जब शोएब के हाथों से फिसल गए थे तेंदुलकर, बोले-ऐसा होता तो कभी भारत में न आ पाता
पाकिस्तानी क्रिकेट टीम ने 2007 के नवंबर-दिसंबर में पांच वनडे और तीन टेस्ट मैचों के लिए भारत का दौरा किया था.
highlights
- दोनों देश द्विपक्षीय सीरीज (India vs Pakistan) एक-दूसरे के साथ खेल रहे थे.
- एक पुरस्कार समारोह में पाकिस्तान के तेज गेंदबाज ने तेंदुलकर को उठाने की कोशिश की
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने अपनी भारत यात्रा के दौरान एक घटना को याद किया है. ये वाक्या भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) से जुड़ा हुआ है. घटना वर्ष 2007 में पाकिस्तान की भारत यात्रा के दौरान हुई थी. एक पुरस्कार समारोह में पाकिस्तान के तेज गेंदबाज ने तेंदुलकर को उठाने की कोशिश की, लेकिन फिर उन्हें छोड़ दिया. पाकिस्तान ने 2007 में नवंबर-दिसंबर में पांच वनडे और तीन टेस्ट मैचों के लिए भारत का दौरा किया था. यह आखिरी बार था, जब दोनों देश द्विपक्षीय सीरीज (India vs Pakistan) एक-दूसरे के साथ खेल रहे थे. अब राजनीतिक तनाव की वजह से दोनों पक्ष केवल आईसीसी आयोजनों में ही खेलते हैं.
भारत के इस दौरे को याद कर शोएब अख्तर ने माना कि उस समय हाथ से फिसलने के कारण वे डर गए थे कि इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है. बल्लेबाज को इस दौरान चोट लग सकती थी. उन्होंने कहा कि अगर स्टार बल्लेबाज चोटिल होता तो भारतीय उन्हें फिर कभी देश में घुसने की अनुमति नहीं देते.
मुझे भारतीय वीजा कभी नहीं मिलेगा : शोएब अख्तर
शोएब अख्तर ने मीडिया से बातचीत में कहा, हमेशा की तरह वह कुछ अलग करने की चाहत रखते हैं. ऐसे में सचिन तेंदुलकर को उठाने की कोशिश की, सिर्फ मजे के लिए. मैं उन्हें उठाने में कामयाब रहा, लेकिन फिर अचानक वह उनके हाथ से फिसल गए. तेंदुलकर गिर गए, इतनी बुरी तरह से नहीं, मगर उन्होंने मन सोचा कि ‘मैं गया काम से.’ मुझे डर था कि अगर सचिन तेंदुलकर अनफिट या चोटिल हो गए तो मुझे भारतीय वीजा कभी नहीं मिलेगा. भारतीय मुझे कभी भी देश वापस नहीं आने देंगे या मुझे जिंदा जला देंगे.”
मुझे सच में लगा कि मेरा जीवन खत्म हो गया है
दरअसल भारत-पाकिस्तान के बीच मुकाबले बेहद रोमांचक होते हैं। जब कट्टर-प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे के साथ खेलते हैं तो पूरी क्रिकेट बिरादरी इस मुकाबले से भावनात्मक रूप से जुड़ जाती है. शोएब अख्तर का कहना है कि मैदान पर प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी मैदान के बाहर अच्छे दोस्त थे. उन्होंने कहा कि जब सचिन नीचे गिरे तो मुझे सच में लगा कि मेरा जीवन खत्म हो गया है. इस दौरान वहां पर हरभजन सिंह और युवराज सिंह भी थे और उन्होंने मुझसे कहा कि ‘तुम क्या कर रहे हो यार?’ और मैंने उन्हें जवाब देते हुए कहा कि वे खुद नहीं जानते, यह बस हो गया.
इसके बाद उन्होंने तेंदुलकर को गले लगाया और उनसे पूछा कि क्या वह ठीक हैं. तब सचिन ने कहा कि वह ठीक हैं. फिर मैंने उनसे कहा कि अगर कुछ हुआ होता तो, उनके लिए बड़ी मुसीबत होती। हालांकि तेंदुलकर ने बाद में सीरीज में हमें पछाड़ दिया.
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