सौरव गांगुली से जब पूछा गया कि क्या विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी अगले साल आस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप में हिस्सा लेंगे, तो बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कृपया धोनी से पूछें.’’ धोनी जुलाई में इंग्लैंड में वनडे विश्व कप में भारत के सेमीफाइनल में बाहर होने के बाद से ही नहीं खेल रहे हैं. वह वेस्टइंडीज दौरे पर नहीं गए और इसके बाद दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू श्रृंखलाओं में भी नहीं खेले.
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सौरव गांगुली से जब एक पत्रकार ने धोनी की टी20 विश्व कप में खेलने की संभावना के बारे में पूछा तो उनका सीधा जवाब था, ‘‘कृपया धोनी से पूछें।.’ गांगुली बोर्ड की 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. धोनी ने खुद कहा था कि वह टीम से बाहर रहने के बारे में जनवरी तक जवाब नहीं देंगे.
एमएसके प्रसाद का चयनसमिति के अध्यक्ष के रूप में घटनाप्रधान कार्यकाल रविवार को समाप्त हो गया, क्योंकि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने स्पष्ट किया है कि, ‘आप अपने कार्यकाल से अधिक समय तक पद पर नहीं रह सकते.’ प्रसाद का कार्यकाल समाप्त होने का मतलब है कि गांगुली की अगुवाई वाला बीसीसीआई पुराने संविधान के अनुसार चल रहा है जिसमें चयनसमिति के लिये अधिकतम कार्यकाल चार साल का था.
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संशोधित संविधान में अधिकतम पांच साल के कार्यकाल का प्रावधान है. प्रसाद और गगन खोड़ा को 2015 में नियुक्त किया गया था जबकि जतिन परांजपे, शरणदीप सिंह और देवांग गांधी 2016 में चयनसमिति से जुड़े थे लेकिन बीसीसीआई प्रमुख ने साफ किया कि समिति का कोई भी सदस्य बरकरार नहीं रहेगा. गांगुली ने बीसीसीआई की 88वीं वार्षिक आम बैठक के बाद कहा, ‘कार्यकाल समाप्त हो गया है. आप कार्यकाल से अधिक समय तक पद पर नहीं रह सकते. उन्होंने अच्छा काम किया.
उन्होंने कहा, ‘हम चयनकर्ताओं का कार्यकाल तय करेंगे. हर साल चयनकर्ताओं की नियुक्ति करना सही नहीं है. भारतीय टीम ने पांच सदस्यीय पैनल के कार्यकाल के दौरान अच्छी सफलताएं हासिल की लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम अनुभव के कारण उन्हें लगातार आलोचनाओं का सामना करना पड़ता था. इधर, टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के नेतृत्व वाले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने रविवार को अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल की सीमा में ढिलाई देने को स्वीकृति दे दी.