डे नाइट टेस्‍ट का रोमांच : हर चौके- छक्‍के और विकेट पर ताली बजाएंगे 67000 दर्शक

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार को कहा कि दिन रात का टेस्ट कभी कभार हो सकता है, लेकिन नियमित आधार पर नहीं, क्योंकि सुबह लाल गेंद का सामना करने की खूबसूरती से मनोरंजन के लिए समझौता नहीं किया जा सकता.

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Pankaj Mishra
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डे नाइट टेस्‍ट का रोमांच : हर चौके- छक्‍के और विकेट पर ताली बजाएंगे  67000 दर्शक

कोलकाता टेस्‍ट से पहले अभ्‍यास सत्र में कप्‍तान विराट कोहली( Photo Credit : बीसीसीआई ट्वीटर)

India vs Bangladesh Kolkata Test : भारतीय कप्तान विराट कोहली ने गुरुवार को कहा कि दिन रात का टेस्ट कभी कभार हो सकता है, लेकिन नियमित आधार पर नहीं, क्योंकि सुबह लाल गेंद का सामना करने की खूबसूरती से मनोरंजन के लिए समझौता नहीं किया जा सकता. भारत शुक्रवार को बांग्लादेश के खिलाफ दिन रात का पहला टेस्ट खेलेगा. कोहली ने कहा, यह कभी कभार ठीक है लेकिन नियमित आधार पर नहीं. मेरा मानना है कि सिर्फ इसी तरह से टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला जाना चाहिए. इससे सुबह के सत्र का सामना करने की नर्वसनेस खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा, आप टेस्ट क्रिकेट को रोमांचक बना सकते हैं, लेकिन सिर्फ लोगों का मनोरंजन करने के लिए टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला जाता. टेस्ट क्रिकेट में मनोरंजन इस बात में है कि बल्लेबाज सुबह विकेट बचाकर खेलने की कोशिश करते हैं और गेंदबाज विकेट लेने की. लोगों को यदि यह पसंद नहीं तो बहुत बुरा है. 

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कोहली ने कहा, यदि मुझे टेस्ट क्रिकेट पसंद नहीं तो आप मुझ पर जबरदस्ती थोप नहीं सकते. लोगों को यदि टेस्ट क्रिकेट में गेंद और बल्ले की जंग देखने में मजा आता है तो वे ही लोग टेस्ट क्रिकेट देखने आएंगे क्योंकि उन्हें पता है कि क्या हो रहा है. उन्होंने हालांकि कहा, यह अच्छी बात है कि टेस्ट क्रिकेट को लेकर इतनी हाइप है. पहले चार दिन के टिकट बिक चुके हैं जो अच्छी बात है. भारतीय कप्तान ने कहा, सोचो जब हमारे गेंदबाज गेंद डालेंगे जो करीब 67000 दर्शक उनकी हौसलाअफजाई करेंगे. पहले घंटे का खेल रोमांचक होगा क्योंकि काफी ऊर्जा होगी. दर्शकों को मजा आएगा. यह ऐतिहासिक टेस्ट है और हम इसे खेलने वाली पहली भारतीय टीम है. यह काफी सम्मान की बात है. 

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उधर पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि गुलाबी गेंद के साथ भारत और बांग्लादेश के कप्तानों को अपने तेज गेंदबाजों को लेकर कुछ नया करना होगा और इसमें अधिक प्रभाव छोड़ने के लिए दूधिया रोशनी में उनका अधिक इस्तेमाल भी शामिल है. दूधिया रोशनी में खेली गई दलीप ट्राफी 2016 में इंडिया ब्ल्यू की अगुआई करते हुए टीम को फाइनल में ले जाने वाले गंभीर ने ‘स्टार स्पोर्ट्स’ पर कहा, कप्तानों को अब अपने तेज गेंदबाजों का इस्तेमाल अलग तरीके से करना होगा. उन्होंने कहा, लाल गेंद से वे उनका इस्तेमाल सुबह जल्दी करते हैं, लेकिन दिन-रात्रि मैचों में संभवत: दूधिया रोशनी में भी उनका इस्तेमाल करना होगा, क्योंकि एक बजे मैच शुरू होने की तुलना में तब अधिक मदद मिलेगी.

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अब तक हुए 11 दिन-रात्रि टेस्ट में सिर्फ कूकाबूरा और ड्यूक की गुलाबी गेंदों का इस्तेमाल किया गया है. दलीप ट्राफी के दौरान इस्तेमाल की गई गुलाबी गेंदे भी कूकाबूरा से खरीदी गईं थी. हालांकि भारत और बांग्लादेश के बीच पहले दिन-रात्रि टेस्ट के दौरान पहली बार एसजी गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा. गंभीर ने कहा, मैं यह देखने के लिए बेहद रोमांचित हूं कि गुलाबी गेंद कैसा बर्ताव करेगी, क्योंकि मैं कूकाबूरा गेंद से खेला है और कूकाबूरा एसजी से काफी अलग बर्ताव करती है.  भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि कलाई के स्पिनरों की गेंद को समझना चुनौती होगी. उन्होंने कहा, एक चीज मैंने महसूस की कि कलाई के स्पिनर की गेंद को दूधिया रोशनी में समझना बेहद मुश्किल होता था क्योंकि अगर आप गेंद को हाथ में नहीं भांप पाए तो फिर देर हो जाएगी.

Source : भाषा

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