गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के दम पर गुजरात ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल मैच के पहले दिन मंगलवार को मौजूदा विजेता मुंबई की पहली पारी 228 रनों पर समेट दी।
दिन का खेल खत्म होने तक गुजरात ने अपनी पहली पारी में बिना विकेट खोए दो रन बना लिए हैं। समित गोहेल 2 रन बनाकर नाबाद हैं जबकि प्रियंक पांचाल को अभी खाता खोलना बाकी है।
यह मुंबई का रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहली पारी में दूसरा सबसे कम स्कोर है। गुजरात की तरफ से आर.पी.सिंह, चिंतन गाजा और रुजुल भट्ट ने दो-दो विकेट लिए। रुश कालारिया और पटेल को एक-एक विकेट मिला।
गुजरात के कप्तान पार्थिव पटेल ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया। उनके गेंदबाजों ने कप्तान के इस फैसले को पूरी तरह से सही साबित किया। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज आर.पी. सिंह ने मुंबई के सलामी बल्लेबाज अखिल हेरवाडकर (4) को सातवें ओवर में 13 के कुल स्कोर पर आउट कर पहली सफलता दिलाई।
दूसरे छोर पर खड़े युवा पृथ्वी शॉ (70) ने श्रेयस अय्यर के साथ टीम को शुरुआती झटके से उबारा।
54 के कुल स्कोर पर चिंतन गाजा ने अय्यर को पवेलियन भेजा। पृथ्वी को यहां से अपने कप्तान सूर्यकुमार यादव (57) का साथ मिला। दोनों ने 52 रनों की साझेदारी की और टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचाया। यादव के आने के कुछ देर बाद ही पृथ्वी ने 20वें ओवर की आखिरी गेंद पर अपना अर्धशतक पूरा किया।
कप्तान और युवा बल्लेबाज की जोड़ी अच्छा खेल रही थी तभी रन लेने के चक्कर में दोनों के बीच गलतफहमी हुई और खामियाजा पृथ्वी को भुगतना पड़ा। 93 गेंदों में 11 चौके लगाने वाले पृथ्वी 106 के कुल स्कोर पर रन आउट होकर पवेलियन लौटे।
यहां से गुजरात ने मुंबई पर शिकंजा कस लिया और लगातार विकेट लेते रहे। आदित्य तारे (4) को हार्दिक पटेल ने पवेलियन पहुंचाया। अर्धशतक पूरा करने के बाद कप्तान भी कुछ देर बाद 169 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौट गए। उन्होंने 133 गेंदें खेलते हुए सात चौके और एक छक्का लगाया।
अभिषेक नायर (35) और सिद्देश लाड (23) ने कुछ संघर्ष करने की कोशिश की लेकिन दोनों अपनी टीम को मजबूत नहीं दे पाए। लाड 179 के स्कोर पर आउट हुए। उनके बाद बलविंदर सिंह संधु (6), शार्दलु ठाकुर (0) और विशाल दाभोलकर (3) जल्दी पवेलियन लौट गए।
दूसरे छोर पर खड़े नायर ने संघर्ष करते हुए टीम को 228 के स्कोर तक पहुंचाया। इसी स्कोर पर नायर के रुप में मुंबई ने अपना आखिरी विकेट खोया। अपनी पहली पारी खेलने उतरी गुजरात को पहली ही गेंद पर झटका लग गया होता अगर पृथ्वी ने ठाकुर की गेंद पर समित गोहेल का कैच नहीं छोड़ा होता।
Source : IANS