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प्रतीकात्मक फोटो( Photo Credit : फाइल फोटो)
पाकिस्तान में आतंक इसकदर बढ़ा हुआ है कि वहां अपना क्रिकेट तो हो नहीं पा रहा है, लेकिन पाकिस्तान चाहता है कि आईसीसी के बड़े टूर्नामेंट हो और दुनियाभर की बड़ी टीमें पाकिस्तान में आकर खेलें. हाल ही में श्रीलंका की टीम पाकिस्तान गई थी, लेकिन वहां भी बड़े श्रीलंकाई खिलाड़ियों ने जाने से मना कर दिया था, श्रीलंका बोर्ड के बड़े खिलाड़ियों ने वहां जाने से इन्कार कर दिया था. लेकिन पाकिस्तान की चाहत है कि बढ़ रही है. पाकिस्तान की कोशिश है कि बड़े बड़े टूर्नामेंट पाकिस्तान में हों, लेकिन फिलहाल ऐसा होता हुआ नहीं दिख रहा है.
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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) आईसीसी के अगले भविष्य के दौरा कार्यक्रम (FTP) में पांच से छह टूर्नामेंटों की मेजबानी हासिल करने की कोशिश में लगा है. इसके लिए वह संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से बात कर रहा है. पीसीबी का प्रयास है कि 2023 से 2031 के बीच होने वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) प्रतियोगिताओं के लिए वह और यूएई संयुक्त मेजबानी के लिए दावा करें. उसे इनमें से एक या दो प्रतियोगिताओं की मेजबानी मिलने की उम्मीद है.
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पीसीबी चेयरमैन एहसान मनी ने पीसीबी पोडकास्ट में कहा, हमने पांच से छह प्रतियोगिताओं की मेजबानी में दिलचस्पी दिखाई है. सच कहूं तो संभावना है कि हमें एक या दो से ज्यादा नहीं मिलें. लेकिन हमने इसके लिए एक अन्य देश के साथ संयुक्त रूप से बोली लगाने के बारे में सोचा है. उन्होंने कहा, मैंने एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड के साथ बात शुरू कर दी है क्योंकि एक साथ बोली लगाने से मेजबानी का मौका बढ़ जाएगा, लेकिन इसके लिए सहयोग की जरूरत है. मनी ने कहा, कुछ प्रतियोगिताएं हैं जिनमें 16 मैच होंगे जबकि कुछ टूर्नामेंट में 30 से 40 मैच होने हैं. हमें जिस तरह के टूर्नामेंट की भी मेजबानी मिले हम मैचों को अपने आपस में बांट सकते हैं. आईसीसी ने 2023 से 2031 तक होने वाली अपनी 20 वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिए सदस्य देशों को 15 मार्च तक अपना पक्ष पेश रखने के लिए कहा था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण यह बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है.
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एहसान मनी ने कहा, पाकिस्तान क्रिकेट और उसके विकास के लिए जरूरी है कि यहां कुछ आईसीसी प्रतियोगिताएं खेली जाएं. पाकिस्तान 1952 में आईसीसी का सदस्य बना था और उसने अब तक दो वैश्विक प्रतियोगिताओं विश्व कप 1987 और 1996 की संयुक्त मेजबानी की है. वह विश्व कप 2011 का भी संयुक्त मेजबान था लेकिन लाहौर में 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद टीमों ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान जाने से इन्कार कर दिया था. बाद में भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका ने विश्व कप 2011 की संयुक्त मेजबानी की थी.
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आपको बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी चीफ अहसान मनी ने यह भी कहा था कि आईपीएल हो न हो, लेकिन पाकिस्तान एशिया कप से समझौता नहीं करेगा, दरअसल पाकिस्तान को अब यह डर भी सता रहा है कि कहीं बीसीसीआई एशिया कप की जगह आईपीएल न करा दे और एशिया कप न हो पाए. हालांकि पहले यह तय हुआ थ कि इस साल का एशिया कप पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन भारत ने वहां जाकर खेलने से मना कर दिया है, इसलिए अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि एशिया कप कहां होगा.
(भाषा इनपुट)
Source : News Nation Bureau