सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी, रोहित शर्मा और वीरेंद्र सहवाग में यह बात है कॉमन, आप भी नहीं जानते होंगे
दुनिया में कोरोना का कहर जारी है. हर रोज जहां एक ओर इस बीमारी से संक्रमित लोगों क संख्या बढ़ रही है, वहीं मृतकों की संख्या में भी खास इजाफा हुआ है.
New Delhi:
दुनिया में कोरोना (Corona Virus) (coronavirus) का कहर जारी है. हर रोज जहां एक ओर इस बीमारी से संक्रमित लोगों क संख्या बढ़ रही है, वहीं मृतकों की संख्या में भी खास इजाफा हुआ है. कुछ देशों को छोड़ दें तो लगभग सारी दुनिया इस वक्त लॉकडाउन (Lock Down) की स्थिति में है. इसमें भारत भी शामिल है. आने वाले दिनों में उम्मीद की जानी चाहिए कि कोविड 19 (covid 19) का प्रकोप कम होगा और दुनिया की गाड़ी पटरी पर लौटेगी.
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इन सबके बीच खेल भी रुके हुए हैं. बड़ी बड़ी खेल प्रतियोगिताएं भी या तो रद कर दी गई हैं, या फिर टाल दी गई हैं. अब देखना होगा कि खेल की दुनिया की रौनक वापस कब आएगी. इस बीच टीम इंडिया के पूर्व ट्रेनर ने बड़ा खुलासा करते हुए यह बताया है कि टीम इंडिया का कौन सा खिलाड़ी किस तरह की ट्रेनिंग पसंद करता है.
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भारत ने आखिरी बार 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी के रूप में अपना आखिरी आईसीसी खिताब जीता था. उस समय रामजी श्रीनिवासन टीम के ट्रेनर थे. इन्हीं रामजी ने 2011 में भारत को फिट रखा था. जब टीम ने आईसीसी का विश्व कप दूसरी बार जीता था. तब धोनी टीम इंडिया के कप्तान हुआ करते थे. एक ऐसे समय में जब पूरा विश्व कोरोनावायरस के कारण रुका हुआ है तब घर में रहकर फिट कैसे रहा जा सकता है, इस बारे में रामजी से बेहतर कौन बता सकता है.
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रामजी श्रीनिवासन ने आईएएनएस से बताया कि यह ज्यादा मुश्किल नहीं है और फिट रहने के लिए भार उठाने की जरूरत नहीं है. रामजी इस बात से थोड़े हैरान जरूर हैं कि आज के दौर में फिट रहने के लिए काफी कुछ बदल गया है. उन्होंने कहा, यकीन मानिए आप घर में रहकर भी फिटनेस बनाए रख सकते हैं. आपको सिर्फ अपने शरीर को समझने की जरूरत है और उसके हिसाब से काम करने की जरूरत है. मुझे इन दिनों ज्यादा वजन उठाने को लेकर लोगों में जो आबसेशन है वो समझ में नहीं आती. श्रीनिवासन ने बताया कि यह कुछ खिलाड़ियों के लिए काम करती है, लेकिन यह फिट और हेल्थी रहने का एक मात्र रास्ता नहीं है. रामजी ने बताया कि जब वे खुद भारतीय टीम के साथ थे, जिसमें कई बेहतरीन क्रिकेटर थे, लेकिन सबसे बेहतरीन ये था कि वो जानते थे कि उनके शरीर को क्या चाहिए.
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बातचीत के दौरान रामजी श्रीनिवासन ने बड़ी बात बताई, उन्होंने कहा, मैंने कभी सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी, वीरेंद्र सहवाग और रोहित शर्मा को वजन के साथ करने वाली ट्रेनिंग को लेकर पागल होते नहीं देखा. हां ये लोग जिम जाते थे, लेकिन इसके पीछे का कारण था. सचिन तेंदुलकर अपने कंधे और कलाई पर ज्यादा काम करते थे. एमएस धोनी को इससे अलग रखते हैं क्योंकि वह नैचुरल थे. आप उनके करियर को ऐसे ही नहीं देख सकते. उनके ऊपर कितना बोझ था, लेकिन उन्हें कितनी चोटें लगी हैं आप उसे उंगलियों पर गिन सकते हो.
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रामजी ने बताया कि बाकी खिलाड़ियों के बारे में बात करें तो वीरेंद्र सहवाग काफी स्मार्ट थे क्योंकि उन्हें पता था कि उनका शरीर क्या चाहता है, यही बात रोहित शर्मा के बारे में कही जा सकती है. आपने उसके छक्के देखे. मैं कह सकता हूं कि युवराज की तरह की वो लंबे छक्के मार सकता है. लेकिन मैं उन्हें कभी जिम में उन्हें ज्यादा वजन उठाते नहीं देखा. उन्होंने कहा, समस्या यह है कि हम भूल जाते हैं कि जो चीजें एक के लिए काम कर सकती हैं वो बाकी के लिए करेंगी यह जरूरी नहीं है.
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