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कभी संतुष्ट नहीं होने वाला क्रिकेटर था वसीम जाफर: कोच चंद्रकांत पंडित

वसीम जाफर आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब के साथ बल्लेबाजी कोच के तौर पर करार किया. जाफर ने इसी के साथ संकेत दे दिए थे कि वह अब कोचिंग में भी करियर बनाएंगे

Updated on: 07 Mar 2020, 06:01 PM

नई दिल्ली:

वसीम जाफर मैदान पर जितने चुप रहते थे उसी तरह की चुप्पी के साथ उन्होंने शनिवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी. ट्वीटर पर एक बयान जारी कर जाफर ने बता दिया कि वह अब 22 गज की पिच पर बल्ला थामे नहीं दिखेंगे. भारत के लिए 31 टेस्ट मैच खेलने वाला यह बल्लेबाज टीम में जिस शोर से आया था कुछ समय बाद बिना शोर के गायब भी हो गया. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने देश के लिए दो दोहरे शतक भी लगाए लेकिन एक बार टीम से बाहर गए तो वापस नहीं लौटे. कई लोगों का मानना था कि जाफर को जितना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलना चाहिए था वो उतना खेले नहीं. उनके साथ रहे विदर्भ टीम के कोच चंद्रकांत पंडित को भी लगता है कि जाफर को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में जितना एक्सपोजर मिलना चाहिए था वो नहीं मिला.

इंसान के तौर पर बेहद शांत और धैर्यवान हैं जाफर

जाफर के संन्यास पर प्रतिक्रिया देते हुए पंडित ने आईएएनएस से कहा, "एक इंसान के तौर पर वो बेहद शांत और धैर्यवान हैं. क्रिकेट के सिवाए उसे किसी और चीज में दिलचस्पी नहीं थी. क्रिकेट के लिए वो बेहद जुनूनी हैं. वो एक महान खिलाड़ी हैं. जितना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट उसे खेलना चाहिए था दुर्भाग्यवश वो उतना नहीं खेल सका, लेकिन वो भारत के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक है." जाफर की तारीफ में उनकी खासियत बताते हुए पंडित ने कहा, "वो बेहद मददगार इंसान हैं. वो ज्यादा बात नहीं करते और खेल पर ध्यान देते हैं. उनकी खेल को लेकर प्रतिबद्धता बहुत ऊंचे स्तर की है. उन्होंने हर जगह काफी योगदान दिया. वह सिर्फ अपने आप पर ही नहीं, दूसरों की भी काफी मदद करते थे. उनकी जो प्रतिबद्धता है जो जुनूनी है वो युवाओं के सीखने लायक है."

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सिर्फ शतक लगाने से संतुष्ट नहीं होते जाफर

पंडित ने कहा, "जाफर की निरंतरता उनकी खासियत थी. वह सिर्फ रन नहीं बनाते थे बल्कि लंबी पारियां खेलते थे. लगातार रन करते थे. वो 100 रन पर संतुष्ट नहीं होते थे. वह बड़ी पारी खेलते थे. उनकी दूसरी खासियत यह थी कि उनके मुंह से मैंने कभी सैटिशफैक्शन शब्द सुना नहीं. वह कभी नहीं कहते थे कि आज मैंने अच्छा किया. वो हमेशा कहते थे कि आज जो मैंने किया मैं इससे भी बेहतर करूंगा." चंद्रकांत पंडित को भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट प्रशिक्षकों में गिना जाता है. मुंबई को मजबूत करने के बाद पंडित जब विदर्भ से जुड़े थो दो बार रणजी ट्ऱॉफी खिताब दिला दिया और इस सफर में जाफर भी उनके साथ थे.

