विश्व बाल दिवस पर बच्चों को न भूलने वाली यादें दे गए सचिन तेंदुलकर

सचिन इस देश में क्रिकेट के भगवान का दर्जा पा चुके हैं। वह न जाने कितने बच्चों, युवा खिलाड़ियों के लिए आदर्श भी हैं।

सचिन इस देश में क्रिकेट के भगवान का दर्जा पा चुके हैं। वह न जाने कितने बच्चों, युवा खिलाड़ियों के लिए आदर्श भी हैं।

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desh deepak
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विश्व बाल दिवस पर बच्चों को न भूलने वाली यादें दे गए सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर (फोटो आईएएनएस)

सचिन इस देश में क्रिकेट के भगवान का दर्जा पा चुके हैं। वह न जाने कितने बच्चों, युवा खिलाड़ियों के लिए आदर्श भी हैं। उनसे मुलाकात उनके प्रशंसकों के लिए किसी सपने से कम नहीं होती है।

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सचिन से बात उनके प्रशंसकों के लिए वो धरोहर है जिसे व ताउम्र सजों कर रखना चाहते हैं और हर दिन निहारते हुए प्ररेणा लेना चाहते हैं। ऐसी ही यादें क्रिकेट का यह दिग्गज रविवार को कुछ लोगों को दे गया।

सचिन राष्ट्रीय राजधानी में यूनिसेफ द्वारा विश्व बाल दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने एक प्रदर्शनी मैच में हिस्सा लिया और एक बार फिर बल्ला थामे नजर आए। इस दौरान सचिन ने कुछ बच्चों को बल्ला पकड़ना और क्रिकेट के कुछ गुर सिखाए।

त्यागराज स्पोर्टस कॉम्पलेक्स के अंदर आयोजित इस मैच में सचिन ने जब कुछ देर के लिए ही सही बल्ला थामा तब उनके सामने 13 साल के अद्वैत अग्रवाल थे। एक तरह के इंडोर क्रिकेट मैच में सचिन ने अद्वैत की गेंद पर तीन चौके मारे, लेकिन अद्वैत को इसका जरा भी अफसोस नहीं था, क्योंकि सचिन से मिलने का उनका सपना पूरा हुआ, हालांकि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वह सचिन के साथ सेल्फी नहीं ले पाए।

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अद्वैत से जब आईएएनएस ने सचिन से मिलने के अनुभव के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, 'मैं पांच साल से क्रिकेट खेल रहा हूं। जब से मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया तब से वो ही मेरे फेवरेट हैं। उनसे मिलकर सपना पूरा हो गया। मैंने उन्हें गेंद भी फेंकी। उन्होंने मुझसे कहा अच्छी गेंद डालते हो ऐसे ही मेहनत करते रहना। मैं बस उनके साथ सेल्फी नहीं ले पाया, लेकिन मेरे पास रिकाडिर्ंग है।'

वहीं सुमन कहती हैं कि वो सोच भी नहीं सकती थी की वो सचिन से मिलेंगी। 23 साल की सुमन पहाड़गंज की रहने वाली हैं और स्पेशल ओलम्पिक के बच्चों की कोच हैं।

उन्होंने बताया, 'बहुत अच्छा लगा। मैं सोच भी नहीं सकती कि मैं उनसे मिलूंगी। मैं पहली बार उनसे बात कर रही थी। उन्होंने मुझे टीम को संभालने के बारे में बताया कि कैसे अपनी टीम को संभाला जाए। ज्यादा बात नहीं हो पाई।'

यह वो पल हैं जिन्हें अद्वैत और सुमन हमेशा संजो कर रखेंगे और हर दिन याद करेंगे और साथ ही बड़े गर्व से सभी को बताएंगे कि वो सचिन से मिले थे।

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Source : IANS

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