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पाकिस्‍तानी घुड़सवार की बेशर्मी, घोड़े का नाम रखा आजाद कश्‍मीर, बदलने से भी किया मना

ओलंपिक खेलों (Olympic Games) की तैयारी इस वक्‍त पूरी दुनिया में चल रही है. सभी खिलाड़ी भी इसकी तैयारी में जुटे हैं. लेकिन इससे पहले ही खेल शुरू हों, पाकिस्‍तान (Pakistan) की एक नापाक हरकत सामने आई है.

Updated on: 09 Feb 2020, 04:13 PM

नई दिल्‍ली:

ओलंपिक खेलों (Olympic Games) की तैयारी इस वक्‍त पूरी दुनिया में चल रही है. सभी खिलाड़ी भी इसकी तैयारी में जुटे हैं. लेकिन इससे पहले ही खेल शुरू हों, पाकिस्‍तान (Pakistan) की एक नापाक हरकत सामने आई है. अब पाकिस्‍तान को पता है कि वह सीधे युद्ध में भारत से नहीं जीत सकता तो उसने जानवरों के नाम अजीब तरह के रखने शुरू कर दिए हैं, जो अचानक से चर्चा के केंद्र में आ गया है. हम बात कर रहे हैं, पाकिस्‍तान के घुड़सवार उस्‍मान खान (Pakistani equestrian Usman Khan) की, जो ओलंपिक में जाने वाले हैं और उन्‍होंने अपने घोड़े का नाम आजाद कश्‍मीर (horse name Azad Kashmir) रख लिया है. उस्‍मान खान से धोड़े का नाम बदलने के लिए कहा गया था, लेकिन उस्‍मान (Usman Khan) ने ऐसा करने से साफ मना कर दिया है. यह मामला आने वाले दिनों में तूल पकड़ सकता है. भारत की ओर से इस पर आपत्‍ति जताई गई है. बहुत संभव है कि इस मामले में पाकिस्‍तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़े.

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घुड़सवारी स्पर्धा में पाकिस्तान को पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कराने वाले उस्मान खान के घोड़े का नाम ‘आजाद कश्मीर’ है, जिस पर भारतीय ओलंपिक अधिकारी कानूनी सलाह ले रहे हैं. भारतीय ओलंपिक संघ के अधिकारी इस पर कानूनी मश्विरा लेने में जुटे हैं कि यह नाम राजनीति से प्रेरित है कि नहीं. ओलंपिक खेलों में एथलीटों के विरोध दर्ज करने और राजनीतिक भाव भंगिमाएं दिखाने पर रोक है. उस्मान खान ने कहा कि वह अपने घोड़े का नाम नहीं बदेलेंगे. 

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उस्मान खान ने ‘डॉन’ अखबार से कहा, यह बेकार का मुद्दा है. मेरे इरादे साफ हैं. घोड़े का नाम कश्मीर में हालात को देखते हुए नहीं रखा गया था. उस्मान खान आस्ट्रेलिया में बसे हैं और 38 साल के इस घुड़सवार ने कहा कि उन्होंने अप्रैल 2019 में घोड़े के नाम का पंजीकरण कराया था. उन्होंने कहा, यह कश्मीर में मौजूदा हालात से पहले ही हो चुका था. उस्मान ने कहा कि घोड़े का नाम पहले ‘हीयर टू स्टे’ था जिसे उन्होंने उसे खरीदने के बाद बदल दिया था. उस्मान खान ने 2014 और 2018 एशियाई खेलों दोनों के लिए भी क्वालीफाई कर लिया था लेकिन दोनों मौकों पर अपने घोड़े ‘अल-बुराक’ की यात्रा के लिए फंड नहीं जुटा सके थे. 

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आपको बता दें कि भारतीय फेडरेशन के मुताबिक यह ओलंपिक चार्टर रूल 50 के खिलाफ है, जो कहता है कि ओलंपिक के हर इवेंट, जगह या वेन्यू पर हर कीमत पर राजनीतिक तटस्थता बनाए रखना अनिवार्य है. किसी भी इशारे या वस्तु से किसी राष्ट्र की धार्मिक, राजनीतिक भावना को ठेस नहीं पहुंचाया जा सकता. अगर इसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराता है तो आरोपी देश का ओलंपिक कोटा रद किया जा सकता.