सौरभ गांगुली भारत के राष्ट्रीय कोच बनने को थे बेताब

गांगुली ने कहा, 'आपको वही करना चाहिए जो आप कर सकते हो और नतीजे के बारे में नहीं सोचना चाहिए।'

गांगुली ने कहा, 'आपको वही करना चाहिए जो आप कर सकते हो और नतीजे के बारे में नहीं सोचना चाहिए।'

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Deepak Kumar
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सौरभ गांगुली भारत के राष्ट्रीय कोच बनने को थे बेताब

सौरभ गांगुली, भारत के पूर्व कप्तान

भारत के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ने शुक्रवार को कहा कि वह राष्ट्रीय कोच बनने के लिए बेताब थे लेकिन अंत में प्रशासक बन गए।

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उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'जब मैं प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़ा तो मैं राष्ट्रीय टीम का कोच बनने के लिए बेताब था। जगमोहन डालमिया ने मुझे फोन किया और कहा कि तुम छह महीने के लिए क्यों नहीं कोशिश करते। उनका निधन हो गया और कोई भी आस-पास नहीं था इसलिए मैं बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बन गया। लोगों को अध्यक्ष बनने में 20 साल लगते हैं।'

गांगुली ने कहा, 'आपको वही करना चाहिए जो आप कर सकते हो और नतीजे के बारे में नहीं सोचना चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'आपको नहीं पता कि जिंदगी आपको कहां तक ले जाएगी। मैं 1999 में ऑस्ट्रेलिया गया था, मैं तब उप कप्तान भी नहीं था। सचिन तेंडुलकर कप्तान थे और तीन महीनों में मैं भारतीय टीम का कप्तान बन गया।'

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पूर्व भारतीय कप्तान ने कोच ग्रेग चैपल के साथ विवादास्पद घटना के बारे में भी बात की और उन्होंने क्यों हटने का फैसला किया।

उन्होंने कहा, 'जब मैंने 2008 में संन्यास की घोषणा की थी तो सचिन लंच पर आए और उन्होंने मुझसे पूछा कि तुमने इस तरह का फैसला क्यों किया? तब मैंने कहा कि क्योंकि मैं अब और नहीं खेलना चाहता। तब उन्होंने कहा कि तुम जिस लय में खेल रहे हो, उसमें तुम्हें देखना बेहतरीन है। पिछले तीन साल तुम्हारे लिये सर्वश्रेष्ठ रहे हैं।

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Source : News Nation Bureau

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