भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली का मानना है कि उन्हें किसी के सामने खुद को साबित करने की जरूरत नहीं है और वह अपने खेल से बेहद खुश हैं।
कोहली चोट के कारण दूसरे टेस्ट में नहीं खेल पाए थे। वहीं, वह खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं और नवंबर 2019 से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में शतक नहीं बनाया है।
कोहली ने सोमवार को कहा, वास्तव में यह मेरे करियर में पहली बार नहीं हुआ है और ऐसा कई बार हो चुका है। 2014 में जब मैं इंग्लैंड खेल रहा था, तब भी ऐसी बातें उठी थी कि मैं सही नहीं खेल पा रहा हूं और न ही शतक लगा पा रहा हूं। जिन मानकों के साथ मेरी तुलना की गई है, वे मेरे द्वारा निर्धारित किए गए हैं। इसलिए आउट फिल्ड क्या चल रहा है, इससे उनको कोई फर्क नहीं पड़ता है।
27 टेस्ट शतक बनाने वाले कोहली ने कहा, खेल में कभी-कभी चीजें वैसी नहीं होती जैसी आप चाहते हैं, लेकिन एक खिलाड़ी और बल्लेबाज के रूप में मैं पिछले कैलेंडर वर्ष में बहुत महत्वपूर्ण क्षणों और साझेदारियों में शामिल रहा हूं। आखिरकार, कई टेस्ट मैचों में वे क्षण हमारे लिए महत्वपूर्ण रहे हैं। कभी-कभी आपका केंद्र बिंदु बदलता है, यदि आप संख्याओं और कामयाबी के आधार पर खुद को देखते, तो आप जो कुछ भी कर रहे हैं उससे आप कभी खुश या संतुष्ट नहीं होंगे।
उन्होंने आगे एक बल्लेबाज के रूप में क्या सोचते हैं, इससे लेकर भी उन्होंने जानकारी दी।
कोहली ने कहा, मैं जिस तहर से खेल रहा हूं, उस पर मुझे खुशी और बहुत गर्व है, क्योंकि आप टीम में प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ जुडें रहना चाहते हैं और मेरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास हमेशा करते रहना है। मुझे सच में विश्वास है कि मुझे किसी के सामने खुद को साबित करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि मैं अपने खेल से खुश हूं।
कोहली ने यह भी कहा कि सीनियर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जो अनुभव टीम के लिए देते हैं वह अनमोल है। अपनी कई टेस्ट पारियों के बाद, पुजारा और रहाणे दोनों ने जोहान्सबर्ग में दूसरी पारी में 111 रन की साझेदारी करते हुए क्रमश: 53 और 58 रन बनाए थे।
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Source : IANS