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जब डॉन ब्रैडमैन की ऑस्ट्रेलिया ने 1947-48 टेस्ट सीरीज में भारत को दी थी पटखनी

तीसरे टेस्ट मैच में 233 रनों से करारी शिकस्त खाने के बाद भारत के पास मौका था कि वह बाकी के बचे दो टेस्ट मैच जीत सीरीज में हार को टाल दे.

Updated on: 19 Nov 2020, 09:53 AM

नई दिल्ली:

क्रिकेट की दुनिया में जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट क्रिकेट खेली जाती है तो कुछ ऐसे बल्लेबाजी प्रदर्शन होते हैं जो कहानियां बन जाते हैं. विराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय टीम दिसंबर में चार मैचों की टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का बचाव करने उतरेगी. हमने दोनों देशों के बीच 1947-48 में हुई पहली टेस्ट सीरीज में खेली गई कुछ शानदार पारियों पर नजर डाली है. इस सीरीज में हालांकि लाल अमरनाथ की कप्तानी वाली भारतीय टीम को महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमेन की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलिया ने 4-0 से हरा दिया था.

विजय हजारे 116 और 145 (चौथा टेस्ट एडिलेड)

तीसरे टेस्ट मैच में 233 रनों से करारी शिकस्त खाने के बाद भारत के पास मौका था कि वह बाकी के बचे दो टेस्ट मैच जीत सीरीज में हार को टाल दे. लेकिन ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के सामने उसके घर में खेलते हुए अमरनाथ की टीम के लिए यह बस से बाहर की बात थी.

एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 674 रन बनाए. ब्रैडमेन ने 201 और लिंडसे हासेट ने नाबाद 198 रन बनाए. भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही. उसने छह रनों पर ही अपने दो विकेट खो दिए. मेहमान टीम ने वापसी करते हुए स्कोर तीन विकेट पर 127 रन कर लिया. 133 पर हालांकि भारत ने अपने कुल पांच विकेट खो दिए.

इसके बाद दाएं हाथ के बल्लेबाज विजय हजारे ने शानदार पारी खेली. वह और दत्तू फाडकर ने छठे विकेट के लिए 188 रन जोड़े. फाडकर ने बेहतरीन 123 रन बनाए, लेकिन जिस बल्लेबाज ने सुर्खियां बटोरी वह थे, हजारे जिन्होंने क्लास बल्लेबाजी करते हुए 116 रन बनाए. उनकी 303 गेंदों की पारी में 14 बाउंड्रीज शामिल थीं.

भारतीय टीम हालांकि 381 रन ही बना पाई और ऑस्ट्रेलिया के स्कोर से 293 से पीछे रह गई. ब्रैडमैन की टीम ने भारत को फॉलोऑन के लिए बुलाया.

दूसरी पारी में भारत की शुरुआत और खराब रही. उसने शून्य पर ही अपने दो विकेट खो दिए. इसके बाद हजारे ने एक और शानदार पारी खेली जो ब्रैडमैन की 201 रनों की पारी पर भी भारी पड़ी. हजारे ने 372 गेंदों का सामना किया और 17 बाउंड्रीज की मदद से 145 रन बनाए.

इस पारी के दम पर वह भारत के पहले बल्लेबाज बने, जिसने टेस्ट में दोनों पारियों में शतक जमाया हो. भारत दूसरी पारी में 277 रन ही बना पाई और पारी तथा 16 रनों से मैच हार गई.

विनोद मांकड 111 रन (पांचवां टेस्ट, मेलबर्न)

ब्रैडमैन की टीम का दबदबा मेलबर्न में खेले गए पांचवें और अंतिम टेस्ट में भी जारी रहा. ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी आठ विकेट पर 573 रनों पर घोषित कर दी. नील हार्वे ने 153 रन बनाए और विलियम ब्राउन एक रन से शतक से चूक गए.

स्कोरबोर्ड पर तीन रन ही थे कि भारत ने अपने सलामी बल्लेबाज चंदू सरवटे को खो दिया. उनके साथ पारी की शुरुआत करने आए मांकड ने पारी की जिम्मेदारी संभाली और हेमू अधिकारी के साथ मिलकर टीम को संकट से बाहर निकाला. दूसरे विकेट के लिए इन दोनों ने 124 रन जोड़े. अधिकारी 202 गेंदों पर 38 रन ही बना पाए.

हजारे एक बार फिर बल्लेबाजी करने उतरे और मांकड का साथ दिया, जिन्होंने सीरीज में अपना दूसरा शतक जमाया. पांच घंटे बल्लेबाजी करते हुए मांकड ने 111 रन बनाए, जिसमें सिर्फ छह बाउंड्रीज शामिल रहीं. मांकड को सैम लैक्सटन ने आउट किया.

मेहमान टीम 331 रन ही बना पाई. भारत को फॉलोऑन मिला. दूसरी पारी में भारत सिर्फ 67 रनों पर ही आउट हो गई और पारी तथा 177 रनों से मैच हार गई.

डॉन ब्रैडमैन 185 रन, (पहला टेस्ट ब्रिस्बेन)

पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मैच ब्रिस्बेन में 28 नवंबर से चार दिसंबर के बीच खेला गया था. ब्रैडमैन ने शानदार 185 रन बनाए. वह रन बनाते चले गए और भारतीय गेंदबाज बल्लेबाजों की मददगार पिच पर परेशान होते रहे. उन्होंने अन्य बल्लेबाजों के साथ भी साझेदारी की और तब जब उन्हें साझेदारों का साथ नहीं मिल रहा था, उन्होंने तब भी गेंदबाजों को परेशान करना जारी रखा.

दूसरे दिन सिर्फ एक घंटे का ही खेल खेला गया और बाकी का खेल बारिश के कारण नहीं हो पाया. ऑस्ट्रेलिया ने इस एक घंटे में एक विकेट खोकर 36 रन बनाए.

तीसरे दिन भी बारिश हुई और ब्रैडमैन एक मैराथन पारी खेलने के बाद लाला अमरनाथ की गेंद पर हिट विकेट हो गए. ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी 382 रनों पर घोषित कर दी थी और फिर भारत को पहली पारी में 58 तथा दूसरी पारी में 97 रनों पर आउट कर पारी और 226 रनों से मैच अपने नाम कर लिया था.

इस सीरीज पर ऑस्ट्रेलिया ने 4-0 से कब्जा किया और पांच मैचों की छह पारियों में 178.75 की औसत से 715 रन बनाए जो सीरीज में सबसे ज्यादा थे. सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाजों की सूची में दूसरा नाम हजारे का था, जिन्होंने 10 पारियों में 47.67 के औसत से 429 रन बनाए.