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सौरव गांगुली और रवि शास्‍त्री में अनबन जगजाहिर, कैसे रहेंगे संबंध

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नए अध्‍यक्ष के तौर पर अब पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली दिखाई देंगे. उनका इस कुर्सी पर बैठना अब तय हो गया है. आज सोमवार यानी 14 अक्‍टूबर तक इस पद के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख थी

Updated on: 14 Oct 2019, 05:00 PM

नई दिल्‍ली:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के नए अध्‍यक्ष के तौर पर अब पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली दिखाई देंगे. उनका इस कुर्सी पर बैठना अब तय हो गया है. आज सोमवार यानी 14 अक्‍टूबर तक इस पद के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख थी. तीन बजे तक ही नामांकन जमा किए जा सकते थे, निर्धारित समय सीमा के भीतर अध्‍यक्ष पद के लिए सिर्फ सौरव गांगुली ने ही नामांकन किया, इस तरह से वे अध्‍यक्ष हो गए हैं. हालांकि उनके नाम का औपचारिक ऐलान 23 अक्‍टूबर को होने की संभावना है. सौरव गांगुली के अध्‍यक्ष बनने के बाद अब भारतीय क्रिकेट में एक नए अध्‍याय की शुरुआत हो सकती है. हालांकि इस बीच कई सवाल भी उठ रहे हैं. 

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बड़ा सवाल यह है कि सौरव गांगुली के अध्‍यक्ष बनने के बाद भारतीय टीम के हेड कोच रवि शास्‍त्री से उनकी पटरी कैसे खाएगी, दोनों में संबंध ठीक नहीं हैं, यह जगजाहिर है. बीसीसीआई की कुर्सी पर बैठने के बाद अब सौरव रवि शास्‍त्री के साथ क्‍या करेंगे, यह देखना काफी दिलचस्‍प होने वाला है.

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बात अब से करीब तीन साल पहले की है. तब सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की मौजूदगी वाली क्रिकेट सलाहकार समिति ने रवि शास्‍त्री की जगह अनिल कुंबले को भारतीय टीम का हेड कोच नियुक्‍त किया था. तब रवि शास्‍त्री ने सौरव गांगुली पर कई गंभीर आरोप मढ़ दिए थे. मजे की बात यह है कि एक साल बाद अनिल कुंबले को हटाकर रवि शास्‍त्री को फिर से हेड कोच बना दिया गया था, तब भी सौरव गांगुली उस टीम के सदस्‍य थे, जिसने रवि शास्‍त्री को हेड कोच बनाया था. उसके बाद हाल ही में सौरव गांगुली ने कहा था कि रवि शास्‍त्री भले ही हेड कोच के लिए सही पसंद हैं, लेकिन उस वक्‍त बीसीसीआई के पास कोई विकल्‍प ही मौजूद नहीं था.

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उस वक्‍त ज्‍यादा लोगों ने इस पद के लिए आवेदन ही नहीं किया था. गांगुली ने पिछले दिनों कहा था कि इतने समय तक किसी को भी हेड कोच की जिम्‍मेदारी नहीं दी गई है. सौरव ने कहा था कि अब रवि शास्‍त्री को उस भरोसे पर खरा उतरना होगा, जो उन पर जताया गया है. विश्‍व कप क्रिकेट 2019 में भी रवि शास्‍त्री ही टीम इंडिया के कोच थे, उस वक्‍त भी सेमीफाइनल में हारने के बाद भारत को उससे बाहर होना पड़ा था. तब सबसे बड़ी समस्‍या यह सामने आई थी कि नंबर तीन का विकल्‍प टीम इंडिया नहीं तलाश पाई थी, भारत ने जितने भी मैच जीत, उसमें शुरू के तीन बल्‍लेबाजों की ही सबसे अहम भूमिका थी. न्‍यूजीलैंड के खिलाफ हुए मैच में शुरू के बल्‍लेबाज नहीं चले और पूरी टीम इंडिया भरभराकर धराशायी हो गई. तब भी रवि शास्‍त्री की कड़ी आलोचना की गई थी.

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एक बार रवि शास्‍त्री ने भी सौरव गांगुली पर विवादित टिप्‍पणी की थी. कोच रवि शास्‍त्री ने कहा था कि उन्‍हें समय की पाबंदी पसंद है. उन्‍होंने बताया था कि साल 2007 में वे बांग्‍लादेश दौरे पर टीम इंडिया के मैनेजर थे. वे सभी बस में बैठ गए थे, लेकिन सौरव गांगुली ने आने में कुछ देरी कर दी थी. तब रवि शास्‍त्री सौरव गांगुली को छोड़कर ही चले गए थे. बात यही खत्‍म नहीं हुई, उसके बाद सौरव गांगुली भी सामने आए और कहा था कि आप रवि शास्‍त्री का इंटरव्‍यू सुबह सुबह नहीं सुन सकते. उन्‍हें सुबह मत बुलाया कीजिए, उन्‍हे याद ही नहीं रहता कि वे क्‍या कह रहे हैं. सौरव गांगुली ने कहा था कि जब वे उनसे मिलेंगे तो इस बारे में पूछेंगे जरूर. तब सौरव गांगुली ने कहा था कि रवि शास्‍त्री ने जो कुछ भी कहा है, वैसा कुछ हुआ ही नहीं था.

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इसके अलावा भी कई बार ऐसा हुआ कि जब भी दोनों को मौका मिला वे एक दूसरे के खिलाफ बोलते रहे हैं. रवि शास्‍त्री ने यह भी कहा था कि कई लोग बिनावजह मेरी और मेरी टीम की आलोचना करते हैं. यह सब जानबूझकर किया जा रहा है. ऐसे में यह साफ है कि दोनों की आपस में पटरी नहीं खाती है. अब सौरव गांगुली बीसीसीआई अध्‍यक्ष बन गए हैं और रवि शास्‍त्री अभी दो साल के लिए टीम इंडिया के हेड कोच बने रहेंगे. अब यह देखना दिलचस्‍प होगा कि दोनों के कैसे संबंध सामने आते हैं.