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‘281 एंड बियोंड' में बड़ा खुलासा, जब वीवीएस लक्ष्मण ने नहीं मानी थी सचिन तेंदुलकर की बात, लिया था बड़ा फैसला

लक्ष्मण (VVS Laxman) ने हालांकि इसे खारिज कर दिया और अपने क्रिकेट करियर का पहला और एकमात्र विवाद करार दिया.

Updated on: 03 Dec 2018, 09:59 AM

नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण (VVS Laxman) ने अपनी किताब ‘281 एंड बियोंड' में अपनी जिंदगी के कई राज खोले हैं. लक्ष्मण (VVS Laxman) ने 2012 में अचानक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. इसके बाद उनके और तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के बीच 'मतभेद' की खबरें आईं थीं. लक्ष्मण (VVS Laxman) ने 18 अगस्त 2012 को संन्यास लेने का फैसला किया था जबकि इसके एक हफ्ते के भीतर उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ हैदराबाद में अपने घरेलू दर्शकों के समक्ष खेलना था. संन्यास की घोषणा के बाद चर्चा होने लगी थी कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) के साथ ‘मतभेद’ के कारण उन्होंने यह फैसला करना पड़ा.

लक्ष्मण (VVS Laxman) ने हालांकि इसे खारिज कर दिया और अपने क्रिकेट करियर का पहला और एकमात्र विवाद करार दिया. 

उन्होंने कहा, ‘मैंने बाहरी कारणों से संन्यास नहीं लिया और मुझे संन्यास लेने के लिए बाध्य नहीं किया गया.’

लक्ष्मण (VVS Laxman) ने कहा, ‘मैंने अपनी अंतरात्मा की आवाज को सुना और इसने मुझे निराश नहीं किया. मेरा पूरा जीवन, मेरे कार्य इस आवाज पर निर्भर रहे लेकिन इसमें मेरे करीबियों के सुझाव की भी भूमिका रही. उस समय मैंने अधिक परिपक्वता दिखाते हुए सिर्फ इसी को सुना, अपने पिता तक ही सलाह को महत्व नहीं दिया.’

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लक्ष्मण (VVS Laxman) ने बताया कि मीडिया को अपने संन्यास की जानकारी देने से पहले उन्होंने कई भारतीय क्रिकेटरों से बात की जिसमें टीम के उनके साथी जहीर खान और तेंडुलकर भी शामिल रहे.

उन्होंने कहा, ‘सचिन एनसीए में थे और उन्होंने मुझे मनाने का प्रयास किया कि मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस टाल दूं. मैंने सचिन की सलाह नकार दी लेकिन मैंने उस समय सम्मान के साथ उन्हें कहा कि मैं इस बार उनकी बात नहीं मान सकता. मैंने एक घंटे की बातचीत के दौरान उन्हें बार बार कहा कि मैं अपना मन बना चुका हूं.’

लक्ष्मण (VVS Laxman) ने अपने बचपन के दिनों के क्रिकेट की भी बात की और यह भी बताया कि डॉक्टर की जगह क्रिकेटर बनने का विकल्प चुनना कितना मुश्किल था.

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उन्होंने इस किताब में सचिन तेंडुलकर, सौरभ गांगुली, मोहम्मद अजहरुद्दीन, वीरेंदर सहवाग और राहुल द्रविड़ के साथ अपनी दोस्ती का जिक्र करने के अलावा ईडन गार्डन्स से अपने विशेष लगाव पर भी रोशनी डाली जहां उन्होंने 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 281 रन की यादगार पारी खेली थी.