क्रिकेट में अक्सर ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जो कई सालों तक याद की जाती हैं. वहीं कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो सदियों तक याद की जाती हैं. अब क्रिकेट के मैदान पर एक ऐसी घटना हो गई है जो हमेशा याद रखी जाएगी. यह शायद पहली ऐसी घटना है जो इससे पहले कभी नहीं हुई. कोई टीम जब क्रिकेट के मैदान पर उतरती है तो बड़े से बड़ा स्कोर बनाना चाहती है, लेकिन अक्सर टीमें छोटे स्कोर पर भी आउट हो जाती हैं. लेकिन कभी आपने सुना है कि कोई टीम शून्य पर ही आउट हो गई हो. जी हां, अगर आपने अब तक नहीं सुना तो अब सुन लीजिए. एक क्रिकेट टीम ऐसी भी है जो शून्य पर ही आउट हो गई. टीम का कोई भी बल्लेबाज अपना खाता नहीं खेला सकता. टीम के सात रन बने, वह भी एक्सट्रा से बन गए, नहीं हो स्थिति और भी शर्मनाक हो सकती थी.
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मुंबई में खेले जा रहे U-16 क्रिकेट टूर्नामेंट हैरिस शील्ड (U-16 Harris Shield School Tournament) में बोरीवली के स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल और अंधेरी के चिल्ड्रन्स वेलफेयर सेंटर स्कूल के बीच क्रिकेट मुकाबला खेला गया. इस मैच में चिल्ड्रन्स वेलफेयर सेंटल स्कूल की टीम का कोई भी बल्लेबाज अपना खाता नहीं खोल सका, सभी बल्लेबाज शून्य पर आउट हो गए. मैच में चिल्ड्रन्स वेलफेयर सेंटल के कुल सात रन बने, जिसमें छह वाइड और एक बाई का रन था. अगर विपक्षी टीम वाइड और बाई के रन न देते तो पूरी टीम का स्कोर शून्य रन ही होता.
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चिल्ड्रन्स वेलफेयर सेंटल की पूरी टीम को पवेलियन भेजने के लिए दो ही गेंदबाज काफी रहे. आलोक पाल ने तीन ओवर गेंदबाजी की और तीन रन देकर छह विकेट चटकाए, वहीं दूसरे गेंदबाज वरोद वाजे ने दो विकेट लिए, उन्होंने अपने ओवर में तीन रन खर्च किए. दो बल्लेबाज रन लेने के प्रयास में रन आउट हो गए. इससे पहले जब स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल की टीम बल्लेबाजी कर रही थी, तब उसने 45 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 761 रन बना दिए थे. इसी स्कोर का पीछा करने के लिए विपक्षी टीम बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरी थी. भारतीय टीम के कई खिलाड़ी इस स्कूल का हिस्सा रह चुके हैं, जो आज भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं.
Source : News Nation Bureau