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सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन और निरंजन शाह के बीसीसीआई एसजीएम में हिस्सा लेने पर लगाई रोक

जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने साथ ही कहा कि एसजीएम में लोढ़ा समिति की वो सिफारिशें लागू की जाएं, जो अभी तक मुमकिन हैं।

Updated on: 24 Jul 2017, 05:47 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व प्रेसिडेंट और तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) के प्रतिनिधि एन श्रीनिवासन के 26 जुलाई को बोर्ड के होने वाले स्पेशल जनरल मीटिंग (एसजीएम) में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है।

साथ ही पूर्व उपाध्यक्ष निरंजन शाह पर भी बैठक में हिस्सा लेने पर रोक लगाई गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केवल बीसीसीआई के अधिकारी ही एसजीएम में हिस्सा ले सकते हैं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि एसजीएम में बीसीसीआई लोढ़ा समिति के जितने सूझाव संभव हो सके, उसे अपनाए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट एक राज्य संघ से एक वोट के लोढ़ा समिति के प्रस्ताव पर फिर से विचार कर सकता है।

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सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश बीसीसीआई की प्रशासकीय समिति (एसजीएम) के प्रमुख विनोद राय की उस शिकायत के बाद आया है जिसमें कहा गया था कि डिस्क्वॉलीफाई किए जाने के बावजूद श्रीनिवासन और निरंजन शाह बोर्ड की बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं।

इसके जवाब में निरंजन शाह और श्रीनिवासन ने आरोप लगाया था कि विनोद राय केवल उन दोनों निशाना साध रहे हैं।

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बता दें कि इसी मसले पर 14 जुलाई को प्रशासकीय समिति ने कहा था कि दोनों बोर्ड या किसी भी क्रिकेट संघ में अधिकारी होने के अयोग्य हैं। सीओए के मुताबिक इन दोनों ने 26 जून को एसजीएम में बोर्ड के लोढ़ समिति की अनुशंसा को नहीं अपनाने देने में अहम भूमिका निभाई।

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