फिक्सिंग के दोषी विवादित क्रिकेट खिलाड़ी एस. श्रीसंत ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए जाने के बाद श्रीसंत पर आजीवीन प्रतिबंध लगा दिया है।
श्रीसंत ने इससे पहले बीसीसीआई की प्रशासक समिति (सीओए) के अध्यक्ष और पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) विनोद राय से अपने ऊपर लगे आजीवन प्रतिबंध को हटाने के लिए पत्र लिखा था।
श्रीसंत ने बुधवार को दायर की गई अपनी याचिका में बीसीसीआई की अनुशासन समिति की दिल्ली पुलिस को दी गई अपनी रिपोर्ट का हवाला दिया है।
उन्होंने कहा कि 2015 में दिल्ली पुलिस ने उन पर और दो अन्य खिलाड़ियों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने इन तीनों खिलाड़ियों को बरी कर दिया है।
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श्रीसंत बीसीसीआई के मौजूदा नेतृत्व के उनके प्रति रवैये से निराश हैं। बीसीसीआई ने हाल ही में उन्हें स्कॉटलैंड क्रिकेट लीग में खेलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने से भी इनकार कर दिया।
आजीवन प्रतिबंध के कारण श्रीसंत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त कोई भी लीग मैच नहीं खेल सकते और न ही बीसीसीआई या उससे संबंध रखने वाले किसी राज्य संघ के स्टेडियम में अभ्यास कर सकते हैं।
श्रीसंत केरल की ओर से राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने वाले दूसरे खिलाड़ी हैं।
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Source : IANS