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Sourav Ganguly Jay Shah( Photo Credit : File Photo)
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) और सचिव जय शाह (Jay Shah) को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों को ऑफिसरों से जुड़े मामले में राहत दी है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई (BCCI) से संविधान के संशोधन (Amendment) की भी मंजूरी दे दी है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की ही पिटीशन पर सुनवाई करते हुए कूलिंग ऑफ पीरियड (Cooling Off Period) से जुड़े संविधान में संशोधन की मंजूरी दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ हो गया कि सौरव गांगुली और जय शाह के पद पर कोई संकट नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसले में कहा कि बीसीसीआई के एक कार्यकाल के बाद कूलिंग ऑफ पीरियड की ज़रूरत नहीं है, लेकिन दो कार्यकाल के बाद ऐसा करना होगा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि सौरव गांगुली और जय शाह आने वाले तीन साल तक अपने पद पर बरकरार रह सकते हैं. आपको बता दें कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह का कार्यकाल अक्टूबर 2022 में खत्म होने वाला था. जिसकी वजह से बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इतनी ही नहीं बीसीसीआई ने इस मामले से जुड़ी याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की थी.
जानिए क्या था मामला
दरअसल, बीसीसीआई के संविधान के अनुसार साल 2018 में लागू हुए नियम के मुताबिक किसी भी बीसीसीआई के अधिकारी को कूलिंग ऑफ पीरियड पूरा करना होगा, जो राज्या या बीसीसीआई लेवल पर अपने दो कार्यकाल पूरे किए हों. इस स्थिति में छ: साल पूरे होने पर वह व्यक्ति स्वयं चुनाव की दौड़ से बाहर हो जाएगा. बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की थी, उसमें यही अपील की गई थी कि इस नियम को बदलने की इजाजत दी जाए. जिसपर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करते हुए अनुमति दी है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कही ये बात
इस मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया हमारा मानना है कि राज्य एसोसिएशन में एक कार्यकाल (3 साल) के बाद BCCI में एक कार्यकाल के लिए कोई कूलिंग ऑफ अवधि की आवश्यकता नहीं है. लेकिन राज्य एसोसिएशन या बीसीसीआई में दो कार्यकाल के बाद कूलिंग ऑफ को रखना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि उस व्यक्ति में कोई समस्या नहीं है जिसने राज्य में या बीसीसीआई में लगातार 3 साल के दो कार्यकाल बिताए हों.