IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच खेला जा रहा लॉर्ड्स टेस्ट मैच अब रोमांचक मोड़ पर आ पहुंचा है. मेजबान टीम ने भारत के सामने 193 रनों का लक्ष्य खड़ा किया है, जिसका पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने शुरुआती झटकों के बाद आकाशदीप को नाइट वॉचमैन के रूप में मैदान पर भेजा. मगर, भारत की ये चाल उनपर ही भारी पड़ी, क्योंकि वह मैदान पर जिस उद्देश्य के साथ गए थे, वो पूरा नहीं कर सके.
क्या होता है नाइटवॉचमैन?
टेस्ट क्रिकेट में 'नाइटवॉचमैन' का इस्तेमाल बल्लेबाजी टीम करती है. वह एक निचले क्रम का बल्लेबाज होता है जिसे दिन के खेल के अंत में बल्लेबाजी करने के लिए भेजा जाता है, खासकर जब टीम कमजोर स्थिति में हो, जिसका मुख्य उद्देश्य, दिन का खेल समाप्त होने तक अधिक विकेटों के नुकसान को रोकना है, और अगले दिन के खेल के लिए अधिक सक्षम बल्लेबाजों को बचाना है.
आकाशदीप को भेजने का फैसला कितना सही था?
इंग्लैंड के दिए 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम के शुरुआती 3 विकेट 53 रन पर ही गंवा दिए थे और दिन का खेल खत्म होने में ज्यादा ओवर नहीं बचे थे. ऐसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट ने तेज गेंदबाज आकाशदीप को नाइट वॉचमैन के रूप में भेजा, ताकि मुख्य बल्लेबाज अगले दिन फ्रेश स्टार्ट कर सके. मगर, आकाशदीप 11 गेंद पर 1 रन बनाकर विकेट गंवा बैठे.
जीतने के लिए भारत को बनाने हैं 158 रन
लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड की टीम ने भारत के सामने 193 रनों का लक्ष्य खड़ा किया. इसका पीछा करने उतरी टीम इंडिया ने 58 रन पर ही 4 विकेट गंवा दिए हैं. हालांकि, भारत के लिए अच्छी बात ये है कि रवींद्र जडेजा अभी भी क्रीज पर मौजूद हैं और वह अच्छे फॉर्म में हैं और टीम इंडिया को जीत दिलाने की काबिलियत रखते हैं. अब देखने वाली बात होगी कि आखिरी और निर्णायक दिन मैच किसके पाले में जाता है.