौरान श्रीलंका की टीम विश्‍व कप के फाइनल तक पहुंची थी. इसके अलावा टॉम मूडी आईपीएल में भी सक्रिय रहे हैं. साल 2016 में जब सनराइजर्स हैदराबाद की टीम ने आईपीएल का खिताब जीता था, जब मूडी ही टीम के कोच थे. वे किंग्‍स इलेवन पंजाब को भी कोचिंग दे चुके हैं. उनका दावा भी काफी मजबूत है.


रोबिन सिंह : रोबिन सिंह भारत के लिए टेस्‍ट और एक दिवसीय मैच खेल चुके हैं. खास बात यह है कि उनका जन्‍म प्रिंस टाउन, त्रिनिदाद और टोबैगो में हुआ था. उन्‍होंने भारत के लिए 1989 से 2001 तक क्रिकेट खेला. उन्‍हें टेस्‍ट तो सिर्फ एक ही खेलने का मौका मिला लेकिन 136 एक दिवसीय मैच उन्‍होंने खेले. वे उस वक्‍त टीम के सबसे बेहतरीन फील्‍डर माने जाते थे. उन्हीं से सीख लेकर युवराज सिंह और मो कैफ शानदान फील्‍डिंग करना सीखा और भारतीय टीम में स्‍थाई जगह बनाई. उन्‍होंने पहले भारत की अंडर 19 टीम को कोचिंग दी है. इसके बाद 2007 से 2009 तक टीम इंडिया के फील्‍डिंग कोच भी रहे हैं. वे आईपीएल में डेक्‍कन चार्जर्स और मुंबई इंडियंस के कोच रह चुके हैं. इसके अलावा वे घरेलू टीमों को भी कोचिंग दे चुके हैं.

माइक हेसन : माइक हेसन ने न्‍यूजीलैंड टीम को कोच किया था. वे करीब छह साल तक इस पद पर रहे. 2015 के विश्‍व कप में हेसन ही न्‍यूजीलैंड टीम के कोच थे और उस वक्‍त टीम फाइनल तक पहुंची थी, हालांकि आस्‍ट्रेलिया के हाथों उसे हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद उन्‍होंने कोच के पद से इस्‍तीफा दे दिया था, बाद में वे आईपीएल में किंग्‍स इलेवन पंजाब के भी कोच रहे. जब भारतीय टीम के कोच के लिए आवेदन मांगे गए तो उन्‍होंने किंग्‍स के कोच पद को त्‍याग दिया. हेसन का नाम भारत के साथ ही पाकिस्‍तान के कोच बनने की रेस में भी शामिल है. पाकिस्‍तान टीम को भी नए कोच की तलाश है.


फिल सिमंस : वेस्‍टइंडीज के शानदार खिलाड़ी के तौर पर फिल सिमंस को जाना और पहचाना जाता है. वेस्‍इंडीज के लिए उन्‍होंने साल 1987 से 1999 तक क्रिकेट खेला. उन्‍होंने अपनी टीम के लिए एक दिवसीय मैचों में पांच शतक और टेस्‍ट क्रिकेट में एक शतक लगाया है. गेंदबाजी भी उनका प्रदर्शन काफी बेहतर रहा. उन्‍होंने टेस्‍ट क्रिकेट में चार और एक दिनी मैचों में 83 विकेट लिए हैं. साल 2002 में उन्‍होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया. इसके दो साल बाद 2004 में वे जिम्‍बाब्‍वे के कोच बन गए. इसके बाद 2015 में वे वेस्‍टइंडीज की टीम के कोच बने. साल 2016 में उन्‍हीं की कोचिंग के दौरान वेस्‍टइंडीज ने T-20 विश्‍व कप जीता था. साल 2017 में उन्‍होंने अफगानिस्‍तान की टीम को भी कोचिंग दी है.

लालचंद राजपूत : लालचंद राजपूत ने अपने क्रिकेट कैरियर में मात्र दो टेस्ट मैच ही खेले हैं, उन्‍होंने अपने कैरियर में सिर्फ चार एक दिवसीय अंतरराष्‍ट्रीय मैच खेले हैं. वो भी 1985 से 1987 तक. वे सलामी बल्लेबाज के तौर पर जाने जाते हैं. वे इस वक्‍त जिम्‍बाब्‍वे के कोच हैं. वे भारतीय टीम के मैनेजर भी रहे हैं. 2007 में जब भारत ने T-20 विश्‍वकप जीता था, तब राजपूत ही टीम के मैनेजर थे. इसके अलावा वे आईपीएल में काफी सक्रिय रहे हैं. 2008 में मुंबई इंडियंस के कोच थे. राजपूत की कोचिंग के दौर में ही अफगानिस्‍तान ने आईसीसी के फुल मेंबर होने का गौरव हासिल किया. यहां अफगानिस्‍तान ने वेस्‍टइंडीज को हराया था.