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WTC फाइनल में क्‍यों हारी टीम इंडिया, सचिन तेंदुलकर ने बताया इसका कारण 

विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्‍यूजीलैंड के हाथों मिली आठ विकेट से करारी हार के बाद हड़कंप सा मचा हुआ है. दिग्‍गज अपनी अपनी तरह से इस हार के कारण बता रहे हैं. इस बीच क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी अपनी बात रखी है.

Updated on: 27 Jun 2021, 03:27 PM

नई दिल्‍ली :

विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप के फाइनल में न्‍यूजीलैंड के हाथों मिली आठ विकेट से करारी हार के बाद हड़कंप सा मचा हुआ है. दिग्‍गज अपनी अपनी तरह से इस हार के कारण बता रहे हैं. इस बीच क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भी अपनी बात रखी है. सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल में न्यूजीलैंड की दूसरी पारी में गेंदबाजी संयोजन में गलती की और तो और रवींद्र जडेजा से कम गेंदबाजी कराना उस पर भारी पड़ा. टेस्ट और एकदिवसीय मैचों में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड रखने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि पहले कुछ दिनों में धूप की कमी के कारण स्पिनर कभी खेल में नहीं आए. खासकर बाएं हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा जिन्होंने पहली पारी में केवल 7.2 ओवर फेंके. रवींद्र जडेजा ने हालांकि छठे दिन दूसरी पारी में केवल आठ ओवर फेंके जब सूरज निकला. 

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सचिन तेंदुलकर ने कहा कि देखिए जब आप पांच गेंदबाजों को लेकर खेलते हैं, तो यह असंभव है कि सभी पांच गेंदबाजों को समान ओवर मिलें. यह उस तरह से काम नहीं करता है. आपको पिच की स्थिति, ओवरहेड की स्थिति, हवा से मिलने वाली मदद को ध्यान में रखना होगा. उसी के अनुसार आप फैसला करते हैं. सचिन तेंदुलकर ने कहा कि उन्होंने रविचंद्रन अश्विन को पहली पारी में जडेजा (7.2-2-20-1) की तुलना में अधिक ओवर (15-5-28-2) गेंदबाजी कराने के पीछे के तर्क को समझा, क्योंकि न्यूजीलैंड के बाएं हाथ की गति द्वारा बनाए गए फुटमार्क थे. गेंदबाजों और विपक्ष के पास बाएं हाथ के बल्लेबाज थे. उन्होंने दूसरी पारी में रवींद्र जडेजा को बदकिस्मत बताया. 100 अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने वाले एकमात्र खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने कहा कि साउथेम्प्टन की पिच तेज गेंदबाजों के अनुकूल है न कि स्पिनरों के लिए. सचिन तेंदुलकर ने कहा कि अगर लोगों को समान अवसर नहीं मिला, तो इसका कारण यह था कि तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी. स्पिनरों के लिए पिचें हैं, तेज गेंदबाजों के लिए पिचें हैं. इसलिए आपको परिस्थितियों को समझना होगा. भारत ने दो स्पिनरों और तीन पेसरों के साथ खेला, जबकि न्यूजीलैंड ने चौतरफा तेज आक्रमण किया. एक सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर कॉलिन डी ग्रैंडहोम ने पांचवें गेंदबाज के रूप में काम किया. भारत डब्ल्यूटीसी फाइनल में आठ विकेट से हार गया.