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सचिन तेंदुलकर को पहले ही टेस्‍ट मैच के बाद लगा था इतना डर, लेकिन फिर क्‍या हुआ

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को लगा ही नहीं था कि वे इतने लंबे समय तक क्रिकेट खेल पाएंगे. पहला टेस्‍ट मैच खेलने के बाद उन्‍हें ऐसा लगने लगा था कि उनका करियर खत्‍म हो गया है.

Updated on: 26 Apr 2020, 07:10 AM

New Delhi:

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को लगा ही नहीं था कि वे इतने लंबे समय तक क्रिकेट खेल पाएंगे. पहला टेस्‍ट मैच खेलने के बाद उन्‍हें ऐसा लगने लगा था कि उनका करियर खत्‍म हो गया है. सचिन तेंदुलकर अभी हाल ही में 24 अप्रैल को ही अपना जन्‍मदिन मनाया है, इसके साथ ही उन्‍होंने मीडिया से भी बात की. हालांकि कोरोना वायरस के कारण सचिन तेंदुलकर ने अपने जन्‍मदिन पर कोई आयोजन नहीं किया और खामोशी से जन्‍मदिन मनाया. सचिन तेंदुलकर ने इस बारे में बताया कि पहले मैच में उनके साथ क्‍या कुछ हुआ. 

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मास्टर बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा कि उन्हें अपने टेस्ट पदार्पण के समय इतनी समझ नहीं थी और उन्हें लगा था कि उनके लिए सबकुछ खत्म हो गया. जब वह 24 साल बाद अंतिम बार मैदान पर उतरे तो उन्होंने महान बल्लेबाज के तौर पर रिकार्ड 200 टेस्ट मैच खेल लिए थे. सचिन तेंदुलकर ने स्काईस्पोर्ट्स पर ‘नासिर मीट्स सचिन’ के दौरान नासिर हुसैन से कहा, मुझे स्वीकार करना होगा कि मुझे पता नहीं था. मैंने पहला टेस्ट ऐसे खेला जैसे मैं स्कूल का मैच खेल रहा था.

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वर्ष 1989 में पहले टेस्ट में सचिन तेंदुलकर पाकिस्तान के तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने थे, जिसमें इमरान खान, वसीम अकरम और वकार यूनिस जैसे दिग्गज शामिल थे. इसके बारे में बात करते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा, वसीम अकरम और वकार यूनिस काफी तेज गेंद फेंक रहे थे. वे शार्ट गेंद भी डाल रहे थे, इसके अलावा जितनी भी खतरनाक तरह की चीजें कर सकते थे, कर रहे थे. मैंने कभी भी इस तरह की गेंदबाजी का अनुभव नहीं किया था, इसलिए पहला मुकाबला इतना अच्छा नहीं था.

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उन्होंने कहा, कभी कभार, मुझे उनकी तेजी और उछाल ने पछाड़ा भी और जब मैं 15 रन पर आउट हुआ तो ड्रेसिंग रूम में जाते हुए मुझे शर्म महसूस हो रही थी. सचिन तेंदुलकर ने कहा, मैं ऐसे सोच रहा था, ‘तुमने क्या किया, तुमने ऐसा क्यों खेला’ और जब मैं ड्रेसिंग रूम में पहुंचा तो मैं सीधे बाथरूम में गया और मेरे आंसू निकलने ही वाले थे. कई बल्लेबाजी रिकार्ड बनाने वाले सचिन तेंदुलकर को लगा कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए इतने अच्छे खिलाड़ी नहीं थे. उन्होंने कहा, मुझे लगा कि मैं बिलकुल अच्छा नहीं था. मैंने खुद से सवाल किए और कहा, ऐसा लगता है कि यह पहला और अंतिम मुकाबला होगा. मुझे लगा कि मैं इस स्तर पर खेलने के लिये अच्छा नहीं हूं. मैं निराश और हताश था.

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सचिन तेंदुलकर ने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्री से बात करके कुछ मदद मिली. उन्होंने कहा, मुझे अब भी रवि शास्त्री से की गई वो बात याद है. रवि शास्‍त्री ने कहा, तुम ऐसा खेले जैसे यह स्कूल का मैच था. तुम सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों के खिलाफ खेल रहे हो, तुम्हें उनकी काबिलियत और कौशल का सम्मान करने की जरूरत है. सचिन तेंदुलकर ने कहा, तब मैंने रवि से कहा कि मुझे पाकिस्तानी गेंदबाजों की रफ्तार से परेशानी हो रही थी. इस पर रवि ने कहा, ऐसा होता है, चिंता मत करो. तुम क्रीज पर जाकर आधा घंटा बिताओ, फिर तुम उनकी रफ्तार से तालमेल बिठा लोगे और सब सही हो जाएगा. फिर सचिन तेंदुलकर को दूसरे टेस्ट के लिए चुना गया और उन्होंने अर्धशतक लगाया.

(इनपुट भाषा)