सचिन तेंदुलकर के लिए आज का दिन है बेहद खास, पूरे देश की आंखों में ला दिए थे आंसू, जानें क्या हैं वो 2 कारण
16 नवंबर 2013 का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से दर्ज है. दरअसल, आज ही के दिन भारत में क्रिकेट के भगवान और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था.
नई दिल्ली:
Sachin Tendulkar Retirement: 16 नवंबर 2013 का दिन इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से दर्ज है. दरअसल, आज ही के दिन भारत में क्रिकेट के भगवान और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था. जिस दिन सचिन ने रिटायरमेंट की घोषणा की उनके चाहने वालों के साथ-साथ साथी खिलाड़ियों की आंखें भी नम हो गई थी. आज के दिन ही उन्हें जिंदगी का सबसे बड़ा तोहफा भारत रत्न देने की भी घोषणा हुई थी. सचिन के रिटायरमेंट के दिन को खास बनाने के लिए आज हम उनकी कुछ अविस्मरणीय पारी और उनके जीवन से जुड़े अनछुए पहलुओं की चर्चा करेंगे.
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दिसंबर 2012 में वनडे को कह दिया था अलविदा
सचिन ने अपना आखिरी मैच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर 16 नबंवर 2013 को खेला था. उस मैच में सचिन ने 74 रन की पारी खेली थी और उनका विकेट कैरेबियाई स्पिनर नरसिंह देवनारायण ने हासिल किया था. बता दें कि सचिन ने दिसंबर 2012 में वनडे को अलविदा कह दिया था. बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले सचिन एकलौते खिलाड़ी रहे हैं. सचिन के नाम सबसे ज्यादा टेस्ट और वनडे में रन बनाने का भी रिकॉर्ड है.
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29 साल पहले टेस्ट क्रिकेट में किया था पदार्पण
बता दें कि आज से 29 साल पहले 15 नवंबर को 16 साल के सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने टेस्ट क्रिकेट के साथ अंतर्रराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया था. उस समय खेल के इस सबसे मुश्किल प्रारूप में सचिन (Sachin Tendulkar) पहली पारी में पाकिस्तान (Sachin Tendulkar Vs Pakistan) के खिलाफ सिर्फ 15 रन ही बना पाए थे. लेकिन इसके बाद सचिन (Sachin Tendulkar)ने जो सफर शुरू किया वो पूरे विश्व की आंखों में छाया हुआ है और वही 16 साल का मासूम आज क्रिकेट का भगवान कहा जाने लगा है. सचिन (Sachin Tendulkar) ने अपनी उस मासूमियत से निकलते हुए वो दर्जा क्रिकेट में हासिल किया जो उनके संन्यास लेने के बाद भी कायम है.
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सचिन के नाम दर्ज है ऐतिहासिक रिकॉर्ड
टेस्ट में सचिन तेंदुलकर के नाम 200 मैचों में 53.78 की औसत से 15921 रन हैं. इसमें 51 शतक और 68 अर्धशतक शामिल थे. एक दिवसीय मैचों की बात करें तो 463 मैचों में सचिन तेंदुलकर ने 44.83 की औसत से 18426 रन बनाए हैं. वन डे में उन्होंने 49 शतक और 96 अर्धशतक लगाए. जो उनके संन्यास लेने के छह साल बाद भी दुनिया का कोई भी बल्लेबाज नहीं तोड़ पाया है. बता दें कि सचिन तेंदुलकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 30 हजार से ज्यादा रन बनाने वाले भी इकलौते खिलाड़ी हैं.
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भारत रत्न विजेता लिस्ट - Bharat Ratna Award Winners List (1954-2019)
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन | 1954 |
चक्रवर्ती राजगोपालाचारी | 1954 |
डॉ. चन्द्रशेखर वेंकट रमन | 1954 |
डॉ. भगवान दास | 1955 |
सर डॉ. मौक्षगुंडम विश्वेश्वरय्या | 1955 |
पं. जवाहरलाल नेहरू | 1955 |
गोविंद वल्लभ पंत | 1957 |
डॉ. धोंडो केशव कर्वे | 1957 |
डॉ. बिधान चन्द्र राय | 1958 |
पुरुषोत्तम दास टंडन | 1961 |
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद | 1961 |
डॉ. जाकिर हुसैन | 1963 |
डॉ. पांडुरंग वामन काणे | 1963 |
लाल बहादुर शास्त्री | 1966 |
इंदिरा गांधी | 1971 |
वराहगिरी वेंकट गिरी | 1975 |
के. कामराज | 1976 |
मदर टेरेसा | 1980 |
आचार्य विनोबा भावे | 1983 |
खान अब्दुल गफ्फार खान | 1987 |
मरुदुर गोपाला रामचन्दम | 1988 |
डॉ. भीमराव अम्बेडकर | 1990 |
नेल्सन मंडेला | 1990 |
राजीव गांधी | 1991 |
सरदार वल्लभ भाई पटेल | 1991 |
मोरारजी भाई देसाई | 1991 |
मौलाना अबुल कलाम आजाद | 1992 |
जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा | 1992 |
सत्यजीत रे | 1992 |
एपीजे अब्दुल कलाम | 1997 |
गुलजारीलाल नंदा | 1997 |
अरुणा आसिफ अली | 1997 |
एमएस सुब्बालक्ष्मी | 1998 |
सी. सुब्रमण्यम | 1998 |
जयप्रकाश नारायण | 1998 |
पंडित रविशंकर | 1999 |
अमर्त्य सेन | 1999 |
गोपीनाथ बोरदोलोई | 1999 |
लता मंगेशकर | 2001 |
उस्ताद बिस्मिल्ला खां | 2001 |
पंडित भीमसेन जोशी | 2008 |
सचिन तेंडुलकर | 2014 |
सीएनआर राव | 2014 |
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी | 2014 |
पं. मदनमोहन मालवीय | 2014 |
प्रणब मुखर्जी | 2019 |
नानाजी देशमुख | 2019 |
भूपेन हजारिका | 2019 |
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