कोई भी कामयाबी यूं ही हाथ नहीं लगती. इसके लिए कड़ी मेहनत और तपस्या की जरूरत होती है. यह बात शतकों का शतक ठोकने वाले, क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले, मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से बेहतर भला और कौन जान सकता है. पांच साल से भी ज्यादा की कड़ी मेहनत और 77 एक दिवसीय मैचों के बाद आज ही के दिन महान से महानतम बन चुके सचिन तेंदुलकर के लिए खास है. आज ही के दिन यानी नौ सितंबर को सचिन तेंदुलकर ने अपना पहला एक दिवसीय शतक ठोका था. वह साल था 1994 का. नौ सितंबर 1994 के बाद सचिन का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह सालों साल चलता रहा. इसके बाद जो कीर्तिमान सचिन ने रचा वह आज भी दुनिया का कोई बल्लेबाज नहीं तोड़ सका.
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वैसे तो सचिन तेंदुलकर ने अपना पहला शतक 14 अगस्त 1990 को ही ठोक दिया था. लेकिन वह टेस्ट शतक था. वे लगातार अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन पहला एक दिवसीय शतक नहीं लगा पाए, एक दिवसीय शतक के लिए सचिन को अभी कई साल और इंतजार करना पड़ा था. इसके बाद नौ सितंबर को आस्ट्रेलिया के खिलाफ सचिन ने पहला एक दिवसीय शतक जड़ा.
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यह एक दिवसीय मैच सिंगर कप के तहत खेला गया था. इस मैच में भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर ने ऑलराउंडर मनोज प्रभाकर के साथ पारी की शुरुआत की थी. इससे पहले सचिन एक दिवसीय मैचों में भी चौथे और पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आते थे, लेकिन तब के टीम प्रबंधन को लगा कि सचिन को सलामी बल्लेबाज के तौर पर भेजा जाना चाहिए, और उसके बाद सचिन ने यह नई भूमिका निभानी शुरू की.
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सलामी बल्लेबाज के तौर पर सचिन की यह दसवीं पारी थी. इस पारी में सचिन ने कुल 130 गेंद का सामना किया और पहला शतक ठोकने के साथ ही 110 रन की पारी खेली. इस पहली एक दिवसीय शतकीय पारी में सचिन ने आठ चौके और दो छक्के मारे थे. सचिन ने पहले 50 रन 43 गेंदों में ही बना लिए थे. सचिन ने जो दो छक्के मार वे उस वक्त के महान स्पिनर माने जाने वाले शेन वार्न की गेंद पर मारे थे. सचिन के शतक की बदौलत भारत ने आस्ट्रेलिया के सामने 246 का विशाल स्कोर खड़ा किया था, लेकिन आस्ट्रेलियाई टीम उससे पहले ही 215 रन बनाकर ही आउट हो गई और भारत ने यह मैच 31 रन से जीत लिया.
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इस पहले शतक में ही सचिन को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला था. मैच में सचिन ने गेंदबाजी में भी हाथ आजमाए और तीन ओवर गेंदबाजी की, जिसमें उन्हें कोई विकेट तो नहीं मिला, लेकिन उन्होंने आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को खूब परेशान किया और 15 ही रन दिए. खास बात यह भी है कि उस टीम के कप्तान मोहम्मद अजहरुददीन थे.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो