टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के दो सदस्य रूपिंदरपाल सिंह और बीरेंद्र लाकड़ा ने अपने शानदार करियर के बाद संन्यास लेने का फैसला किया है।
ड्रैग फ्लिकर और डिफेंडर रूपिंदरपाल ने पहले घोषणा की और बीरेंद्र ने बाद में संन्यास की घोषणा की। रूपिंदर और बीरेंद्र को दो साल के अंतराल के बाद टीम में वापस लाया गया था। उन्होंने टोक्यो में एक शानदार भूमिका निभाई, जिससे टीम को चार दशकों के अंतराल के बाद हॉकी में ओलंपिक पदक जीतने में मदद मिली।
भारतीय टीम को एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेना था, लेकिन महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था जिसके बाद दोनो खिलाड़ियों ने भी महसूस किया है कि उन्होंने वे सभी प्रमुख चीजें हासिल कर ली हैं । इन दोनो का फैसला भारतीय टीम में जरुर प्रभाव डालेगा क्योंकि टीम के दो बहतरिन डिफेंडर अब खेलते हुए नजर नहीं आएंगे।
2010 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू करने वाले रूपिंदर ने ओलंपिक में चार गोल किए और टीम में दूसरे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी थे। कुल मिलाकर, उन्होंने 223 सीनियर अंतरराष्ट्रीय मैचों में 119 गोल किए हैं।
बीरेंद्र टोक्यो ओलंपिक में टीम के संयुक्त उप-कप्तान और एक प्रमुख डिफेंडर रहे थे। बीरेंद्र ने 201 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए 10 गोल किए हैं।
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Source : IANS