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टीम इंडिया के लिए कुछ भी करने को तैयार संजू सैमसन, शिखर धवन की जगह मिला है मौका

सैमसन ने कहा कि वह विकेटकीपिंग के लिए तैयार हैं और निरंतरता वो चीज नहीं है जिसके कारण उन्हें परेशानी आ रही हो.

Updated on: 27 Nov 2019, 05:56 PM

नई दिल्ली:

भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर समय-समय पर संजू सैमसन की तारीफ करते रहे हैं. वहीं उनके आलोचक यह कहते हुए सैमसन को नकारते रहे हैं कि उनमें निरंतरता की कमी है. ऐसे में जब टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने साफ कर दिया है कि अगले साल आस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए टीम में विकेटकीपर की जगह अभी भी खाली है तो सभी के दिमाग में सवाल यही है कि क्या सैमसन वो स्थान भर सकते हैं. सैमसन को हाल ही में विंडीज सीरीज के लिए चोटिल शिखर धवन के स्थान पर भारतीय टी-20 टीम में जगह मिली है.

सैमसन ने कहा कि वह विकेटकीपिंग के लिए तैयार हैं और निरंतरता वो चीज नहीं है जिसके कारण उन्हें परेशानी आ रही हो. सैमसन ने कहा कि उनके लिए टीम की जीत में योगदान देना प्राथमिकता है. केरल से आने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, "मैंने इसके (निरंतरता) बारे में नहीं सोचा है कि यह एक मुद्दा है. मैंने जो समझा है वो यह है कि मैं थोड़ा अलग तरह का खिलाड़ी हूं और मुझे लगता है कि मैं मैदान पर जाकर गेंदबाजों पर हावी हो सकता हूं. ऐसा हो सकता है कि जब मैं निरंतरता पर ध्यान दूं तो मैं अपनी स्टाइल खो बैठूं. निरंतरता लाने के लिए मैं अपने खेलने की शैली में बदलाव नहीं कर सकता."

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उन्होंने कहा, "मैं चीजों को एकदम सरल रखना चाहता हूं. अगर मुझे पांच पारियां मिलती हैं तो मैं एक या दो पारियों में बड़ा स्कोर करना चाहूंगा और अपनी टीम के लिए मैच जीतना चाहूंगा. मेरी पारी में निरंतरता मेरी टीम को मैच नहीं जिता सकती. टीम के लिए मैच जीतने के लिए जरूरी है कि मैं लाजवाब पारी खेलूं. मैं इस तरह से सोचता हूं." विकेटकीपिंग के सवाल पर सैमसन ने कहा कि वह इससे कभी भी पीछे नहीं हटते और इस तरह के फैसले लेना टीम प्रबंधन पर है.

सैमसन ने बताया, "मैं पिछले पांच-छह साल से केरल के लिए सीमित ओवरों में विकेटकीपिंग कर रहा हूं. मैंने रणजी ट्रॉफी में भी की है. मैं इसे विकल्प के तौर पर रखता हूं. जो भी टीम चाहेगी वो मैं करूंगा. आईपीएल में जब मेरी टीम ने चाहा मैंने विकेटकीपिंग की. लेकिन जब उन्हें लगा कि मैं फील्डिंग से योगदान दे सकता हूं तो मैंने वैसा किया. मैंने अपने आप को एक कीपर और फील्डर दोनों के तौर पर तैयार किया है क्योंकि आप नहीं जानते कि टीम क्या देख रही है."

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दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, "इसलिए यह सही नहीं है कि मैं कीपिंग नहीं करना चाहता. मैं हर बार हर किसी को यह नहीं बता सकता कि टीम प्रबंधन में क्या हो रहा है. मैं कीपर हूं और जब मेरी टीम चाहेगी तो मैं करूंगा. मैं टीम को नहीं कह सकता कि मैं क्या चाहता हूं. टीम प्राथमिकता रहती है." सैमसन ने कहा कि वह कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री के साथ बैठकर आगे के बारे में बात करना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं इसके लिए तैयार हूं, मुझे पहले ऐसा करने का मौका नहीं मिला. मैं उनसे बात करने को तैयार हूं."

क्या उम्मीदों के दबाव ने उनके खिलाफ काम किया है? इस पर सैमसन ने कहा कि वह इन बातों को ज्यादा अहमियत नहीं देते हैं. उन्होंने कहा, "मैं लोगों के विचारों का सम्मान करता हूं, लेकिन मैं इन्हें अपने दिमाग में नहीं आने देता. मैं समझता हूं कि लोगों के अपने विचार होते हैं और वह उसे साझा करना चाहते हैं, लेकिन मैं यह भी जानता हूं कि मैं क्या कर सकता हूं और इस बात को मुझसे बेहतर कोई नहीं जानता. मेरी बड़ी ताकत मेरा विचारों से स्पष्ट होना है."

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क्या आस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरना उनका लक्ष्य है? सैमसन ने जवाब दिया ट्रॉफी जीतना है. उन्होंने कहा, "सपना भारत के लिए आस्ट्रेलिया में खेले जाने वाला टी-20 विश्व कप को जीतना है. मैं इसके लिए तैयारी कर रहा हूं, न कि टीम का हिस्सा होने के लिए. मैं अपने देश के लिए विश्व कप जीतना चाहता हूं और यही पैमाना मैंने अपने लिए तय किया है. निश्चित तौर पर सपना ट्रॉफी जीतना है क्योंकि हमें विश्व कप जीते हुए काफी समय हो गया है. यही सपना है और मैं इस पर काम कर रहा हूं."