कालचक्र बदला, अब सौरव गांगुली BCCI चीफ हैं और धोनी टीम से बाहर
महेंद्र सिंह धोनी को गुरुवार को बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से बाहर कर दिया गया, जिससे भारत के पूर्व कप्तान के भविष्य को लेकर एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं.
नई दिल्ली:
महेंद्र सिंह धोनी को गुरुवार को बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से बाहर कर दिया गया, जिससे भारत के पूर्व कप्तान के भविष्य को लेकर एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं. एमएस धोनी ने पिछले साल विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से मिली हार के बाद क्रिकेट नहीं खेला है. बीसीसीआई ने अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 तक के लिए केंद्रीय अनुबंधों का ऐलान किया है. एमएस धोनी पिछले साल तक ए ग्रेड में थे, जिन्हें सालाना पांच करोड़ रूपये मिलते थे. कप्तान विराट कोहली, उपकप्तान रोहित शर्मा और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ए प्लस ग्रेड में बने हुए हैं जिन्हें सात करोड़ रुपये हर साल मिलते हैं. धोनी के अनुबंध का रिन्यूवल होना वैसे हैरानी की बात नहीं है क्योंकि उन्होंने नौ जुलाई को विश्व कप सेमीफाइनल के बाद से कोई प्रतिस्पर्धी मैच नहीं खेला है. वह क्रिकेट से दूर है और अपने भविष्य के बारे में कुछ खुलासा भी नहीं कर रहे. मुख्य कोच रवि शास्त्री ने हाल ही में कहा था कि धोनी जल्दी ही वनडे क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं, ताकि आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करके टी20 विश्व कप के लिए दावा पुख्ता कर सकें.
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गौर करने वाली बात यह भी है कि जब सौरव गांगुली टीम के कप्तान हुआ करते थे तभी एमएस धोनी का चयन किया गया था, शुरुआत की कुछ पारियों में अच्छा न खेल पाने के बाद भी न सिर्फ टीम में बने रहे, बल्कि धोनी पहली बार तब चमके जब तब के कप्तान सौरव गांगुली ने उन्हें पहली बार अपनी जगह यानी नंबर तीन पर खेलने के लिए भेजा. इस मैच में पाकिस्तान के खिलाफ धोनी ने पहला शतक मारा और चमक उठे. इसके बाद धोनी ने जो इतिहास रचे वे सभी जानते हैं. उसके बाद ग्रेग चैपल से लेकर तरह तरह की कहानियां सामने आई और राहुल द्रविड़ को कप्तान बना दिया गया. उसके बाद आखिरकार टीम इंडिया को एक स्थायी कप्तान मिला, जिनका नाम था महेंद्र सिंह धोनी, हालांकि उसके बाद सौरव गांगुली के दिन ठीक नहीं रहे और उन्हें टीम से बाहर का रास्त दिखा दिया गया था, बाद में थक हारकर सौरव गांगुली को क्रिकेट से संन्यास का ऐलान करना पड़ा. और धोनी एक के बाद एक नए इतिहास रचते रहे.
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अब एक बार फिर कालचक्र घूम चूका है और वहीं कप्तान सौरव गांगुली अब बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं और धोनी कप्तानी छोड़कर अब सिर्फ खिलाड़ी ही रह गए हैं. वहीं विश्व कप क्रिकेट के बाद धोनी ने खुद ही अपने आप को टीम से अलग कर लिया था, उसके बाद उन्होंने मीडिया से बात ही नहीं की. न ही कोई कप्तान, कोच या चयनकर्ता ही सामने आया और असल स्थिति के बारे में बताया. हालांकि धोनी ने खुद ही कहा था कि जनवरी तक उनसे इस बारे में कुछ न पूछा जाए. लेकिन अब जनवरी आधी बीत चुकी है, धोनी का क्या निर्णय लेते हैं, यह तो साफ नहीं है, लेकिन बीसीसीआई को धोनी को लेकर जो निर्णय लेना था, वह तो ले ही लिया गया है और अब वे कॉट्रेक्ट की किसी भी सूची में शामिल नहीं हैं.
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अभी तक टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता रहे एमएसके प्रसाद पहले ही कह चुके हैं कि धोनी को प्रदर्शन के आधार पर ही टीम में फिर चुना जाएगा. धोनी ने अभी भविष्य के बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनके आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलने की पूरी संभावना है. विश्व कप के बाद से वह वेस्टइंडीज दौरे और दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू सीरीज से बाहर रहे. भारतीय क्रिकेट के सबसे बड़े नामों में से एक धोनी ने दक्षिण अफ्रीका में 2007 में टी20 विश्व कप और भारत में 2011 वनडे विश्व कप जीता है. उन्होंने 90 टेस्ट, 350 वनडे और 98 टी20 मैच खेलकर करीब 17000 रन बनाए और विकेट के पीछे 829 शिकार किए.
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