अब सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी गेंदबाजी और बल्लेबाजी भी कर सकेगा, आईसीसी ला रहा नियम
अगर मैदान पर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है, तो उसके स्थान पर आने वाला स्थापन्न खिलाड़ी अब बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी भी कर सकेगा.
highlights
- स्थापन्न खिलाड़ी अब बल्लेबाजी और गेंदबाजी भी कर सकेगा.
- 'कन्वेंशन सब्स्टीट्यूशन' के इस नियम पर आईसीसी कर रहा विचार.
- ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एरोन फिंच ने 'कन्वेंशन सब्स्टीट्यूशन' नियम की वकालत की थी.
नई दिल्ली.:
अगस्त में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच शुरू हो रही एशेज श्रंखला से सब्स्टीट्यूट (स्थापन्न) खिलाड़ी को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) एक नया नियम लागू कर सकता है. इस नियम के तहत अगर मैदान पर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है, तो उसके स्थान पर आने वाला स्थापन्न खिलाड़ी अब बल्लेबाजी के साथ-साथ गेंदबाजी भी कर सकेगा. ऐसे खिलाड़ी को 'कन्वेंशन सब्स्टीट्यूशन' कहा जाएगा. अभी तक नियमों के तहत स्थापन्न खिलाड़ी सिर्फ फील्डिंग ही कर सकता है.
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आईसीसी की वार्षिक कांफ्रेंस में होगी चर्चा
सूत्रों के अनुसार लंदन में आईसीसी की वार्षिक कांफ्रेंस में इस नियम पर चर्चा होगी. माना जा रहा है कि स्थापन्न खिलाड़ी को लेकर यह नया नियम जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लागू किया जा सकेगा. गौरतलब है कि 2019 वर्ल्ड कप में दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला और फिर ऑस्ट्रेलिया के एलेक्स कैरी अलग-अलग मैचों में जोफ्रा आर्चर की गेंद पर चोटिल हो गए थे. अमला ने तो मैदान छोड़ दिया था, जबकि एलेक्स कैरी ने चोटिल होने के बावजूद चेहरे पर पट्टी बांध कर मैच खेला था.
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एरोन फिंच ने की नए नियम की वकालत
इस साल की शुरुआत में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई श्रीलंका टीम के कुशल मेंडिस और दिमुथ करुणारत्ने के सिर पर गेंद से चोट लगी थी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया था और केवल करुणारत्ने को ही आगे खेलने की अनुमति दी गई थी. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के कप्तान एरोन फिंच ने 'कन्वेंशन सब्स्टीट्यूशन' नियम की वकालत की थी. हालांकि इस तरह के नियम की चर्चा ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी फिल ह्यूज की मौत के बाद ही शुरू हो गई थी. ह्यूज नवंबर 2014 में शैफील्ड शील्ड मैच में सिर में चोट लगने से घायल हो गए थे और बाद में उनकी मौत हो गई थी.
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फिलहाल स्थापन्न खिलाड़ी सिर्फ फील्डिंग कर सकता है
फिलहाल आईसीसी के नियमों के तहत यदि कोई बल्लेबाज या गेंदबाज चोटिल होने के बाद मैदान छोड़ देता है, तो उसका स्थापन्न खिलाड़ी मैदान में लाया जाता है. यह अलग बात है कि वह स्थापन्न खिलाड़ी सिर्फ फील्डिंग ही कर सकता है, बल्लेबाजी या गेंदबाजी नहीं कर सकता है. हालांकि 'कन्वेंशन सब्स्टीट्यूशन' नियम लागू होने के बाद मैदान में आने वाला स्थापन्न खिलाड़ी फील्डिंग के अलावा बल्लेबाजी औऱ गेंदबाजी भी कर सकेगा.
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घरेलू क्रिकेट में हो चुका है परीक्षण
घरेलू स्तर पर आईसीसी ने 2017 में परीक्षण बतौर सिर में लगने वाली चोट से बेहोशी आने पर स्थानापन्न खिलाड़ी उतारने की शुरुआत की थी. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 2016-17 सत्र से पुरुष और महिला वनडे कप और बीबीएल तथा महिला बीबीएल में इस तरह के स्थापन्न खिलाड़ी उतारने की व्यवस्था की, लेकिन शैफील्ड शील्ड में इसे लागू करने के लिए उसे मई 2017 तक आईसीसी की मंजूरी का इंतजार करना पड़ा था.
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