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गुलाबी गेंद से हमें और अभ्यास करने का मौका मिल जाता तो अच्छा रहता : मिताली राज

गुलाबी गेंद से हमें और अभ्यास करने का मौका मिल जाता तो अच्छा रहता : मिताली राज

Updated on: 29 Sep 2021, 10:30 PM

क्वींसलैंड:

भारतीय महिला टीम और ऑस्ट्रेलियाई महिला टीम के बीच गुरुवार से एकमात्र डे-नाइट टेस्ट सीरीज की शुरूआत हो रही है। यह टेस्ट गुलाबी गेंद से खेला जाएगा। भारतीय कप्तान मिताली राज ने कहा कि गुलाबी गेंद से हमें और अभ्यास करने का मैका मिल जाता तो अच्छा रहता।

राज ने एक ऑनलाइन बातचीत में भारतीय संवाददाताओं से कहा, हमने कल पहली बार गुलाबी गेंद के साथ एक अभ्यास सत्र में भाग लिया। हर किसी के लिए यह नया अनुभव था, क्योंकि हम इस गेंद को खेलने के लिए इतने अभ्यस्त नहीं हैं।

एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय टीम ने इस मल्टी-फॉर्मेट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले बेंगलुरु में दो ह़फ्तों के अपने अभायस के दौरान गुलाबी गेंद से कोई अभ्यास नहीं किया था। हालांकि एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में रोशनी के तहत दो इंट्रा-स्क्वॉड मैच आयोजित किए गए थे और खिलाड़ियों ने कम से कम शाम के एक प्रशिक्षण सत्र में भाग लिया, जिसमें क्षेत्ररक्षण का अभ्यास शामिल था, गुलाबी गेंद उस शिविर में कहीं दिखाई ही नहीं दी।

राज ने कहा, उस शिविर में हम वनडे सीरीज की तैयारी कर रहे थे, इसलिए हमारा ध्यान सफेद गेंद से अभ्यास करने पर केंद्रित था। साथ ही हमने दूधिया रोशनी में कुछ मुकाबले भी खेले ताकिहम डे-नाइट टेस्ट और वनडे सीरीज के एक डे-नाइट मैच के लिए खुद को तैयार कर सकें।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुलाबी गेंद से टेस्ट इस साल भारतीय महिला टीम का दूसरा टेस्ट मैच है। उन्होंने जून में इंग्लैंड के खिलाफ लाल गेंद से खेला गया टेस्ट मैच ड्रॉ किया था। उन सीरीज की तरह इस मल्टी-फॉर्मेट सीरीज में भी टीमों को टेस्ट मैच जीतने पर चार और ड्रॉ करवाने पर दो-दो अंक मिलेंगे, वहीं हर वनडे और टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच जीतने पर उन्हें दो अंक दिए जाएंगे। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच सात सालों के लंबे अंतराल के बाद आया था। और तो और घरेलू क्रिकेट में भी 2018-19 सीजन के बाद से महिलाओं के लिए केवल वनडे और टी20 मैचों का आयोजन हुआ है।

11 टेस्ट कैप के साथ राज और तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी इस टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं। इन दोनों ने ने घरेलू स्तर पर महिलाओं के लिए बहु दिवसीय टूनार्मेंटों को फिर से शुरू करने पर जोर दिया है। मिताली ने कहा,अगर हम चाहते हैं कि महिला टीम इस प्रारूप में अच्छा प्रदर्शन करें, तो हमें घरेलू स्तर पर उन्हें लंबे प्रारूप खेलने का अनुभव कराना होगा। अगर इसी तरह टेस्ट मैचों का आयोजन लगातार अंतराल पर होता है तो शायद घरेलू क्रिकेट में भी बहु-दिवसीय टूनार्मेंट का आयोजन शुरू होगा।

गुलाबी गेंद के साथ अभ्यास का अभाव होने के बावजूद मिताली को अपनी खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा है कि वह अच्छा प्रदर्शन करेंगी। उन्होंने कहा कि वनडे मैचों में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद टीम में काफी आत्मविश्वास है।

राज ने कहा, घर पर टेस्ट खेलना भी काफी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे हमें फायदा होगा और लड़कियों को भी घर पर टेस्ट खेलने का अनुभव मिलेगा। मौजूदा टीम की अधिकांश लड़कियों ने विदेश में टेस्ट मैच खेले हैं, इसलिए घर पर एक टेस्ट खेलना अच्छा होगा।

राज का मानना है कि इस साल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दौरों पर टेस्ट मैच का आयोजन इस फॉर्मैट में भारत के भविष्य के लिए उत्साहजनक संकेत है। साथ ही उन्होंने भविष्य में घरेलू परिस्थितियों में टेस्ट मैच के आयोजन का स्वागत किया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.