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... तो वेस्‍टइंडीज क्रिकेट टीम की ओर से खेल रहे होते जसप्रीत बुमराह, जानें क्‍यों

वेस्‍टइंडीज के खेली जा रही दो टेस्‍ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में घातक गेंदबाजी के बाद हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है. पहले मैच की दूसरी पारी में उन्‍होंने सात रन देकर पांच विकेट चटका दिए.

Updated on: 28 Aug 2019, 09:51 AM

नई दिल्‍ली:

वेस्‍टइंडीज के खेली जा रही दो टेस्‍ट मैचों की सीरीज के पहले मैच में घातक गेंदबाजी के बाद हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है. पहले मैच की दूसरी पारी में उन्‍होंने सात रन देकर पांच विकेट चटका दिए. उनके इस प्रदर्शन के बाद वेस्‍टइंडीज के महान गेंदबाज एंटी रॉबर्ट और कर्टल एम्‍ब्रोस ने जमकर तारीफ की है. बुमराह के शानदार स्‍पेल के बाद हर कोई उनका मुरीद हो गया है. 

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जसप्रीत बुमराह ने साल 2018 में ही टेस्‍ट क्रिकेट खेलना शुरू किया है. इतने कम समय में ही उन्‍होंने कई बड़े बल्‍लेबाजों को पवेलियन की राह दिखा दी है. बुमराह ने अब तक 11 टेस्‍ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्‍होंने 55 विकेट झटक लिए हैं. पिछले साल ही आस्‍ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई टेस्‍ट सीरीज में उन्‍होंने शानदार प्रदर्शन किया और सीरीज जीतने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई. जसप्रीत एशिया के ऐसे पहले गेंदबाज बन गए हैं, जिन्‍होंने दक्षिण अफ्रीका, इंग्‍लैंड, आस्‍ट्रेलिया और वेस्‍टइंडीज के खिलाफ पांच पांच विकेट हासिल कर लिए हैं. अब तक एशिया का कोई गेंदबाज ऐसा नहीं कर पाय है.

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ऐतिहासिक रूप से देखें तो वेस्‍टइंडीज तेज गेंदबाजों की खान रहा है, एक से एक तेज गेंदबाज वेस्‍टइंडीज में हुए. 1970, 80 और 90 के दशक में तो हालत ऐसी थी कि दुनिया के जाने माने बल्‍लेबाज उनसे खौफ खाते थे. इस टीम में एक वक्‍त में एंडी रॉबर्ट और कार्टली एम्‍बोस भी शामिल रहे हैं. पहले टेस्‍ट मैच के बाद एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इंटरव्‍यू में एम्‍बोस ने कहा कि बुमराह उनके अच्‍छे वक्‍त की याद दिला रहे हैं. उन्‍होंने साफ तौर पर कहा कि अगर बुमराह 70 और 80 के दशक में क्रिकेट खेल रहे होते तो वे हमारी वेस्‍टइंडीज टीम में जगह बनाने में कामयाब हो जाते. उन्‍होंने कहा कि बुमराह जैसे गेंदबाज कम होते हैं, जो हर वक्‍त की किसी भी भी टीम में शामिल हो सकते हैं.

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वहीं दूसरी ओर राबर्ट का कहना है कि बुमराह की स्‍किल और उनका असामान्‍य गेंदबाजी एक्‍शन उनको और भी महान गेंदबाज बनाता है. उन्‍होंने कहा कि एक अजीब तरह का एक्‍शन है, जो उन्‍होंने अब तक क्रिकेट के मैदान पर देखा है. हालांकि उन्‍होंने कहा कि उनके एक्‍शन को अच्‍छे अच्‍छे बल्‍लेबाज नहीं समझ पाते, वे इस पर अध्‍ययन कर रहे हैं. राबर्ट ने कहा कि अगर बुमराह उनके वक्‍त में पैदा हुए होते तो हम उनके साथ क्रिकेट खेल रहे होते. उन्‍होंने माना कि वेस्‍टइंडीज की गेंदबाजी में अब वह बात नहीं रही जो पहले हुआ करती थी. कहा कि बुमराह जैसे गेंदबाज हमेशा तैयार नहीं किए जा सकते.

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अजीब और असामान्‍य तरह के एक्‍शन के अलावा राबर्ट ने बुमराह की खेल भावना की भी सराहना की, जो तेज गेंदबाज के लिए बहुत जरूरी है. उन्‍होंने कहा कि बुमराह जो कुछ भी करते हैं वह अपने आप में क्‍लासिक है. उन्‍होंने कहा कि वे दो गेंदों को बल्‍लेबाज से के पास ले जाते हैं और फिर एक गेंद दूर कर देते हैं. यह काम हमने भी किया है. राबर्ट ने बुमराह की चतुराई की भी तारीफ की और कहा कि कब, कहां और कैसे गेंदबाजी करनी है, यह बुमराह को अच्‍छी तरह से पता है. किसी गेंदबाज को यह सीखने में वक्‍त लगता है, लेकिन बुमराह ने यह अपने करियर की शुरुआत में ही सीख लिया.

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इंटरव्‍यू के दौरान राबर्ट ने कहा कि कुछ लोग इसे परिपक्‍वता कहते हैं, लेकिन मेरे लिए यह खास बात हैं और वह इसे खेल भावना कहते हैं. बुमराह की गेंदबाजी में सोच की स्‍पष्‍टता दिखाई देती है. उन्‍होंने कहा कि एक तेज गेंदबाज के लिए जरूरी है कि वह अपने सिर का इस्‍तेमाल करना सीखे, जो कई गेंदबाज अपने करियर में कभी नहीं सीख पाते.

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एम्‍ब्रोस ने तो बुमराह के कौशल की तुलना कर्टनी बाल्‍श से कर दी, जो 90 के दशक में एम्‍ब्रोस के साथ नई गेंद संभालते थे. एम्‍ब्रोस ने कहा कि बुमराह बल्‍लेबाजों की लंबाई के हिसाब से गेंदबाजी करते हैं. विश्‍व कप क्रिकेट में बुमराह ने किस तरह से बल्‍लेबाजों की लंबाई के अनुसार गेंदबाजी की है, यह उन्‍होंने देखा है. इससे बल्‍लेबाज का खेलना और भी मुश्‍किल हो जाता है. इस मामले में एम्‍ब्रोस को कोर्टली बाल्‍श की याद आती है. बाल्‍श भी इसी तरह से गेंदबाजी करते थे, जो बल्‍लेबाज समझ नहीं पाते थे और आउट हो जाते थे.