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केएल राहुल के सामने शिखर धवन ने रखी बड़ी चुनौती, अब क्‍या होगा

एक अंतरराष्‍ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और एक घरेलू स्तर के खिलाड़ी में अंतर होता है और यही अंतर बुधवार को अरुण जेटली स्टेडियम में चल रहे रणजी ट्रॉफी मैच (Ranji Trophy Match) में दिल्ली के कप्तान शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की बल्लेबाजी में देखने को मिला.

Updated on: 26 Dec 2019, 08:16 AM

New Delhi:

एक अंतरराष्‍ट्रीय स्तर के खिलाड़ी और एक घरेलू स्तर के खिलाड़ी में अंतर होता है और यही अंतर बुधवार को अरुण जेटली स्टेडियम में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी मैच (Ranji Trophy Match) में दिल्ली के कप्तान शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की बल्लेबाजी में देखने को मिला. बिना जल्दबाजी के, शरीर के पास से शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने हैदराबाद (Delhi vs Hyderabad) के गेंदबाजों पर दर्शनीय शॉट्स लगाए और दिन का खेल खत्म होने तक 198 गेंदों पर 137 रन बनाकर नाबाद लौटे. इससे केएल राहुल (KL Rahul) के सामने बड़ी चुनौती पेश कर दी गई है. श्रीलंका और आस्‍ट्रेलिया के साथ होने वाली सीरीज के लिए शिखर धवन का टीम इंडिया में चयन किया गया है, वहीं हिटमैन रोहित शर्मा को श्रीलंका सीरीज के लिए आराम दिया है. हालांकि रोहित शर्मा आस्‍ट्रेलिया के साथ होने वाली सीरीज के लिए टीम में शामिल हैं. अब रणजी मैच में तो शिखर धवन ने अपने आप को सिद्ध कर दिया है, लेकिन उनकी असल परीक्षा श्रीलंका के साथ होने वाली सीरीज में होगा. इस सीरीज में केएल राहुल के साथ शिखर धवन ही पारी की शुरुआत करेंगे. माना जा रहा है कि इस सीरीज में कौन सा सलामी बल्‍लेबाज रन बनाएगा, उसी को आस्‍ट्रेलिया के खिलाफ वन डे सीरीज में रोहित शर्मा के साथ बतौर सलामी बल्‍लेबाज मैदान में उतरने का मौका दिया जाएगा. 

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शिखर धवन की यह पारी तब आई जब हैदराबाद के गेंदबाज एक छोर से लगातार अंतराल पर विकेट ले रहे थे और दिल्ली के बल्लेबाजों को अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में तब्दील होने नहीं दे रहे थे. पहले दिन का खेल खत्म होने तक दिल्ली ने छह विकेट खोकर 269 रन बनाए हैं. मैच के बाद धवन ने कहा, पस्थितियां चुनौतीपूर्ण थीं क्योंकि सुबह गेंद हिल रही थी. धूप नहीं थी इसलिए विकेट में नमी थी. अब कम है लेकिन फिर भी नमी है. उम्मीद है जब हमें नई गेंद मिले तो हम कुछ फायदा उठा पाएं. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, जब बाएं हाथ के स्पिनर (मेहिदी हसन) आए तब मैंने अपने खेल में बदलाव किया. मैं उन पर बड़े शॉट्स खेलना चाह रहा था, लेकिन पूरी परिस्थति को देखकर मैंने अपनी इच्छाओं पर काबू किया, क्योंकि मेरे बाद ज्यादा बल्लेबाजी बची नहीं थी.

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अनुभव होने के कारण आपको अनुमान हो जाता है कि किस विकेट पर किस तरह के शॉट्स खेलने हैं. मैंने अपने शरीर से दूर से ज्यादा गेंदे नहीं खेलीं. ज्याद ड्राइव भी नहीं मारी. उन्होंने कहा, जब मैं 20-21 साल का था तब मैं उस तरह के शॉट खेलता था, लेकिन अब अनुभव है इसलिए अब मैं विकेट देखता हूं और मुझे पता होता कि इस पर किस तरह के शॉट खेलने हैं. अन्य बल्लेबाजों की विफलता पर शिखर धवन ने कहा, उनको अच्छी गेंदें मिलीं और ऑफ स्टम्प के बाहर की गेंद पर आउट हुए. जाहिर सी बात है कि सुबह परिस्थतियां मुश्किल थीं क्योंकि उस समय गेंद ज्यादा सीम कर रही थी और ज्यादा स्विंग भी ले रही थी. लेकिन मैं फिर भी उनकी तारीफ करूंगा जिन्होंने 25 का आंकड़ा पार किया क्योंकि वे अच्छा योगदान देकर गए.