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अनुराग ठाकुर से सुप्रीम कोर्ट ने बिना शर्त माफी मांगने को कहा, 14 जुलाई को पेश होने के भी निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने अब 12 जुलाई तक अनुराग ठाकुर को नया हलफनामा दायर करने और बिना शर्त माफी माफी मांगने के निर्देश दिए हैं। अनुराग ठाकुर को 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट मे पेश होने को भी कहा गया है।

Updated on: 07 Jul 2017, 04:44 PM

highlights

  • अनुराग ठाकुर पर कोर्ट में गलत हलफनामा देने का है आरोप
  • बीसीसीआई में सीएजी की नियुक्ति को सरकारी हस्ताक्षेप बताकर आईसीसी से चिट्ठी की हुई थी मांग
  • कमेटी की सिफारिशों को लागू नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने BCCI प्रेसिडेंट पद से अनुराग ठाकुर को हटाया था

नई दिल्ली:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व प्रेसिडेंट अनुराग ठाकुर की मुसीबत थमने का नाम नहीं ले रही। अनराग ठाकुर की ओर से अवमानना के मामले में दिए गए माफीनामे को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज करते हुए पेश होने का आदेश दिया है।

मामले की सुनवाई की करते हुए जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, 'हम पेश किए गए माफीनामे के हलफनामे से खुश नहीं हैं। इसे और स्पष्ट होना चाहिए था।'

यही नहीं कोर्ट ने अब 12 जुलाई तक अनुराग ठाकुर को नया हलफनामा दायर करने और बिना शर्त माफी माफी मांगने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अनुराग ठाकुर को 14 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट मे पेश होने को भी कहा गया है।

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गौरतलब है कि अनुराग पिछले साल मुश्किल में आए जब उन्होंने एक गलत हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया। उस हलफनामे में ठाकुर की ओर से कहा गया था कि उन्होंने बीसीसीआई में हस्तक्षेप को लेकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से चिट्ठी भेजने की बात नहीं कही थी।

हालांकि, अनुराग ने आईसीसी से बीसीसीआई में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की नियुक्ति को सरकारी हस्तक्षेप वाला बताते हुए एक चिट्ठी भेजने के लिए कहा था। इसका खुलासा बाद में आईसीसी के सीईओ डेव रिचर्डसन ने किया था। रिचर्डसन ने कहा था कि बीसीसीआई ने आईसीसी से चिट्ठी की मांग की थी लेकिन इसे नामंजूर कर दिया गया था।

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बताते चलें कि लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने संबंधी एक आदेश सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 18 जुलाई को दिया था, जिसे बीसीसीआई ने लागू नहीं किया। इसके बाद बीसीसीआई के खिलाफ तीखे तेवर अपनाते हुए कोर्ट ने ठाकुर सहित बोर्ड के सेक्रेटरी अजय शिर्के को पद से हटा दिया था।

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