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तेंदुलकर ने बदल दी थी इस पाकिस्तानी गेंदबाज की जिंदगी, घटिया भाषा पर सचिन ने कही थी ये बात

मुश्ताक ने कहा कि मैंने पहली बार उन पर फब्ती कसी. यह 1997 की बात है. सचिन चुपचाप मेरे पास आये और कहा, ‘मैंने कभी आपके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया, फिर आप क्यों मेरे साथ दुर्व्यवहार कर रहे हो.’

Updated on: 24 Apr 2020, 06:34 PM

नई दिल्ली:

सचिन तेंदुलकर और सकलैन मुश्ताक के बीच नब्बे के दशक में कुछ रोमांचक मुकाबले हुए हैं लेकिन इसी तरह के एक मैच के दौरान पाकिस्तानी आफ स्पिनर शर्मसार हो गया जिसके बाद उन्होंने भारतीय स्टार पर कभी छींटाकशी नहीं करने की कसम खायी थी. यह कनाडा में सहारा कप के मैच की घटना है. सकलैन ने सोचा कि तेंदुलकर पर फब्ती कसना सही होगा जिससे उनका ध्यान भंग हो जाए. पूर्व योजना के अनुसार सकलैन ने ऐसा किया लेकिन उसके बाद उन्हें ऐसा सबक मिला कि फिर उन्होंने कभी तत्कालीन भारतीय कप्तान पर छींटाकशी नहीं की.

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सकलैन ने तेंदुलकर के 47वें जन्मदिन पर फोन पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं तब टीम में नया था जब मैंने पहली बार उन पर फब्ती कसी. यह 1997 की बात है. सचिन चुपचाप मेरे पास आये और कहा, ‘मैंने कभी आपके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया, फिर आप क्यों मेरे साथ दुर्व्यवहार कर रहे हो.’ मैं इतना शर्मसार हो गया कि समझ नहीं आ रहा था कि क्या कहूं.’’ इस पाकिस्तानी स्पिनर ने कहा, ‘‘सचिन ने कहा कि मैं आपको एक इंसान और खिलाड़ी के रूप में बहुत सम्मान देता हूं. मैं इतना शर्मिंदा हुआ कि इसके बाद मैंने कभी उनके खिलाफ छींटाकशी नहीं की. मैं आपको नहीं बता सकता कि मैंने उनसे क्या कहा लेकिन मैंने मैच के बाद उनसे माफी मांगी थी.’’

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सकलैन ने तेंदुलकर को बेहद भद्र इंसान करार देते हुए कहा, ‘‘इसके बाद जब वह मेरी गेंदों पर मैदान के चारों तरफ शॉट लगा रहा होता था तब भी मैं उस पर छींटाकशी करने के बारे में नहीं सोचता था. ’’ सहारा कप (1996 से 1998) के बाद इन दोनों के बीच 1999 में चेन्नई टेस्ट मैच में यादगार मुकाबला देखने को मिला जब तेंदुलकर की 136 रन की शानदार पारी के बावजूद पाकिस्तान 12 रन से जीत दर्ज करने में सफल रहा था. सकलैन ने मैच की दोनों पारियों में तेंदुलकर को आउट किया. उन्होंने कुल दस विकेट लिये जिससे अंतर पैदा हुआ.

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उन्होंने कहा, ‘‘1999 में खेले गये उस टेस्ट मैच में हम दोनों में से किसी ने किसी को कुछ नहीं कहा. हम दोनों अपने देश को जीत दिलाने के लिये प्रतिबद्ध थे. हमने अपनी जीजान लगा दी थी.’’ सकलैन ने कहा, ‘‘मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि उस मैच में सचिन के साथ मेरा नाम जुड़ा है. उस दिन यही अंतर था कि खुदा मेरे साथ था. नहीं तो वह जिस तरह से खेल रहा था वह अविश्वसनीय था. गेंद रिवर्स स्विंग हो रही थी लेकिन वह वसीम अकरम को पूरे आत्मविश्वास के साथ खेल रहा था.’’