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SC का लोढ़ा पैनल को आदेश, BCCI के खातों की जांच के लिए आॅडिटर नियुक्त करे

लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट और सख्त होती नज़र आ रही है।

Updated on: 21 Oct 2016, 02:42 PM

नई दिल्ली:

लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट और सख्त होता नज़र आ रहा है। दो हफ्ते का वक्त देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा कमेटी से कहा है कि वह एक स्वतंत्र नियामक नियुक्त करे जो बीसीसीआई के वित्तीय मामलों पर नज़र रख सके। 

बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और बोर्ड के सचिव को भी लोढ़ा समिति के सामने पेश होने का आदेश दिया है। साथ ही शीर्ष अदालत ने बीसीसीआई को कहा है कि जब तक राज्यों के एसोसिएशन लोढा कमेटी की सिफारिशों को अमल में नहीं लाते तब तक उन्हें एक पैसा ना दिया जाये।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा लोढ़ा कमेटी को दिए गये निर्देश पर बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर ने कहा कि 'हमें किसी भी हालत में उनके निर्देशों को मानना ही है लेकिन हम खेल के सभी पहलुओं पर विचार करेंगे'।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद जस्टिस लोढ़ा ने भी प्रतिक्रिया दी। जस्टिस लोढ़ा ने कहा, 'पहले मुझे ऑर्डर को देखने दीजिए, जिसके बाद मै समझूंगा कि कमेटी को क्या आदेश प्राप्त हैं'। 

सर्वोच्च अदालत ने बीसीसीआई को जस्टिस लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू करने का फैसला सुनाया है। मामले की अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा:
बीसीसीआई एक तयशुदा सीमा से ज्यादा के कॉन्ट्रैक्ट नहीं कर सकती और यह सीमा लोढ़ा कमेटी तय करेगी। अगर बीसीसीआई मीडिया राईट या ग्राउंड राईट से जुड़े किसी कॉन्ट्रैक्ट को करती हैं, तो उसे लोढ़ा कमेटी की इजाजत लेनी होगी।

बीसीसीआई उन राज्य संघो को पैसा देना रोक दे, जो लोढ़ा कमिटी की सिफारिश नहीं मान रहे हैं। फिर चाहे राज्य संघ क्रिकेट मैच के आयोजन के लिये ही पैसा क्यों ना मांग रहे हो।
बीसीसीआई प्रेजिडेंट अनुराग ठाकुर और सेक्रेटरी अजय सिर्के अदालत में भी हलफनामा दाखिल कर बताए कि लोढ़ा कमेटी की किन सिफारिशों काे मान लिया गया और किन पर अमल करना बाकी हैं।

लोढ़ा कमेटी स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करे जो बीसीसीआई के खातों की जांच करेगा और फिर कमेटी को रिपोर्ट सौंपेगा। कोर्ट ने कहा कि इस आदेश की कॉपी आईसीसी चेयरपर्सन शंशाक मनोहर को भेजी जाए।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को बीसीसीआई को आदेश दिया था कि वह छह महीने के अंदर लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों का पालन करे। हालांकि बीसीसीआई लोढ़ा कमिटी की सिफारिशों पर अमल से बचती रही। इसके बाद लोढ़ा कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की थी कि बीसीसीआई उसकी सिफारिशों को लागू किए जाने को लेकर गंभीर नही हैं।