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पिंक बॉल का विशेषज्ञ है भारत का यह गेंदबाज, हो सकता है टीम में शामिल

India Bangladesh Kolkata Test : भारत और बांग्‍लादेश (India vs Bangladesh) के बीच टेस्‍ट सीरीज का दूसरा और भारत का पहला डे नाइट टेस्‍ट कल यानी 22 नवंबर से कोलकाता के ईडन गार्डंस (Kolkata Test) में शुरू होने जा रहा है.

Updated on: 21 Nov 2019, 02:54 PM

New Delhi:

India Bangladesh Kolkata Test : भारत और बांग्‍लादेश (India vs Bangladesh) के बीच टेस्‍ट सीरीज का दूसरा और भारत का पहला डे नाइट टेस्‍ट कल यानी 22 नवंबर से कोलकाता के ईडन गार्डंस (Kolkata Test) में शुरू होने जा रहा है. भारतीय टीम पहली बार पिंक बॉल से क्रिकेट खेलती हुई नजर आएगी. यह डे नाइट टेस्‍ट होगा. भारत के बहुत कम खिलाड़ी ऐसे हैं जो इससे पहले पिंक बॉल से क्रिकेट खेले हों, ऐसे में ऐसे गेंदबाज और बल्‍लेबाजों की तलाश की जा रही है, जो पिंक बॉल से खेलने का अनुभव रखते हों. भारत के पास भी एक ऐसा ही कलाई का जादूगर मौजूद है. हालांकि वह इस वक्‍त टीम के साथ नहीं हैं, लेकिन माना जा रहा है कि वे अंतिम एकादश में शामिल किए जा सकते हैं. हम बात कर रहे हैं उत्‍तर प्रदेश के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) की. बहुत संभव है कि वे शुक्रवार से शुरू होने वाले मैच में खेलते हुए दिखाई दें. 

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दरअसल कुलदीप यादव ने दलीप ट्रॉफी में पिंक बॉल से काफी क्रिकेट खेला है. इस वे जानते हैं कि इस गेंद को कैसे फेंका जाना चाहिए, ताकि बल्‍लेबाजों के लिए मुश्‍किल हो. साल 2016 में कुलदीप यादव ने पिंक बॉल से खेलते हुए तीन ही मैचों में 17 विकेट अपने नाम कर लिए थे.

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इससे पहले भारतीय टीम के सीनियर ऑफ स्‍पिनर रहे हरभजन सिंह ने कुछ ऐसी ही बात की थी. हरभजन सिंह का मानना है कि ईडन गार्डन्स में दूधिया रोशनी रोशनी में गुलाबी गेंद से अंगुली के स्पिनरों की तुलना में कलाई के स्पिनरों की गेंद को समझना अधिक मुश्किल होगा. हरभजन ने पीटीआई से बात करते हुए कहा था कि अगर आप देखोगे तो कलाई के स्पिनर फायदे की स्थिति में हैं, क्योंकि गुलाबी गेंद में सीम को देखना काफी मुश्किल होता है. भारत के पास कुलदीप यादव के रूप में कलाई का स्पिनर है लेकिन हरभजन चयन मामलों पर बात नहीं करना चाहते. इसलिए उन्‍होंने कुलदीप पर ज्‍यादा बात करने से इनकार कर दिया.

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हरभजन ने कहा, यह टीम प्रबंधन का फैसला होगा और मैं टिप्पणी नहीं कर सकता. लेकिन इससे पहले बांग्लादेश को तेज गेंदबाजी की अनुकूल पिच पर भारतीय गेंदबाजों का सामना करना होगा. उन्होंने कहा, और साथ ही सभी को पता है कि कोलकाता में सूर्यास्त के समय साढ़े तीन से साढ़े चार के समय तेज गेंदबाज सबसे अधिक नुकसान पहुंचाते हैं. लेकिन अगर हमें भविष्य में अधिक दिन-रात्रि के मैच खेलने हैं तो स्पिनरों को लेकर अधिक जानकारी जुटाने की जरूरत है. हरभजन ने याद दिलाया कि 2016 दलीप ट्राफी में गुलाबी गेंद से कुलदीप कितने खतरनाक गेंदबाज बन गए थे. उन्होंने कहा, अगर आपको दलीप ट्राफी याद है तो कोई भी कलाई से कुलदीप की गेंद को प्रभावी तरीके से नहीं समझ पा रहा था. उस टूर्नामेंट में लेग स्पिनरों को काफी विकेट मिले थे.

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हरभजन ने बताया, जब अंगुली का स्पिनर गेंदबाजी करता है तो गेंद सीम के साथ रिलीज की जाती है जिससे कि टर्न और उछाल मिले. जब आप गुगली करते हो तो सीम को समझना मुश्किल हो जाता है. उन्होंने हालांकि कहा कि मुथैया मुरलीधरन जैसे स्पिनर गुलाबी गेंद से काफी प्रभावी हो सकते हैं. भारत के महानतम स्पिनरों में से एक हरभजन ने कहा, लेकिन मुथैया मुरलीधरन जैसे अपवाद हो सकते हैं जो अंगुली का स्पिनर होने के बावजूद खतरनाक हो सकता है. गुलाबी एसजी गेंद हालांकि स्पिनरों के लिए चुनौती हो सकती है क्योंकि दूधिया रोशनी में इसका रंग बरकरार रखने के लिए रंग की अतिरिक्त परत लगाई गई है.

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इन सारी स्‍थतियों को देखते हुए कलाई के जादूगर चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव के टीम में शामिल होने की संभावनाओं से इन्‍कार नहीं किया जा सकता. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय कप्‍तान कोच और टीम प्रबंधन को ही करना है. कुलदीप यादव ने पिछले करीब एक साल से कोई भी टेस्‍ट मैच नहीं खेला है, उन्‍होंने इस साल जनवरी में आस्‍ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्‍ट मैच खेला था. तब उन्‍होंने आस्‍ट्रेलिया के पांच बल्‍लेबाजों को पवेलियन भेजा था. कुलदीप यादव को अब तक छह टेस्‍ट मैच खेलने का ही मौका मिला है, जिसमें उन्‍होंने 24 विकेट लिए हैं. वे लगातार विश्‍व के बड़ी और मजबूत टीमों के खिलाफ ही गेंदबाजी करते रहे हैं, अपने करीब दो साल के क्रिकेट करियर में कुलदीप यादव ने आस्‍ट्रेलिया, श्रीलंका, इंग्‍लैंड और वेस्‍टइंडीज के खिलाफ टेस्‍ट मैच खेले हैं. अब एक बार फिर टीम प्रबंधन उन्‍हें याद कर सकता है.