विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) के तहत भारत और न्यूजीलैंड (India vs New Zealand) के बीच खेली जा रही दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच टीम इंडिया (Team India) दस विकेट से हार गई. हाल यह था कि टीम इंडिया मैच के चौथे ही दिन पहले ही सेशन में हार गई. वह तो भला हो ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और कुछ पुछल्ले बल्लेबाजों का, जिन्होंने न्यूजीलैंड की लीड को खत्म करने के बाद आठ रन और बना दिए, नहीं तो मैच भारत पारी से हार जाता. भारत ने न्यूजीलैंड से आठ रन ज्यादा बनाए और न्यूजीलैं को दूसरी पारी में नौ रनों का मामूली लक्ष्य मिला जो न्यूजीलैंड ने बिना विकेट गंवाए दूसरे ही ओवर में हासिल कर लिया. भारत को मिली इस करारी हार के बार भारतीय क्रिकेट में हड़कंप सा मचा हुआ है. मैच के दौरान कई बार तो ऐसा लगा कि भारतीय बल्लेबाज रन बनाना ही नहीं चाहते, वे विकेट पर टिके रहना चाहते हैं, ताकि मैच ड्रॉ की ओर चला जाए, लेकिन इस बीच वे आउट भी होते रहे और भारत दस विकेट से मैच हार गया. अब इसी रणनीति को बदलने के लिए बल्लेबाजों को ताकीद किया गया है.
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भारतीय कप्तान विराट कोहली ने न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच से पहले, अपने बल्लेबाजों से बेहद रक्षात्मक रवैया छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि विदेशी दौरों में इस तरह के खेल से कभी फायदा नहीं मिलता. भारत को बेसिन रिजर्व में पहले टेस्ट मैच में दस विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. वह तेज गेंदबाजों के लिए मददगार पिच पर दोनों पारियों में 200 रन तक भी नहीं पहुंच पाया था. विराट कोहली ने हार के बाद कहा, मुझे लगता है कि बल्लेबाजी इकाई के तौर पर हम जिस भाषा का उपयोग करते हैं, उसे सही करना होगा. मुझे नहीं लगता कि सतर्क होने या बेहद सावधानी बरतने से मदद मिलेगी क्योंकि ऐसे में हो सकता है कि आप अपने शॉट नहीं खेल पाए.
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दूसरी पारी में तकनीकी तौर पर मंझे हुए बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने बेहद रक्षात्मक रवैया अपनाया और 81 गेंदों पर 11 रन बनाए. हनुमा विहारी ने 79 गेंदें खेलीं और 15 रन बनाए. बल्लेबाजी इकाई किसी भी समय लय हासिल करने में नाकाम रही. चेतेश्वर पुजारा ने बीच में 28 गेंद तक एक भी रन नहीं बनाया और ऐसे में दूसरे छोर पर खड़े मयंक अग्रवाल को ढीले शॉट खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा. भारतीय कप्तान विराट कोहली को यह कतई पसंद नहीं है कि आप दौड़कर एक रन न लो और किसी अच्छी गेंद का इंतजार करो जो आपका विकेट ही ले लेगी. विराट कोहली ने कहा, आपको संदेह पैदा होगा, अगर इन परिस्थितियों में एक रन भी नहीं बन रहा है, आप क्या करोगे? आप केवल यह इंतजार कर रहे हो कि कब वह अच्छी गेंद आएगी जो आपका विकेट ले लेगी.
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भारतीय कप्तान विराट कोहली को विरोधी टीम पर हावी होने के लिए जाना जाता है और वह चाहते हैं कि उनके कुछ बल्लेबाज भी इसका अनुसरण करें. उन्होंने कहा, मैं परिस्थितियों का आंकलन करता हूं, अगर मैं देखता हूं विकेट पर घास है तो मैं हमलावर तेवर दिखाता हूं ताकि मैं अपनी टीम को आगे ले जा सकूं. विराट कोहली ने कहा, अगर आप सफल नहीं होते, तो आपको यह स्वीकार करना होगा कि आपकी सोच सही थी आपने कोशिश की लेकिन अगर इससे फायदा नहीं मिला तो उसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है. कप्तान ने अपनी राय को स्पष्ट करते हुए कहा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि सतर्क रवैये से कभी फायदा मिलता है विशेषकर विदेशी पिचों पर.
(इनपुट भाषा)
Source : News Nation Bureau