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सुनील गावस्कर बोले- देश मुश्किल में है, हमारे युवा क्लास के बजाए सड़कों पर हैं तो कुछ...

महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने शनिवार को भरोसा जताया कि देश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन से बने मौजूदा मुश्किल हालात से भारत उबर जाएगा.

Updated on: 12 Jan 2020, 12:04 AM

दिल्ली:

महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने शनिवार को भरोसा जताया कि देश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन से बने मौजूदा मुश्किल हालात से भारत उबर जाएगा जैसे अतीत में वह कई संकट की स्थितियों से निपटने में सफल रहा है. पिछले दिनों से देशभर में छात्रों का विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है. संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ सबसे पहले जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में विरोध देखने को मिला, जबकि जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय (JNU) में नकाबपोश लोगों ने हिंसा फैलाई.

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सुनील गावस्कर ने कहा कि देश मुश्किल में है. हमारे कुछ युवा सड़कों पर उतरे हुए हैं, जबकि उन्हें अपनी कक्षाओं में होना चाहिए. सड़कों पर उतरने के लिए उनमें से कुछ को अस्पताल जाना पड़ा. हालांकि, गावस्कर उस भारत में विश्वास रखते हैं, जहां के लोग संकट के इस समय से उबर जाएंगे. उन्होंने कहा कि इनमें से अधिकतर कक्षाओं में हैं, अपना भविष्य बनाने और भारत को आगे ले जाने का प्रयास कर रहे हैं. एक देश के रूप में हम तभी आगे बढ़ सकते हैं, जब हम सभी एकजुट हो. जब हम सभी सामान्य भारतीय होंगे. खेल ने हमें यही सिखाया है.

सुनील गावस्कर ने जुलाई में विश्व कप सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद से खेल से महेंद्र सिंह धोनी के ब्रेक पर शनिवार को सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कोई स्वयं को इतने लंबे समय तक भारत की ओर से खेलने से दूर रख सकता है? नौ जुलाई को विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की हार के बाद से धोनी के भविष्य को लेकर अटकलों का दौर जारी है. 38 साल के धोनी ने इस हार के बाद से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट नहीं खेला है, लेकिन उनके आईपीएल में वापसी करने की उम्मीद है.

यह पूछने पर कि क्या धोनी भारत की टी20 विश्व कप टीम में जगह बना सकते हैं, गावस्कर ने कहा, ‘‘फिटनेस ऐसी चीज है जिसके बारे में मैं आपको कुछ नहीं बता सकता. यह सवाल स्वयं धोनी से पूछा जाना चाहिए. उसने 10 जुलाई से खुद को भारत की ओर से खेलने के लिए उपलब्ध नहीं रखा है.’’ महान बल्लेबाज और पूर्व भारतीय कप्तान गावस्कर ने यहां 26वें लाल बहादुर शास्त्री स्मृति व्याख्यान के बाद कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण सवाल है. क्या कोई भारत के लिए खेलने से खुद को इतने समय तक दूर रख सकता है?. यह सवाल है और इसी के अंदर जवाब है.’’

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गावस्कर ने साथ ही कहा कि देश के शीर्ष प्रथम श्रेणी क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्राफी में जब तक खिलाड़ियों की मैच फीस में भारी भरकम इजाफा नहीं किया जाता तब तक यह लुभावनी इंडियन प्रीमियर लीग की बराबरी नहीं कर सकती. रणजी ट्राफी खेलने के लिए एक खिलाड़ी को प्रति मैच लगभग ढाई लाख रुपये मिलते हैं, लेकिन कुछ समय पहले तक खिलाड़ियों को काफी कम मैच फीस मिलती थी. इस इजाफे के बावजूद इस प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट से खिलाड़ियों को होने वाली कमाई मामूली है.

गावस्कर ने कहा, ‘‘रणजी ट्राफी पर आईपीएल का दबदबा रहता है. जब तक कि मैच फीस में बड़ा इजाफा नहीं किया जाता तब इसे अनाथ और भारतीय क्रिकेट का रिश्ते का गरीब भाई ही माना जाएगा.’’ टेस्ट क्रिकेट को पांच दिन से घटाकर चार दिन का करने के आईसीसी के प्रस्ताव पर गावस्कर ने कहा, ‘‘मैं क्या सोचता हूं यह मायने नहीं रखता. मौजूदा खिलाड़ी क्या सोचते हैं यह मायने रखता है. बीसीसीआई के फैसला करने से पहले उनसे सलाह मशविरा होना होना चाहिए.’’