सभी खिलाड़ी करते थे जाफर का सम्मान

पंडित विदर्भ की सफलता में जाफर का योगदान बताते हुए कहते हैं, "एक सिंपल ही चीज थी. मेरे और युवाओं के बीच में जाफर एक ब्रिज था. कई युवा सीधे मेरे पास आने को लेकर सोचते होंगे कि जाएं या नहीं. उनके लिए जाफर एक ऐसा इंसान था जिससे वो अपनी बातें आराम से शेयर करते थे. जाफर से मुझे यह मदद मिली की उसने मुझे हर खिलाड़ी के बारे में जानकारी समय पर दी. इससे मुझे चीजें संभालने में आसानी हो गई. टीम के ड्रेसिंग रूम का माहौल उसने बेहतरीन तरीके से बनाए रखा था. हम दोनों का जो रेपो था वो मैंने अभी तक अपने करियर में नहीं देखा. उसने सिर्फ ड्रेसिंग रूम में नहीं मैदान के अंदर भी टीम की काफी मदद की. सभी खिलाड़ी उसका सम्मान करते थे."

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विदर्भ को खलेगी जाफर की कमी

विदर्भ हालांकि इस बार जीत की हैट्रिक नहीं लगा सकी, लेकिन आज वो उस मुकाम पर है जहां इस टीम को मजबूत टीम का दर्जा दिया जाता है. पंडित कहते हैं कि इस टीम को निश्चित तौर पर अब जाफर की कमी खलेगी जो टीम के स्तम्भ थे. पंडित ने कहा, "निश्चित तौर पर टीम को उनकी कमी खेलेगी. सिर्फ उनका मोटिवेशन नहीं, उनकी मौजूदगी नहीं, लेकिन उनका खुद का योगदान भी काफी बड़ा था. मैदान पर उनकी सलाह, फैज फजल को मदद करना, यह सब जाफर ने किया है. उनका योगदान मैं कहूंगा कि बहुत बड़ा था. वो चीज अब टीम को खलेगी क्योंकि इतना बड़ा खिलाड़ी टीम में रहता है तो सामने वाली टीम भी सोचती है. उसकी वो रेपोटेशन बनाया था."

वसीम की सफलता किसी सबूत की मोहताज नहीं

एक बल्लेबाज के तौर पर जाफर कितने सफल हैं यह बात किसी सबूत की मोहताज नहीं है. वह घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. वह अपनी लंबी पारियों के लिए जाने जाते थे. भारत के लिए खेले 31 टेस्ट मैचों में दो दोहरे शतक उन्होंने जमाए हैं. अपने करियर के अंतिम पड़ाव में जाफर ने कोचिंग भी की. वह बांग्लादेश टीम के बल्लेबाजी सलाहकार की भूमिका में दिखे और इसी रणजी सीजन के बीच उन्होंने आईपीएल टीम किंग्स इलेवन पंजाब के साथ बल्लेबाजी कोच के तौर पर करार किया. जाफर ने इसी के साथ संकेत दे दिए थे कि वह अब कोचिंग में करियर बनाएंगे और पंडित को लगता है कि जाफर जितने सफल बल्लेबाज थे उतने सफल कोच भी साबित होंगे.

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कोचिंग में भी निभाएंगे अहम रोल

उन्होंने कहा, "वह कोचिग में निश्चित तौर पर सफल रहेंगे. उनके पास अच्छा-खासा अनुभव है. उन्होंने हर स्थिति देखी है. हर खिलाड़ी को देखा, उसके साथ खेले हैं. उनको पता है कि किस खिलाड़ी को किस तरह से हैंडल करना चाहिए. मेरे साथ भी उनकी अच्छी बातचीत रही है, काफी सारी चीजों पर हम आपस में बात करते थे. इससे भी उन्हें फायदा होगा. हालांकि यह स्किल्स अलग हैं, लेकिन जाफर इस चीज को जल्दी से जल्दी हासिल कर लेगा." अपनी बात को खत्म करते हुए पंडित ने कहा, "वो बहुत बड़ा खिलाड़ी है, बहुत बढ़िया क्रिकेटर है."