ये हैं भारत के 5 सबसे रईस क्रिकेटर, 3 तो अभी भी क्रिकेट की दुनिया में हैं एक्टिव

मेहनत करके अमीर बनने वाले तो कई क्रिकेटर्स हैं, लेकिन इस आर्टिकल में हम आपको उन भारतीय क्रिकेटर्स के बारे में बताने वाले हैं, जो खानदानी रईस हैं.

मेहनत करके अमीर बनने वाले तो कई क्रिकेटर्स हैं, लेकिन इस आर्टिकल में हम आपको उन भारतीय क्रिकेटर्स के बारे में बताने वाले हैं, जो खानदानी रईस हैं.

author-image
Sonam Gupta
New Update
these 5 cricketers are from noble family

these 5 cricketers are from noble family Photograph: (Social media)

भारतीय क्रिकेटर्स का मौजूदा समय में बोलबाला है. दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई इन्हें करोड़ों में सैलरी देता है और एंडॉर्समेंट, सोशल मीडिया और भी कई तरीकों से वह करोड़ों की कमाई करते हैं. लेकिन, क्या आप उन भारतीय क्रिकेटर्स के बारे में जानते हैं, जो खानदानी रईस रहे... अगर नहीं, तो कोई बात नहीं, क्योंकि हम आपको इस आर्टिकल में ऐसे ही 5 क्रिकेटर्स के बारे में बताने वाले हैं, जो चांदी की चम्मच लेकर पैदा हुए और फिर उन्होंने भारतीय क्रिकेट को ऊंचाईयों तक पहुंचाने में अहम किरदार भी निभाया.

Advertisment

विजय मर्चेंट

जब बात भारत के सबसे रईस क्रिकेटरों की हो, तो उसमें विजय मर्चेंट का नाम शान से लिया जाता है. भारत के लिए 10 टेस्ट मैच खेलने वाले विजय मुंबई की एक समृद्ध फैमिली से आते थे. उन्होंने 10 टेस्ट मैचों में भारत के लिए 859 रन बनाए और इस दौरान उनके बल्ले से 3 शतक निकले. वह दाएं हाथ के बल्लेबाज और पार्ट टाइम मीडियम पेसर थे. क्रिकेट के अलावा विजय हिंदोस्तान स्पिनिंग एंड वीविंग मिल्स (ठाकरे ग्रुप) से भी जुड़े थे.

मंसूर अली पटौदी

आज भारतीय क्रिकेट जिस मुकाम पर है, उसकी नींव रखने का श्रेय पूर्व भारतीय दिग्गज नवाब मंसूर अली पटौदी को जाता है, जो एक बेहद संपन्न परिवार से आते थे. पटौदी परिवार आजादी से पहले से ही शाही और रईस परिवार था और उनकी संपत्ति अरबों में हुआ करती थी. वह 1952 से 1971 तक पटौदी के नवाब थे.

मशहूर मंसूर अली खान को 21 साल की उम्र में टीम इंडिया की कप्तानी मिल गई थी. इस बीच, उन्होंने 300 से ज्यादा प्रथम श्रेणी मैच खेले और 33.67 की शानदार बल्लेबाजी औसत के साथ 15 हजार से ज्यादा रन बनाए. वहीं, इंटरनेशनल लेवल पर उन्होंने 46 मुकाबलों में भारत को रिप्रेजेंट किया, जिसमें 34.91 के औसत से 2,793 रन बनाए.

सौरव गांगुली

रईस क्रिकेटर्स की बात हो और उसमें पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का नाम ना आए, ये तो संभव ही नहीं है. कहा जाता है कि अगर क्रिकेट एक राजतंत्र होता, तो गांगुली उसके राजा हो सकते थे... दरअसल, कोलकाता के सबसे रईस परिवारों में से एक से आने वाले उनके पिता, चंडीदास गांगुली, पैकेजिंग इंडस्ट्री में एक बड़े प्लेयर थे, जिससे वे शहर के शीर्ष नामों में से एक बन गए. फिर क्रिकेट की दुनिया में गांगुली ने नाम किया और उन्हें प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से जाना जाने लगा.

गौतम गंभीर

ये बात ज्यादातर लोग जानते ही हैं कि गौतम गंभीर भी एक अमीर परिवार से आते हैं. वह कई टैक्सटाइल फैक्ट्री के मालिक दीपक गंभीर के बेटे हैं. मगर, उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई और आज पूरी दुनिया उन्हें उनके पापा के नाम से नहीं बल्कि उनके परिवार को गौतम की फैमिली के तौर पर जानती है.

बचपन से ही सुख-सुविधाओं के बीच पले-बड़े गौतम ने क्रिकेटर बनने के लिए दिन-रात मेहनत की और कसर नहीं छोड़ी, जिसका नतीजा है कि वह भारत के सफर क्रिकेटर बने. मौजूदा समय में गंभीर भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच के रूप में काम कर रहे हैं.

अजय जडेजा

पूर्व भारतीय कप्तान रहे अजेय जड़ेजा भी एक रॉयल फैमिली में जन्मे, उनका पूरा नाम अजयसिंहजी दौलतसिंहजी जडेजा है. आजकल कॉमेंट्री में नाम कमा रहे जडेजा जामनगर के शाही वंश से हैं. पूर्व-स्वतंत्र भारत में जडेजा राजवंश की एक रियासत हुआ करती थी.

ये बात कम ही लोग जानते हैं कि भारत के घरेलू फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी का नाम उनके पैतृक रिश्तेदार, सर रणजीतसिंहजी विभाजी जडेजा (जिन्हें अक्सर रणजी कहा जाता है) उन्हीं के नाम पर रखा गया है, जो 1907 से 1933 तक नवानगर के राजा थे.

ये भी पढ़ें: वैभव सूर्यवंशी के बाद चमका एक और युवा, 13 साल की उम्र में खेली 327 रनों की तूफानी पारी, जड़े 22 छ्क्के और 41 चौके

cricket news in hindi sports news in hindi
      
Advertisment