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निदाहास ट्रॉफी फाइनलः मैं रूबेल से दोबारा 19वां ओवर फेंकने को कहूंगा: शाकिब अल हसन

निदाहास ट्रॉफी के फाइनल में भारत के हाथों जीत के करीब आकर मात खाने के बाद भी बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन उस पर पछताना नहीं चाहते।

Updated on: 19 Mar 2018, 04:36 PM

कोलंबो:

निदाहास ट्रॉफी के फाइनल में भारत के हाथों जीत के करीब आकर मात खाने के बाद भी बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन उस पर पछताना नहीं चाहते। उन्होंने कहा है कि अगर इस मैच जैसी परिस्थति दोबारा आती है तो वह एक बार फिर रूबेल हुसैन को 19वां ओवर देंगे।

रुबेल ने 19वें ओवर में 22 रन खर्च किए थे और यहीं से मैच बांग्लादेश के हाथ से निकलना शुरू हो गया था।

भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने इस मैच में आठ गेंदों में 29 रनों की पारी खेल बांग्लादेश के मुंह से जीत छीन ली थी।

कार्तिक जब बल्लेबाजी करने आए तब भारत का स्कोर 18 ओवरों की समाप्ति पर पांच विकेट पर 133 रन था। भारत को जीत के लिए आखिरी दो ओवरों में 34 रनों की दरकार थी और कार्तिक ने आते ही रुबेल द्वारा फेंके गए 19वें ओवर में दो शानदार छक्कों की मदद से 22 रन बटोरे और आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर छक्का मार बांग्लादेश को खिताबी जीत से महरूम रख दिया।

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शाकिब ने कहा कि रुबेल ने रणनीति के हिसाब से ही गेंदबाजी की थी, लेकिन कार्तिक की बल्लेबाजी अलग ही थी।

डेली स्टार ने शाकिब के हवाले से लिखा है, 'ईमानदारी से कहूं तो उन्होंने रणनीति के बाहर जा कर कुछ भी नहीं किया। मैं नहीं जानता कि ऐसे भी बल्लेबाज हैं जो आते ही छक्का मार सकते हैं और अगली गेंद पर चौका और फिर छक्का।'

शाकिब ने कहा, 'इस तरह की बल्लेबाजी इतिहास में कम हुई हैं, वह चमत्कारिक बल्लेबाजी थी, लेकिन कार्तिक ने ऐसा किया। जाहिर सी बात है पहली दो गेंदों पर रुबेल 10 रन देने के बाद घबरा गए थे। लेकिन अगर भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा आती है तो मैं उन्हें दोबार ओवर दूंगा।'

बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट में बांग्लादेश लगातार पांचवीं बार फाइनल में हारी है।

बांग्लादेश ने हालांकि इस टूर्नामेंट में दो बार श्रीलंका को मात देकर फाइनल में जगह बनाई थी।

इस टूर्नामेंट से हासिल सकारात्मक पहलूओं के बारे में शाकिब ने कहा, 'मैं किसी तरह की नकारात्मक चीजें नहीं देखता हूं। हमने दो मैच जीते, हम दो मैच और जीत सकते थे, लेकिन हम काफी करीब से हार गए।'

कप्तान ने कहा, 'अगर हम छोटी-छोटी चीजों पर काम करें तो हम काफी कुछ कर सकते हैं और यह हमारे लिए नया अध्याय शुरू कर सकता है।'

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