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राजस्थान में खेल रहा था 'तालिबान क्रिकेट क्लब', आयोजकों ने किया ये काम

राजस्थान के जैसलमेर की घटना, मच गया हड़कंप

Updated on: 24 Aug 2021, 05:55 PM

highlights

  • टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही थीं 10 टीमें
  • मोबाइल एप के जरिए हुई थी एंट्री
  • हर साल होता है टूर्नामेंट का आयोजन

नई दिल्ली :

तालिबान (Taliban) सिर्फ अफगानिस्तान (afghanistan) में नहीं घुसा बल्कि राजस्थान में भी घुस चुका है. चौंकिए नहीं, यहां असली के तालिबान की नहीं बल्कि एक क्लब की बात हो रही है. राजस्थान के एक क्रिकेट टूर्नामेंट (cricket tournament) के आयोजन में तालिबान क्रिकेट क्लब ने भी प्रतिभाग किया. हालांकि शुरू में इस बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया लेकिन जब ध्यान गया तो आयोजकों के होश उड़ गए. दरअसल, राजस्थान के जैसलमेर जिले में जेसूराना गांव है. यहां पर हर साल स्वर्गीय अलादीन के नाम से क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है. इस बार भी यह आयोजन किया जा रहा था. टीमों की एंट्री आनलाइन मोबाइल एप के जरिए हो रही थी. इस दौरान पता चला कि तालिबान क्रिकेट क्लब नाम से एक टीम की एंट्री हुई है. जैसे ही इस बात का पता चला हंगामा हो गया. आयोजकों ने आनन-फानन में उस क्लब को आयोजन से बाहर किया. यही नहीं, उस क्लब को हमेशा के लिए टूर्नामेंट में बैन कर दिया. 

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मीडिया सूत्रों के अनुसार आयोजकों ने इस घटना पर अफसोस जताया है. जैसुराना के समाजसेवी दिवंगत अलादीन की स्मृति में 22 अगस्त से आयोजन शुरू हुआ था. इस टूर्नामेंट में 10 टीमें हिस्सा ले रही थीं. तालिबान क्लब की क्रिकेट टीम में मठार खान (कप्तान), अबाल बाजीगर खान, अलाद्दीन खान, गुमानाराम, अमीन खान, हाजी, जाको, जमाल खान, कमाल जंज, खामिश खान, माधे खान, महेश व मेराब खान हैं. वहीं, इस बारे में पुलिस का कहना है कि गांव में तालिबान नाम की टीम के बारे में सूचना मिली थी. यहां पुलिस पहुंची मगर तब तक टीम को पाबंद किया गया था. आयोजकों ने लिखित रूप से माफी मांगी है. वहीं, आयोजक इस्माइल का इस बारे में कहना है कि टीम को हमेशा के लिए बैन कर दिया गया है. हमारा यह आयोजन भाईचारा बढ़ाने के लिए किया जाता है. 

बता दें कि तालिबान, अफगानिस्तान का एक कट्टरपंथी संगठन है. उसने पिछले दिनों अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया. तब से अफगानिस्तान के हालात बेहद दर्दनाक हैं. तमाम लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं. वहां रहने वाले भारतीय भी, वापस बुलाए जा रहे हैं. वहां से आई तमाम महिलाओं ने वहां के दर्दनाक माहौल के बारे में बताया है. जो युवतियां वहां रह रही हैं, वह अपने स्कूल-कॉलेज के प्रमाण पत्र व ड्रेस जला रही हैं, जिससे की तालिबानियों के पता नहीं चल सके कि वह स्कूल जाती थीं. यदि तालिबान को पता चला तो उनकी जान को खतरा हो सकता है. यही नहीं, तमाम इलाकों में तालिबान लोगों को दर्दनाक मौत दे चुका है.